नई दिल्ली. दिल्ली और वाराणसी के बीच प्रस्तावित हाईस्पीड रेलवे कॉरिडोर के निर्माण लेकर हाल में फिजिबिलिटी रिपोर्ट पेश की गई. इस दौरान रेलमार्ग पर घुमावदार रास्तों को लेकर कुछ सवाल भी उठे वहीं सूत्रों के अनुसार बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा के लिए पिछले सप्ताह रेलवे बोर्ड के सचिव आर एन सिंह की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में कई फैसले भी लिए गए. हालांकि पहले खबर थी कि फिजिबिलिटी रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया है लेकिन बाद में रेलवे ने बयान जारी कर कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है और परियोजना पर अभी भी काम चल रहा है.
नेशनल हाई स्पीड कॉर्पोरेशन लिमिटेड की फिजिबिलिटी रिपोर्ट में कहा गया कि कॉरिडोर को राष्ट्रीय राजमार्ग-2 के साथ-साथ बनाया जाए इससे सस्ती दर पर भूमि अधिग्रहण किया जा सकेगा.
वहीं दूसरी तरफ जानकारी मिली कि नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने फिजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट पेश की. फिजिबिलिटी रिपोर्ट में प्रस्ताव किया गया था कि कॉरिडोर को राष्ट्रीय राजमार्ग-2 के साथ-साथ बनाया जाए. रिपोर्ट में कहा गया कि इससे सस्ती दर पर भूमि अधिग्रहण करने और निर्माण की लागत कम करने में मदद मिलेगी. रेलवे के अनुसार परियोजना पर लगातार काम चल रहा है और किसी भी रिपोर्ट को नकारा नहीं गया है. फिलहाल सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जा रहा है.
अधिकारियों ने कहा कि हाई-स्पीड कॉरिडोर बनाने के लिए प्रति किलोमीटर करीब 200 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. रेलवे बोर्ड ने सुझाव दिया है कि फिलहाल के लिए 160-200 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों के परिचालन पर ध्यान होना चाहिए. अधिकारियों ने कहा कि अगले तीन साल में करीब 400 ऐसी ट्रेनें उपलब्ध होंगी और विभिन्न मार्गों पर इनका इस्तेमाल किया जा सकता है.
# Delhi and Varanasi High Speed Railway Corridor # Feasibility report