Jabalpur : जबलपुर के केंद्रीय रेलवे अस्पताल से पांच लाख से अधिक की दवा और इंजेक्शन गायब होने की जांच की जा रही है. यह माना जा रहा है कि केंद्रीय अस्पताल में दवा की चोरी हो गयी है. चोरी होने वाली दवाओं में ज्यादातर डायबिटीज के इंजेक्शन थे. इनकी आपूर्ति फरवरी माह में ही की गयी थी. हालांकि चोरी की जानकारी चार अगस्त के बाद हुई है.
रेलवे अस्पताल प्रबंधन की शिकायत पर आरपीएफ की टीम ने जांच शुरू कर दी है. चार अगस्त को स्टाक के मिलान में दवा गायब होने का पता चलने की बात कही गयी है. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन और स्टोर से जुड़े कर्मचारियों से पूछताछ की गयी है. आरपीएफ के सूत्राें के अनुसार मामले में अब तक स्टोर के प्रभारी ज्ञानेंद्र श्रीवास्तव और डाॅ कमलेश से पूछताछ की गयी है.
पांच लाख से अधिक की दवा अस्पताल के स्टोर से चोरी हुई हैं. आरपीएफ की टीम इसकी जांच कर रही है. दवाईयां कितनी थीं और कैसे और कब चोरी हुई, यह जांच में सामने आ आयेगा. -राहुल श्रीवास्तव, सीपीआरओ, जबलपुर.
ऐसा बाया जाता हैकि अस्पताल प्रबंधन को चोरी का पता दो माह पहले ही चल गया था. हालांकि इस मामले को पहले दबाने की कोशिश की गयी. इसके लिए दवाओं का स्टॉक को इधर से उधर किया गया. इसमें स्टोर प्रभारी और अस्पताल के कर्मचारी भी शामिल थे. आखिरकार बाद में यह मामला ऊपर गया और जांच की बात आयी. चार अगस्त को अस्पताल प्रबंधन ने आरपीएफ को इसकी लिखित सूचना दी है.
इसके बाद मामले की जांच आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर की निगरानी में शुरू की गयी है. आरपीएफ यह पता लगा रहा है कि चोरी में अस्पताल के कर्मचारियों की भूमिका भी तो नहीं है ? इतनी बड़ी मात्रा में दावा व इंजेक्शन को कैसे गायब किया गया? इसमें बाहर के लोग भी शामिल थे या इसे सुनियोजित रूप से गायब किया गया है.
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