- डीआरएम डिम्पी गर्ग ने कहा : अतिक्रमण रोकने के लिए पटरी के किनारे कईं स्थानों पर दीवार भी बनायी जायेगी
नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर में रेलवे जमीन से अतिक्रमण हटाने की तैयारी चल रही है. अतिक्रमण के कारण ही रेलवे की कई परियोजनाओं का काम बाधित हो रहा है. बहुप्रतिक्षित रिंग रेल नेटवर्क का काम भी इससे प्रभावित हुआ है. रेलवे रिंग रेल, अतिक्रमण हटाने, रेलवे स्टेशनों यात्री सुविधाएं बढ़ाने, यात्रियों की सुरक्षा लोकल ट्रेनों का संचालन करने के लिए बड़ी येाजना पर काम कर रहा है. इसमें विकास योजनाओं में मार्ग में आ रहे अतिक्रमण हटाना भी शामिल है.
दिल्ली मंडल के डीआरएम डिम्पी गर्ग से मीडिया से बातचीत में योजनाओं का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि अतिक्रमण ही विकास में मुख्य बाधक बना हुआ है. रिंग रेल नेटवर्क पर लगभग 130 प्रतिशत ट्रैफिक है. इस नेटवर्क पर अधिकांश मालगाड़ियां चलती हैं. पैसेंजर ट्रेन चलाने के लिए अतिरिक्त पटरी बिछानी होगी. इसके लिए रेल पटरी और स्टेशनों के बिल्कुल साथ बसी हुई अवैध झुग्गियों को हटाना जरूरी है.
डीआरएम ने कहा कि कई मामले सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही अतिक्रमण हटाने की दिशा में कार्रवाई शुरू की जा सकेगी. उन्होंने कहा कि अदालत से जहां अतिक्रमण हटाने पर रोक नहीं है, उसे हटाया जा रहा है. जल्द ही इसे लेकर अभियान शुरू होगा. अतिक्रमण रोकने के लिए पटरी के किनारे कईं स्थानों पर दीवार भी बनाई जा रही है.
डीआरएम ने बताया कि रेल पटरी के आसपास अवैध झुग्गियों की आड़ में अपराधी तत्व फायदा उठाते हैं. अतिक्रमण की वजह से ट्रेनों की गति बहुत धीमी करनी पड़ती है इससे अपराधी ट्रेन में सवार होकर अपराध करते हैं. इसे देखते हुए संवेदनशील स्थानों पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की तैनाती की गयी है. दिल्ली छावनी स्टेशन का भी पुनर्विकास होगा जिससे यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी.
हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर सराय काले खां की तरफ स्थान का अभाव विकास में बाधक बन रहा है. एजेंसी से जमीन मांगी गयी है ताकि हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन की मुख्य इमारत का विस्तार किया जा रहा है. डीआरएम ने कहा कि लंबी दूरी की लगभग सभी ट्रेनें पटरी पर लौट आई हैं. लोकल ट्रेनों में से 40 प्रतिशत चलने लगी हैं. कुछ अन्य का परिचालन भी शुरू कर दिया जायेगा .
नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली सहित राजधानी के अन्य स्टेशनों पर आने वाले यात्रियों की संख्या बहुत ज्यादा है. बावजूद इसके स्टेशन परिसरों को साफ रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. बड़े स्टेशनों पर मशीन से सफाई होती है. कचरा निस्तारण का काम निजी एजेंसी को दिया गया है. 27 स्टेशनों से कचरा एकत्र कर उसे रिसाइकिल किया जाता है. खाद भी तैयार की जाती है. पहले कचरा निस्तारण पर प्रत्येक वर्ष 50 लाख रुपये खर्च होता था. अब रेलवे को लगभग 10 लाख रुपये का राजस्व मिलता है.
पुरानी दिल्ली स्टेशन पर प्लेटफार्म संख्या एक से 14 को जोड़ने वाले दो एफओबी की जगह नए एफओबी बनाने की योजना है. अगले दो वर्षों में दो नए एफओबी तैयार हो जाएंगे.
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