- बड़ी कम्पनियों में इंटर्नशिप की घोषणाएं तो हुई लेकिन सरकारी विभागों में 20 लाख से अधिक रिक्तियों पर सरकार मौन रही
- न्यूनतम पेंशन पर लगातार कर्मचारियों को गुमराह किया जा रहा है, सरकार और NJCA को पूरी स्थिति स्प्ष्ट करनी चाहिए
भारतीय रेलवे मजदूर संघ (BRMS) के संगठन मंत्री राधा बल्लभ ने केंद्रीय बजट को सरकारी कर्मचारियों के लिए निराशा जनक करार दिया है. अपने जारी बयान में उन्होंने बताया कि बजट में NPS का नाम तो वित्त मंत्री महोदया ने लिया लेकिन इतना कहकर कर्मचारियों को निराश किया कि NPS मे जरूरी सुधार जारी रहेंगे. वित्त मंत्री ने नेशनल कॉउन्सिल जेसीएम का आभार भी जताया. सभी जानते है कि लाल झंडा और इंटक का नेशनल कॉउन्सिल JCM में आधिपत्य है. अब तक किसी वित्त मंत्री ने इन संगठनों के प्रति इस प्रकार आभार ब्यक्त नहीं किया है. बजट में सरकार अपना निर्णय स्प्ष्ट करती है लेकिन वित्त मंत्री ने NPS को भविष्य के लिये छोड़ दिया.
बल्लभ ने कहा कि आठवें वेतन आयोग का मामला भी टाल दिया गया. बजट में रोजगार को लेकर बड़ी कम्पनियों में इंटर्नशिप की घोषणाएं तो हुई लेकिन सरकारी विभागों में 20 लाख से अधिक रिक्तियों पर कुछ नहीं कहा गया. करमुक्त आय की सीमा भी 8 लाख तक की जानी चाहिये थी जो नहीं की गयी.
नेशनल काउंसिल की बात करें तो एक ग्रुप कहता है कि न्यूनतम पेंशन 10 हजार रुपये NPS के अंतर्गत देने को तैयार है. फैमली पेंशन 5000 रुपये देने की बात कर रहे है जबकि अभी न्यूनतम फैमिली पेंशन NPS को 9000 रुपये मिल रही. दूसरा ग्रुप इंटक का घोषणा कर रहा कि सरकार अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन महंगाई राहत के साथ देने को NPS के अंतर्गत देने को तैयार है. सच क्या है? क्यों लोगों को गुमराह किया जा रहा है. सरकार और NJCA को स्प्ष्ट करना चाहिये.
राधा बल्लभ ने कहा कि NJCA का एक ग्रुप ऐसा भी है जो NJCA और NPS कमेटी का बायकाट कर रहा है. NJCA के लोग 2004 से 2010 तक चुप्पी मारकर बैठे थे. कभी भी NPS को समाप्त करने या सुधार करने की बात नहीं की. 20 साल बाद इन्हें लोकसभा चुनाव के पहले NPS की याद आयी और घोषणा की कि हमें NPS में सुधार नहीं चाहिये बल्कि OPS चाहिये. अब फिर बात कर रहे हैं NPS में सुधार की.
राधा बल्लभ ने दावा किया कि भारतीय रेलवे मजदूर संघ BRMS की हमेशा से मांग रही है कि हमें अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत गारेण्टेड पेंशन चाहिए. महंगाई राहत और वेतन आयोग के द्वारा संशोधन तथा 80, 85, 90, 95, और 100 साल में वृद्धि की जाये. यही मांग 22 नबम्बर 2023 को रैली के बाद अपने ज्ञापन में की गयी. यही मांग बजट पूर्व वार्ता में भारतीय मजदूर संघ ने वित्त मंत्री से की. आज भी इसी मांग पर अडिग है. बस कर्मचारियों का सहयोग चाहिए.
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