Indian Railways News. रेलवे द्वारा किया गया इकानॉमी 3 एसी क्लास कोच का प्रयोग बेहतर और राजस्व के लिहाज से फायदे वाला साबित हो रहा है. है. यात्रियों को सस्ती यात्रा और बेहतर सुविधाओं के साथ इस क्लास की मांग बढ़ी है, हालांकि इससे एसी 3 के डिमांड में भी कमी नहीं आयी है. ऐसा माना जा रहा है कि स्लीपर क्लास के यात्री अब तेजी से इकानॉमी 3 एसी क्लास में रुचि दिखा रहे हैं.
रेलवे को ‘इकनॉमी’ एसी-3 कोच (AC-3 Coach) की व्यवस्था शुरू किए लगभग एक साल हो गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ‘इकनॉमी’ एसी-3 कोच (AC-3 Coach) से रेलवे को एक साल में 231 करोड़ रुपये की कमाई हुई है. अच्छी बात यह है कि इससे सामान्य एसी-3 श्रेणी (AC 3rd Class) से होने वाली कमाई पर कोई असर नहीं पड़ा है.
इकोनॉमी एसी-3 कोच की शुरुआत शयनयान श्रेणी के यात्रियों को अच्छी और सस्ती एसी यात्रा मुहैया कराने के लिए की गई थी. इन कोच का किराया नॉर्मल एसी-3 कोच के मुकाबले 6-7 प्रतिशत तक कम है. आंकड़ों के आधार पर स्पष्ट हुआ कि 21 लाख से ज्यादा लोगों ने एसी-3 टियर इकोनॉमी श्रेणी से यात्रा की. इससे रेलवे को अगस्त, 2021 से अगस्त, 2022 के बीच 231 करोड़ रुपये की कमाई हुई. अधिकारियों ने बताया कि इन कोच को शुरू करना पहले रेलवे के लिए मुश्किल था. इसका किराया तय करने में यह ध्यान रखना था कि किराया बहुत कम न हो। किराया कम होने पर एसी-3 टियर से नुकसान होने लगेगा.
अप्रैल-अगस्त, 2022 के दौरान नए इकनॉमी कोच से 15 लाख लोगों ने यात्रा की. इससे रेलवे को 177 करोड़ रुपये की कमाई हुई. रेलवे अधिकारी इस प्रयोग को सफल मान रहे हैं. इस दौरान सामान्य एसी-3 श्रेणी में यात्रियों की संख्या में कोई कमी नहीं हुई. समान अवधि में सामान्य एसी-3 श्रेणी से रेलवे को 8,240 करोड़ रुपये का राजस्व मिला.
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