कानपुर. अमृतसर में रावण दहन देख रहे लोगों को ट्रेन से कुचलने की घटना के बाद दिल्ली-हावड़ा मार्ग के फतेहपुर में बड़ी संख्या में बंदर ट्रेन की चपेट में आ गये है. इसमें कुल 20 बंदरों की मौत हो गयी है. बंदरों का झुंड रेलवे ट्रैक पर बैठा था तभी लिच्छवी एक्सप्रेस उन्हें रौंदते हुए गुजर गई. फतेहपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या-3 पर शुक्रवार की रात बंदरों का झुंड आ गया था. यात्रियों ने ट्रेन आने की आशंका से उन्हें भगाने का प्रयास किया, लेकिन बंदरों ने लोगों को हमला करने की चेतावनी दी. यात्री भय से पीछे हट गए.
रात करीब दस बजे तेज रफ्तार से गुजरी लिच्छवी एक्सप्रेस बंदरों के झुंड को रौंदते हुए गुजर गई. 20 बंदरों की मौत हो गयी जबकि कई बंदर घायल भी हो गए. बंदरों के चीथड़े उडऩे से खून की छींटे स्टेशन के प्लेटफार्म तक पहुंच गये. देर रात हादसे के बाद बंदरों के शव ट्रैक पर पड़े थे. इसके कुछ देर बाद ही सैकड़ों की संख्या में बंदरों का हुजूम रेलवे ट्रैक पर जुट गया. पूरी रात बंदर स्टेशन परिसर के हर कोने में जमे रहे. आलम यह था कि मौजूद यात्री और पुलिस के जवान भी बंदरों को हटाने की हिम्मत नहीं जुटा सके. यात्रियों का कहना था कि अगर लोको पायलट हॉर्न बजाता होता तो शायद बंदरों की जान बच सकती थी. शनिवार की सुबह बंदरों का झुंड रेलवे स्टेशन से कहीं चला गया. इसके बाद कर्मचारियों ने रेल पटरी से मृत बंदरों को हटाकर सफाई की. बंदरों के शवों को दफना दिया गया.