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दक्षिण पश्चिमी रेलवे में चार संगठनों के बीच आमने-सामने का टकराव, 38 हजार कर्मचारी देंगे वोट

रेलवे यूनियन चुनाव के लिए वोटर लिस्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू, जनसंपर्क में जुटे नेता

Hubli.  रेलवे में 11 साल बाद होने  जा ट्रेड यूनियन चुनाव को लेकर सभी जोन में तैयारियां तेज हैं. रेल प्रशासन मतदान कराने की तैयारियों जुटा है तो यूनियनें रेलकर्मियों के बीच अपनी उपलब्धियों को लेकर जा रही है ताकि उनके संगठन का वोट प्रतिशत बढ़ाकर मान्यता को बनाये रखा जा सके. दक्षिण-पश्चिमी रेलवे में चार संगठन चुनाव मैदान में हैं. इनमें निरुत्या रेलवे मजदूर संघ (NRMS), साउथ वेस्टर्न रेलवे मजदूर यूनियन (SWRMU), साउथ वेस्टर्न रेलवे एम्पलोइज संघ( SWRES) एवं साउथ वेस्टर्न रेलवे एम्पलोइज यूनियन( SWREU) चुनाव लड़ रही है.

दक्षिण पश्चिमी रेलवे में चार संगठनों के बीच आमने-सामने का टकराव, 38 हजार कर्मचारी देंगे वोट

सभी जोन में मतदान के लिए 4, 5 और 6 दिसंबर की तिथियां निर्धारित हैं. इस चुनाव में ट्रेड यूनियन नियमों के तहत रजिस्टर्ड संस्था ही हिस्सा ले सकती है. चुनाव वर्ष 2018 में होना था लेकिन छह वर्ष विलंब से इसे दिसंबर 2024 में आयोजित किया जा रहा है. इसके पूर्व रेलवे में यूनियन की मान्यता के लिए चुनाव वर्ष 2013 में हुआ था.

दक्षिण पश्चिमी रेलवे यूनियनों की मान्यता के लिए करीब 38 हजार से अधिक कर्मचारी मतदान करेंगे. छह वर्ष के इंतजार के बाद रेलवे बोर्ड ने पिछले दिनों चुनाव की तारीख घोषित की थी. मतगणना 12 दिसंबर को होगी.

हर पांच साल में चुनाव

रेलवे में कुल 19 ज़ोन हैं. यह चुनाव हर 5 साल में होता है लेकिन विभिन्न कारणों से ये चुनाव 11 साल बाद हो रहा है. इस चुनाव में सभी ज़ोन के अंतर्गत आने वाली रेलवे की संस्थाएं चुनाव लड़ती हैं. चुनाव लडऩे के लिए जो संस्था रजिस्टर्ड होती है वह आवेदन करती है. योग्य पाए जाने पर ही संस्था चुनाव लड़ पाती है. इसमें रेलवे के कर्मचारी मतदान करते हैं. इसके लिए रेलवे कार्यालयों में मतदान बूथ बनाए जाते हैं.

35 फीसदी मतदान वाली संस्था को मान्यता

रेलवे में 12 लाख से अधिक कर्मचारी हैं, जो मतदान करेंगे. करीब 35 प्रतिशत मतदान पाने वाली संस्था को ही जोनल रेलवे से मान्यता मिलती है. मान्यता के साथ रेलवे की तरफ से कई तरह की सुविधाएं भी दी जाती हैं. चुनाव प्रक्रिया के बाद जिस संस्था को मान्यता नहीं मिल पाती है,उन्हें यदि रेलवे की तरफ से पहले से सुविधाएं मिली हुई हैं तो उन सुविधाओं को छोडऩा पड़ता है.

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