- मुम्बई सेंट्रल की सीनियर डीसीएम के खिलाफ टिकट चेकिंग स्टाफ ने सोशल मीडिया पर खोला मोर्चा
- महिला टीटीइ को अधिक इमानदार बताये जाने पर उठे आक्रोश के स्वर, आठ मार्च से होनी है तैनाती
मुंबई. पश्चिम रेलवे के मुख्य वाणिज्य प्रबंधक ने मुंबई सेंट्रल, वड़ोदरा, रतलाम, अहमदाबाद, राजकोट और भावनगर मंडलों के सीनियर डीसीएम को भेजे आदेश में माह में कम राजस्व वसूलने वाले टिकट चेकिंग स्टाफ का टीए तत्काल प्रभाव से बंद करने को कहा है. आदेश में यह भी कहा गया है कि स्टाफ के कार्य में प्रगति नहीं होने और लगातार स्थिति पूर्ववत रहने पर उक्त चेकिंग स्टॉफ का नाम इंटर डिवीजन ट्रांसफर के लिए अनुशंसा के साथ भेजा जाये. सीसीएम के इस आदेश से पांच रेल मंडल के टिकट चेकिंग स्टॉफ में गहरा आक्रोश है. ऐसा ही आदेश मध्य रेलवे में भी सीसीएम की ओर से दिये जाने की खबर है. सीसीएम के आदेश के विरोध में 23 फरवरी को सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ की अगुवाई में मुंबई मंडल के टिकट चेकिंग स्टाफ ने डीआरएम कार्यालय पर धरना देकर सीसीएम, डीआरएम व सीनियर डीसीएम के खिलाफ प्रदर्शन् किया.
उधर, दूसरी ओर मुंबई सेंट्रल डिवीजन की सीनियर डीसीएम के आदेश के खिलाफ मंडल के टिकट चेकिंग स्टॉफ गोलबंद है. टिकट चेकिंग स्टाफ ने बकायदा सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर सीनियर डीसीएम के उन बयानों पर आपत्ति जतायी है जिसमें उन्होंने पुरुष टीटीई को भ्रष्ट बताते हुए शताब्दी एक्स में महिला टीटीई को डयूटी देने की बात कही है. पूरे विवाद की जड़ में राजस्व वसूली का लक्ष्य है. बताया जाता है कि हर वित्तीय वर्ष के अंतिम तीन माह में राजस्व टारगेट टिकट चेकिंग स्टाफ को दिया जाता है. हालांकि बताया जाता है कि रेलवे बोर्ड द्वारा ऐसा कोई निर्देश जोनल रेलों को नहीं दिया जाता लेकिन जोन से प्रत्येग टिकट चेकिंग स्टाफ को हर दिन और माह का ‘टारगेट’ दे दिया जाता है. टिकट चेकिंग स्टाफ इस राजस्व लक्ष्य को पाने के लिए एड़ी चोटी एक कर देते है,, इसमें कई उचित और अनुचित हथकंडों का भी इस्तेमाल किया जाता है. सीनियर डीसीएम द्वारा एक लाइन से सभी टिकट चेकिंग स्टाफ को भ्रष्ट और कामचोर बताने से अधिक नाराजगी है. यही कारण है कि अपना आक्रोश टिकट चेकिंग स्टाफ सोशल मीडिया पर निकाल रहे है.
बताया जाता है कि मुंबई सेंट्रल मंडल की सीनियर डीसीएम ने यहां तक कह दिया कि सभी पुरुष टीटीई भ्रष्ट हैं, इसलिए अब शताब्दी एक्सप्रेस में महिला टीटीई को भेजा जाएगा. इसे लेकर सभी टिकट चेकिंग स्टाफ नाराज है. सोशल मीडिया पर सीनियर डीसीएम के खिलाफ आक्रोश जताया जा रहा. सोशल मीडिया पर चलायी जा रही मुहिम में सभी पुरुष स्टाफ से एकजुट होकर शताब्दी एक्सप्रेस में ड्यूटी करने से इनकार करने का अनुरोध किया गया है. सीनियर डीसीएम ने अपने आदेश में महिला टीटीई को 8 मार्च से शताब्दी में डयूटी देने की बात कही है. जबकि टिकट चेकिंग स्टाॅफ का कहना है कि शताब्दी, राजधानी, दूरंतो जैसी प्रीमियम गाड़ियों के लिए स्टाॅफ का विशेष रूप से चयन किया जाता रहा है, ऐसे में अचानक बिना किसी प्रक्रिया के महिला टीटीइ को शताब्दी में डयूटी पर भेजा जाना भेदभाव ही है. सोशल मीडिया पर उठाये जा रहे तर्क के अनुसार अगर महिला टीटीई ज्यादा ईमानदार हैं, तो शताब्दी के साथ ही उन्हें तत्काल राजधानी और दूरंतो गाड़ियों में भी लगाया जाना चाहिए.
उधर महिला टीटीइ की डयूटी शताब्दी एक्सप्रेस में लगाये जाने के पीछे अधिक राजस्व वसलूी को मुख्य कारण बताया जा रहा है. इसका विरोध पुरुष टीटीइ कर रहे है. रेलमंत्री पीयूष गोयल ने आठ मार्च महिला दिवस पर मुम्बई -अहमदाबाद शताब्दी में महिला टीटीइ को डयूटी देने की बात कही है. पश्चिम रेलवे महिला टीटीइ की तैनाती को महिला सशक्तीकरण का उदाहरण बता रहा है जबकि इस निर्णय का विरोध पुरुष टीटीइ कर रहे है.