- विश्व दूरसंचार दिवस पर ईरीसेट चेन्नई चैप्टर ने वेब संगोष्ठी का किया आयोजन, नवीन सिग्नल प्रणाली पर हुई चर्चा
- मेम्बर (सिग्नल और टेलीकाम) के साथ एडिशनल मेंबर, पीईडी, जीएम एसआर समेत कई अधिकारी व कर्मचारी हुए शामिल
रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
विश्व दूरसंचार दिवस एवं सूचना समाज दिवस के अवसर पर रविवार 17 मई को ईरीसेट चेन्नई चैपटर की पहल पर एक वेब संगोष्ठी का आयोजित किया गया. संगोष्ठी में मेम्बर (सिग्नल और टेलीकॉम) रेलवे बोर्ड प्रदीप कुमार ने नयी तकनीक और भविष्य की सिग्नल प्रणाली से अधिकारियों व कर्मचारियों को अवगत कराया. संगोष्ठ में ‘यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण प्रणाली लेवल-2’ और उसके गुण-दोष पर विस्तार से चर्चा की गयी. यह आधुनिक सिग्नलिंग मूल रूप से एक रेडियो आधारित, निरंतर स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है, जो सिग्नल पासिंग एट डैंजर (स्पेड) एवं ओवर स्पीडिंग की संभावना के उन्मूलन द्वारा ट्रेन कोलीजन की किसी भी संभावना को भी समाप्त करती है. इस प्रणाली द्वारा केंद्रीकृत नियंत्रण और स्वचालित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली के माध्यम से कंजेस्टेड ट्रंक मार्गों पर लाइन क्षमता में सुधार होने की बात कही गयी. कहा गया कि इससे थ्रू-पुट क्षमता भी बढ़गी, अर्थात संबंधित रेलखंड में अधिक ट्रेनें चल सकेंगी.
संगोष्ठी में एडिशनल मेम्बर (सिगनल) राजीव शर्मा, प्रिंसिपल ईडी (सिग्नल) अंशुल गुप्ता, दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक जॉन थॉमस , ईरीसेट के डायरेक्टर जेनरल एसके गोयल, ईरीसेट, सिकंदराबाद के डीन पी वेंकट रमाना, पीसीएसटीई, दक्षिण रेलवे आर. भाष्करण के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. संगोष्ठी की अध्यक्षता पश्चिम रेलवे से रिटायर्ड पीसीएसटी श्री तुतेजा ने की. बेव पर आयोजित संगोष्ठी में रेलटेल और यूरोप स्थित इस आधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया. इसका संचालन दक्षिण रेलवे की सीएसटीई पी-II श्रीमती प्रतिभा ने किया. एरिक्सन इंडिया से क्षेत्र के विशेषज्ञ डेवीड ने ट्रेन कंट्रोल सिस्टम की नवीनतम तकनीक पर और इस आधुनिक सिग्नलिंग के पायलट प्रोजेक्ट के बारे में भी प्रेजेंटेशन दिया. इसके अलावा विश्व दूरसंचार दिवस के अवसर पर दूरसंचार के क्षेत्र में अग्रणी नोकिया, ऑप्टिकल फाइबर के क्षेत्र में अग्रणी वीआवी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की अग्रणी एनईसी, रेलवे ट्रांसपोर्ट की अग्रणी सीमेंस जैसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी इस वेबिनार पर आयोजित संगोष्ठी में शिरकत की. संगोष्ठी का मूल मंत्र भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण में दूरसंचार का महत्व रहा.
कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के दृष्टिगत भारतीय रेलवे द्वारा प्रशिक्षण, सेमिनार, बैठक, कॉन्फ्रेंस आदि आयोजनों के लिए नियमित रूप से ऑनलाइन प्लेटफार्मों का प्रयोग किया जा रहा है. विभिन्न विभागों द्वारा आयोजित वेब सेमिनार कर्मचारियों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय हो रहे हैं, क्योंकि ऐसे इंटरएक्टिव सत्रों के माध्यम से उन्हें विषय के विशेषज्ञों से सीखने का अवसर मिलता है. वेबिनार पर आयोजित इस संगोष्ठी में नई सिग्नलिंग प्रणाली यानी ईटीसीएस एल-2 को भारतीय रेलवे में प्रतिस्थापित करने के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए पर विशेष चर्चा हुई इसके अलावा विभिन्न कंपनियों से आए प्रतिनिधियों ने वेबिनार में शामिल अधिकारियों तथा कर्मचारियों के सवालों के जवाब भी दिये.
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सेमिनार में बताया गया कि यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण प्रणाली लेवल-2 के साथ ही, आधुनिक एलटीई आधारित (5जी) तथा कोहेरेंट संचार व्यवस्था भी ट्रेन पर उपलब्ध होगी, जिसके माध्यम से यात्रियों की सुरक्षा के लिए डिब्बों में लगाए गए ऑनबोर्ड सीसीटीवी कैमरे की निगरानी सीधे कंट्रोल रूम से की जा सकेगी. इस आधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली में लोकोमोटिव और ट्रेनसेट, ट्रैकसाइड उपकरण और रेडियो ब्लॉक केंद्र में लगे ऑन-बोर्ड उपकरण शामिल होंगे, जो मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार के माध्यम से ट्रेनों से लगातार जुड़े रहेंगे. रेडियो ब्लॉक केंद्र इस प्रणाली के केंद्र के रूप में काम करता है, जो खंड में 200 किमी की दूरी पर रहेंगे. इसमें वे-साइड स्टेशनों के सभी इंटरलॉकिंग डेटा उपलब्ध होंगे, जो प्रत्येक खंड और स्टेशन की क्षमता पर विचार करते हुए निरंतर संचार के माध्यम से दो ट्रेनों के बीच सुरक्षित दूरी बनाए रखेंगे. इंडियन रेलवे एस एडं टी मैंटेनरर्स युनियन के महासचिव आलोक चन्द्र प्रकाश, राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन कुमार तथा विभिन्न मंडलों तथा प्रोडक्शन यूनिटों के कर्मचारियों ने इस वेबिनार में यू ट्यूब के माध्यम से शिरकत की तथा विश्व दूरसंचार दिवस पर सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को बधाईयाँ और शुभकामनाएं दीं.
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