BILASPUR. बिलासपुर से मजदूर कांग्रेस नेता के रूप में रेलवे यूनियन का सफर शुरू करने वाले केएस मूर्ति का शनिवार की सुबह विशाखापट्टनम में निधन हो गया. 89 वर्षीय केएस मूर्ति पक्षाघात से पीड़ित होने के बाद यहां रह रहे थे. चार दशक तक रेलवे यूनियन में शिखर पर रहे केएस मूर्ति का अंतिम समय परेशानियों से घिरा रहा. रेलवे मेंस कांग्रेस की भीतरी लड़ाई से जूझते केएस मूर्ति को स्वास्थ्य ने बड़ा झटका दिया और तीन साल पूर्व से वह सक्रिय यूनियन की राजनीति से बाहर निकल चुके थे.
बिलासपुर में आपरेटिंग विभाग से उन्होंने बतौर डीटीआई रेलवे में अपनी सेवा शुरू की थी. उस समय दक्षिण पूर्व रेलवे संयुक्त जोन हुआ था जिसका परिक्षेत्र कोलकाता से नागपुर तक था. केएस मूर्ति ने संयुक्त दक्षिण पूर्व रेलवे के समय वर्किंग जेनरल सेक्रेंटी की जिम्मेदारी निभायी. हालांकि उनका टकराव तत्कालीन जेनरल सेक्रेटी शशिभूषण राव से हुआ. यह टकराव चार साल से अधिक समय तक चला था.
इसके बाद विवाद को पदों के बंटवारे से सुलझाया गया. तब शशिभूषण राव अध्यक्ष और केएस मूर्ति रेलवे मेंस कांग्रेस के महासचिव बने थे. हालांकि यह गठबंधन अधिक दिनों तक नहीं चला और टकराव बढ़ता गया. इसके बाद जोन के तीन हिस्सों में बंटने के बाद भी केएस मूर्ति ने दक्षिण पूर्व रेलवे और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मेंस कांग्रेस में महासचिव का पद संभाला. वहीं ईस्ट कोस्ट में उन्होंने अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभायी.
पत्नी व पुत्र के गुजर जाने के बाद बहू को अनुकंपा पर तत्कालीन वाल्टेयर में नौकरी लगी. इसके बाद केएस मूर्ति का अधिकांश समय वहां गुजरने लगा था. दक्षिण पूर्व रेलवे में भी अतिरिक्त महासचिव एसआर मिश्रा से उनका टकराव जगजाहिर रहा. यहां भी टकराव व कानूनी पेचिदगियों को बाद बिलासपुर की कहानी दोहरायी गयी थी. तब केएस मूर्ति अध्यक्ष व एसआर मिश्रा महासचिव बनाये गये थे. हालांकि बाद में यह विवाद तकनीकी पेच में फंस गया. रेलवे मेंस कांग्रेस के अलावा कई नेताओं ने केएस मूर्ति के निधन पर शोक जताया है.
केएस मूर्ति को श्रद्धांजलि, अनुभवी ट्रेड यूनियन नेता और एनएफआईआर के उपाध्यक्ष, अपनी बीमारी से लंबी लड़ाई के बाद वीएसकेपी स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. 24 अपने ट्रेड यूनियन करियर की शुरुआत छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से की थी. एक समय उन्होंने मेन्स कांग्रेस, एसईरेलवे के महासचिव, श्रमिक कांग्रेस ईस्ट कोस्ट रेलवे और श्रमिक कांग्रेस एसईसी रेलवे के महासचिव के रूप में काम किया. उनका अंतिम संस्कार कल वीएसकेपी में होगा.
तापस चटराज, पूर्व संयुक्त महासचिव, एआईजीसी