बरेली. 22 लाख के पेंड्रोल क्लिप घोटाला में साक्ष्य छुपाने के लिए आरपीएफ मुख्यालय ने तीन आरपीएफ इंस्पेक्टरों समेत पांच लोगों को निलंबित कर दिया है. निलंबित होने वालों में बरेली के आरपीएफ इंस्पेक्टर विपिन सिसौदिया, मुरादाबाद सीआईबी शाखा के इंस्पेक्टर रवित शर्मा, आरपीएफ कमांडेंट के दफ्तर में तैनात इंस्पेक्टर सीपी सिंह, चंदौसी और मुरादाबाद के दो अन्य आरपीएफ कर्मी शामिल हैं.
जांच में यह बात सामने आयी कि रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर दिनेश प्रसाद लोहानी ने सेवानिवृत्ति के एक सप्ताह पहले गोदाम से मुरादाबाद, आंवला, चंदौसी, बरेली आदि के लिए ट्रैक मेंटेनेंस करने का काम कागज पर दिखाकर बड़ी रकम की निकासी की. रेलवे ट्रैक फिटिंग्स का सामान कार्य में दिखाकर उसे मुरादाबाद के एक रेल ठेकेदार राजेश खन्ना को बेच दिया गया था. आरपीएफ की सीआईबी और बरेली जंक्शन की आरपीएफ टीम ने इस मामले की जांच की थी.
बरेली के सेवानिवृत्त सीनियर सेक्शन इंजीनियर दिनेश प्रसाद लोहानी से आरपीएफ इंस्पेक्टर विपिन सिसौदिया ने पूछताछ की थी. यह घोटाला पिछले साल 31 जुलाई को सामने आया था. बरेली जंक्शन आरपीएफ ने सीबीगंज स्थित सेंट्रल रेल गोदाम 22 लाख की हेराफेरी पकड़ी. इसमें कागज पर ही ट्रैक मेंटेनेंस उपकरण पेंड्रोल क्लिप, पिन आदि का उपयोग दिख्राया गया.
आरपीएफ आईजी ने इस मामले में रामपुर आरपीएफ को भी जांच सौंपी थी. फिर जांच का जिम्मा मुरादाबाद सीआईबी के इंस्पेक्टर रवित शर्मा को दिया गया. यह मामला दबा दिया गया. आरपीएफ मुख्यालय ने लंबे समय तक निष्कर्ष सामने नहीं आने पर तीन इंस्पेक्टर समेत पांच को लापरवाही और तथ्यों को छिपाने का दोषी पाया. इसके बाद बरेली के आरपीएफ इंस्पेक्टर विपिन सिसोदिया, मुरादाबाद सीआईबी शाखा के इंस्पेक्टर रवित शर्मा, आरपीएफ कमांडेंट के दफ्तर में तैनात इंस्पेक्टर सीपी सिंह, चंदौसी और मुरादाबाद के दो अन्य आरपीएफ कर्मी को लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया. मामले की जांच की जा रही है.