बेंगलुरू. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार 10 जून की दोपहर में मेंगलुरु सेंट्रल स्टेशन के पास स्थित रेलवे स्वास्थ्य इकाई पर छापा मारकर अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सहित तीन लोगों को फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट गोलमाल में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है. बताया जता है कि संगठित रैकेट एक साल से दक्षिण रेलवे, दक्षिण पश्चिम रेलवे और कोंकण रेलवे के लिए 1500 से अधिक फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किए जा चुका है.
सीबीआई ने अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ शिवशंकर मूर्ति, फार्मासिस्ट विजयन वीए और दलाल इब्राहिम को गिरफ्तार किया है. सीबीआई की टीम ने स्वास्थ्य इकाई से 1500 पन्नों का दस्तावेज भी जब्त किया है. यहां से फर्जी सर्टिफिकेट लाइसेंस प्राप्त वेंडर, पोर्टर्स, प्लेटफॉर्म पर हाउसकीपिंग स्टाफ और ट्रेनों में कैटरर्स को जारी किये गये थे. रेलवे नियमों के अनुसार इन्हें हर साल फिटनेस मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करना होता है तभी उन्हें काम करने की अनुमति मिलती है.
बताया जाता है कि मेंगलुरु रेलवे यूनिट से एक दलाल की मदद से स्वास्थ्य इकाई के लोगों व्हाट्सएप पर ही चिकित्सा प्रमाण पत्र जरूरत के अनुसार उपलब्ध करा देते थे. इसके लिए आधार कार्ड लेकर तुरंत चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता था. यह पता चला है कि इस मद में 525 रुपये का ऑनलाइन भुगतान भी लिया गया. बिना किसी जांच के मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करना अवैध व फर्जी है.
बड़ी बात यह है कि एसआर और एसडब्ल्यूआर में रेलवे अस्पताल होने के बावजूद कई लोग अपनी सुविधा और आसानी के लिए मंगलुरु स्वास्थ्य इकाई से फिटनेस प्रमाण पत्र बनाते थे. मिल रही शिकायतों पर सीबीआई की नजर थी. इसके बाद सीबीआई की टीम ने जाल बिछाकर जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया है. आगे की जांच चल रही है.