- आईजी संजय कुमार मिश्रा की कार्रवाई के बाद बंद अवैध धंधों को फिर से करा दिया चालू
ROURKELA. राउरकेला स्टेशन पर इन दिनों आरपीएफ आईजी के आदेश को सीधी चुनौती मिल रही है. आईजी की सीधी कार्रवाई के बाद अक्टूबर 2023 से स्टेशन से बाहर निकाल दिये गये अवैध वेंडरों की पहुंच एक बार फिर से स्टेशन से लेकर ट्रेनों तक हो चुकी है. रात की कौन पूछे दिन के उजाले में भी खुलेआम सड़ी-गली खाने-पीने की चीजें ऊंची कीमत पर बेचकर यात्रियों को शिकार बनाने का काम शुरू हो गया है. सवाल यह उठाया जा रहा कि क्या आरपीएफ प्रभारी गौतम कुमार गांधी की सहमति के बिना यह सब हो रहा ? अगर ऐसा तो क्या राउरकेला आरपीएफ पोस्ट का लुकआफ्टर प्रभार देख रहे गौतम कुमार गांधी आईजी के आदेश को सीधी चुनौती तो नहीं दे रहे ? इस बात की चर्चा डिवीजन से लेकर जोन तक हो रही है.
कारण व परिणाम के बीच सोचने वाली बात यह है कि यह सब उस राउरकेला स्टेशन पर हो रहा है जहां छह माह पूर्व ही आईजी संजय कुमार मिश्रा ने मिल रही सूचनाओं के बाद खुद औचक निरीक्षण कर आरपीएफ प्रभारी शिव लहरी मीना पर सीधी कार्रवाई की थी. उन्हें न सिर्फ सस्पेंड किया गया बल्कि उन्हें डिग्रेड कर सब इंस्पेक्टर बना दिया गया था. इसके बाद कुछ दिनों तक सब कुछ शांत रहा फिर धीरे-धीरे यहां अवैध गतिविधियां परवान चढ़ने लगी है. यह सब उस राउरकेला में हो रहा जहां दर्जनों सीसीटीवी कैमरे लगे है जिनकी मॉनिटिरंग स्टेशन से लेकर डिवीजन और जोनल मुख्यालय तक से संभव है. पूरे मामले में कमर्शियल की भूमिका भी संदिग्ध बन गयी है.
स्टेशन से ट्रेनों में धमाचौकड़ी मचा रहे अवैध वेंडर, टकराव की बढ़ी आशंका
हकीकत है कि राउरकेला स्टेशन पर अवैध हॉकरों की बढ़ती संख्या फिर से चिंता बढ़ाने लगी है. अवैध वेंडिंग कराने वाले लोगों में इस बात को लेकर टकराव शुरू हो गया है कि किसके कितने लोग वेंडिंग करेंगे. बताया जा है कि स्टेशन पर फेरी करने के लिए वेंडरों की संख्या बढ़ाने की अनुमति सीधे तौर पर आरपीएफ प्रभारी गौतम कुमार गांधी से ही लेनी होती है. बीते एक माह में स्टेशन पर अवैध वेंडरों की संख्या दो दर्जन से अधिक बढ़ जाने की बात कही जा रही है. ये लोग कमाई के लिए एक-दूसरे से भिड़ने को तैयार हैं. यह टकराव का कारण बन सकता है. ये बातें अब मीडिया में भी आने लगीं हैं. अवैध वेंडरों के यहां तीन बड़े ऑपरेटर है. इनमें एक होटल संचालक, दूसरा महिला रेलकर्मी का पति तो तीसरा एक अधिकारी का संबंधी शामिल है.
दिलचस्प है कि राउरकेला स्टेशन और ट्रेनों में अवैध वेंडरों से जुड़े समाचार मीडिया में प्रकाशित होने पर आरपीएफ प्रभारी गौतम कुमार गांधी चिंतित नहीं हैं. वह बल के लोगों के सामने बेखौफ टिप्पणी कर रहे कि जिसे जो लिखना है लिखे, अधिक से अधिक उनका तबादला ही तो होगा ? वह तो वैसे भी लुक आफ्टर में है. आरपीएफ आईजी संजय कुमार मिश्रा के शांत स्वभाव से वाफिक हर इंस्पेक्टर यह बात समझता है कि उनके खिलाफ जांच व कार्रवाई इतनी आसान नहीं है. इसमें लंबा समय लगेगा, तब तक तो वह समेट कर चलते बनेंगे.
राउरकेला पोस्ट को मिले तीन लुक आफ्टर प्रभारी, आईजी क्यों हैं मौन
राउरकेला में शिवलहरी मीना को सस्पेंड किये जाने के बाद से तीन-तीन इंस्पेक्टरों को लुक ऑफटर दिये जाने की कहानी भी दिलचस्प है. पहले यहां का चार्ज बंडामुंडा के ओसी अरुण टोकस को दिया गया. कुछ दिनों बाद ही इसका प्रभार झारसुगुड़ा ओसी राकेश मोहन को सौंप दिया गया. इसके बाद कंट्रोल से गौतम कुमार गांधी यहां भेजे गये जो अब तक यहां अस्थायी प्रभार में हैं. अब विचारने वाली बात है कि एक बड़े पोस्ट का छह माह में तीन-तीन प्रभारियों को लुक ऑफ्टर देने के पीछे चक्रधरपुर कमांडेंट की क्या मंशा हो सकती है ?
वेंडरों की तलााश करने वाले एएससी भी अब मौन !
राउरकेला स्टेशन पर अवैध वेंडरों की बढ़ती संख्या पर आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त एके सिंह ने भी कुछ दिनों पहले चिंता जतायी थी. वह स्वयं स्टेशन आकर इसकी जांच तक करने लगे और अपने लोगों को यहां तक ताकीद कर रखा था कि अगर कोई अवैध वेंडर दिखा तो उनकी खैर नहीं. हालांकि इसके बावजूद अवैध वेंडिंग जारी रही. इसके पीछे उनके ही विभाग के लोगों का सूचना तंत्र काम कर रहा था तो हर पल की सूचना वेंडरों तक उनके पहुंचाने से पहले पहुंचा देता था. इनमें अग्रणी नाम बंटी सिंह का है जो कभी शिवलहरी मीना का स्पेशल हुआ करता था. वह लगातार संदिग्ध भूमिका के बावजूद अब भी स्टेशन पर पदस्थापित है.
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