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संत कबीरदास की स्थली खलीलाबाद से बहराइच तक 240 किमी रेल लाइन बिछेगी

संत कबीरदास की स्थली खलीलाबाद से बहराइच तक 240 किमी रेल लाइन बिछेगी
  • स्वतंत्रता के बाद देश की सबसे बड़ी रेल लाइन निर्माण परियोजना पर खर्च होंगे 4940 करोड़
  • उत्तर प्रदेश में रेलवे परियोजनाओं की प्रगति बताकर रेल राज्यमंत्री ने किया चुनावी आगाज

गोरखपुर. संत कबीरदास की स्थली खलीलाबाद जूनियर हाईस्कूल मैदान में 2 मार्च को रेलमंत्री पीयूष गोयल ने 240 किलोमीटर लंबी खलीलाबाद-डुमरियागंज-उतरौला-बलरामपुर-श्रावस्ती-बहराइच नई रेल लाइन का शिलान्यास किया. इस परियोजना पर कुल 4340 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस अवसर पर रेल राज्यमंत्री एवं संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा भी उपस्थित थे. रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि नई परियोजना के लिए केंद्रीय बजट से धन आवंटित कर दिया गया है. यह परियोजना वर्ष 2024-25 तक पूरी करने का लक्ष्य है. इससे संत कबीरनगर सहित क्षेत्र के चार महत्वाकांक्षी जनपदों – सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती एवं बहराइच के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा. गोयल ने कहा कि खलीलाबाद संत कबीरदास की पवित्र स्थली है और उन्होंने भाइ-चारे का संदेश दिया था. संपूर्ण पूर्वोत्तर एवं पूर्वी भारत में विकास के कार्य तेजी से हो रहे हैं.

रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद देश की सबसे बड़ी रेल लाइन निर्माण परियोजना की स्वीकृति प्रदान की गई. इस नई रेल लाइन निर्माण के अंतर्गत खलीलाबाद, झारखंडी, बलरामपुर एवं बहराइच स्टेशनों को जंक्शन स्टेशन बनाया जाएगा तथा भगौली बाजार, मेहदावल, खेसरहा, बांसी, भगोभर, डुमरियागंज, बंजरहा, उतरौला, श्रृदत्तगंज, खगैजोत, श्रावस्ती, इकौना, गोरपुरवा, लक्ष्मनपुर, भिनगा, बरडेहरा एवं अजातपुर में क्रासिंग स्टेशन तथा बखिरा, पसई, रमवापुर दूबे, टिकरिया, धनखापुर, पिरमनहा, चिरकुटहा, कपौशेरपुर, महेशभरी, हसुआडोल, रामनगर, विसुनपुर, हरिहरपुर रानी एवं धुसवापुल में हाल्ट स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा. नई लाइन पर 11 रक्षित समपार, 9 सड़क उपरिगामी पुल एवं 132 सीमित ऊँचाई के सब-वे, राप्तीनगर पर दो महत्वपूर्ण रेल पुलों सहित 32 बड़े एवं 86 छोटे पुलों का निर्माण किये जायेंगे.

परियोजना के पूरा होने पर खलीलाबाद से डुमरियागंज, बलरामपुर, श्रावस्ती होते हुए बहराइच जाने के लिये उत्कृष्ट परिवहन सुविधा उपलब्ध हो जाएगी तथा क्षेत्र में स्थित जैन, बौद्ध तीर्थस्थलों के साथ देवीपाटन मंदिर जाने हेतु सुविधा हो जाएगी और क्षेत्र में खुशहाली का दौर आएगा.

सिन्हा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सभी रेल परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां विकास हेतु रेल परियोजनाएं न चल रही हों. स्टेशनों पर उन्नत यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं तथा आधारभूत संरचना को मजबूत करने का कार्य तेजी से चल रहा है. इस समय उत्तर प्रदेश में 88 हजार करोड़ रु. की रेल परियोजनाएं चल रही है. मनोज सिन्हा ने कहा कि 2009-14 की तुलना में पिछले साढ़े चार वर्षों में नई रेल लाइन निर्माण में 700% की वृद्धि, दोहरीकरण में डेढ़ गुना तथा विद्युतीकरण में 90% अधिक कार्य हुआ है. बड़ी लाइन के शेष सभी रेल खंडों का विद्युतीकरण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि रायबरेली स्थित माडर्न कोच फैक्ट्री में उच्च कोटि के कोचों का उत्पादन प्रारम्भ हो गया है तथा गोरखपुर में विद्युत लोको शेड का कार्य पूरा हो चुका है.

संत कबीरदास की स्थली खलीलाबाद से बहराइच तक 240 किमी रेल लाइन बिछेगीइस अवसर पर सांसद शरद त्रिपाठी ने कहा कि पिछले 55 माह में रिकार्ड विकास कार्य हुए हैं. क्षेत्र के विकास में नई रेल लाइन का निर्माण मील का पत्थर साबित होगा. सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि हम सभी सांसदों के प्रयास से आजादी के बाद सबसे बड़ा रेल प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री की विशेष रूचि के कारण स्वीकृत हुआ, जिससे क्षेत्र के चार महत्वाकांक्षी जिलों के विकास में तेजी आएगी. सांसद दद्दन मिश्र ने कहा कि अभी तक श्रावस्ती में एक इंच रेल लाइन नहीं थी, अब यहां रेल लाइन बिछाए जाने से क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा. सांसद कीर्तिवर्धन सिंह ने इस नई रेल लाइन को मील का पत्थर बताया.

कार्यक्रम में पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल ने कहा कि रेलवे देश में नागरिकों के यातायात का एक प्रमुख, महत्वपूर्ण एवं किफायती साधन है. प्रधानमंत्री तथा रेलमंत्री की विशेष पहल से देश के पिछड़े क्षेत्रों के विकास हेतु नई रेल लाइनों का निर्माण किया जा रहा है, केंद्रीय कैबिनेट ने अक्टूबर 2018 में, खलीलाबाद-डुमरियागंज-उतरौला-बलरामपुर-श्रावस्ती-बहराइच नई रेल लाइन को स्वीकृति प्रदान की है. समारोह का संचालन पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी संजय यादव ने किया व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण सुधांषु शर्मा ने धन्यवाद दिया.

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