NEW DELHI : 18 जनवरी तक रेलवे का राजस्व बढ़कर 1.9 लाख करोड़ तक पहुंच गया है. यह पिछले साल की कमाई के मुकाबले से 28 फीसदी अधिक है. इस तरह रेलवे ने इस साल 41000 करोड़ की अतिरिक्त कमाई की है. अगले एक सप्ताह में बजट से पहले तक रेलवे 2.3 लाख करोड़ के राजस्व आकड़ें को छू सकता है. इसमें पैसेंजर से मिलने वाली आय का आकड़ा 52 हजार करोड़ के ऊपर है. इससे एक बार फिर से बुजुर्गों की रियायत और रेलवे किराये को लेकर अनुमान लगाये जाने लगे हैं.
इस बार रेलवे ने सिर्फ कबाड़ बेचकर 483 करोड़ रुपये की कमाई की है. ऐसे में यह उम्मीद एक बार फिर से चर्चा में आ गयी है कि क्या इस बार बजट में बुजुर्गों को रेल किराये में छूट मिल जायेगी. क्या वरिष्ठ नागरिकों को टिकट किराए में मिलने वाली छूट फिर से चालू की जायेगी. हालांकि कई तरह से यात्रियों को भारी-भरकम शुल्क वसूलने के बावजूद रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव अब तक घाटे का राग अलाप रहे हैं.
अब जब कि यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर हर सुविधा कीमत चुकानी पड़ रही है. वह सब सुविधाएं जो यात्रियों को पहले नि:शुल्क थी उनके अत्याधुनिक के नाम पर प्राइवेट हाथों को सौंपकर यात्रियों को बाजार के हवाले कर दिया गया है. इसे लेकर रेलमंत्री की कई मंचों पर आलोचना भी हो रही है. स्वयं रेलवे यूनियनें निजीकरण को लेकर मंत्री की आलोचना कर रही है लेकिन चुनाव का पेंच फंसाकर उन पर नकेल डालकर रखी गयी है.
मालूम हो कि 2020 में कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बाद रेलवे ने टिकट किराए में मिलने वाली बुजुर्गों की छूट को खत्म कर दिया. 60 साल तक के वरिष्ठ नागरिकों को टिकट किराए में 50 फीसदी व 55 साल की महिला वरिष्ठ नागरिकों को टिकट किराए में छूट मिलती थी. लंबे वक्त से इस छूट को बहाल करने की मांग उठ रही है. रेलवे की कमाई में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि बजट में इस छूट को फिर से बहाल करने पर घोषणा हो सकती है.