रेलवे यूनियन

ECC सोसाइटी को कर्मचारियों की सेवा की जगह सूद खोरी का केन्द्र बना दिया गया : UMRKS

  • 26 जून 2024 को होने वाले चुनाव को लेकर सभी संगठनों ने झोंकी ताकत, प्रचार वार 
  • UMRKS ने मान्यता प्राप्त फेडरेशनों पर संसाधनों के दुरुपयोग का लगाया आरोप 

JHANSI. 26 जून को होने वाले रेलवे के ईसीसी सोसायटी चुनाव को लेकर प्रचार तेज हो गया है. चुनाव में दोनों फेडेरशनों के अलावा मजदूर संघ भी दम-खम के साथ उतरने को तैयार है. चुनाव प्रचार के दौरान एक-दूसरे पर संसाधनों के दुरुपयोग से लेकर रेलकर्मियों के कल्याण को लेकर किये गये कार्यों को लेकर निशाना भी साधे जा रहे हैं. प्रत्याशी चुनाव को लेकर रेलकर्मियों के बीच जा रहे और समर्थन मांग रहे हैं. इस बीच उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ ने दोनों फेडरेशनों पर संसाधनों का दुरुपयोग चुनाव प्रचार में करने का आरोप भी लगाया है.

झांसी में UMRKS के जोनल संगठन मंत्री चन्द्रकान्त चतुर्वेदी जारी बयान में कहा कि ECC सोसाइटी के संचालक मण्डल ने सोसाइटी को कर्मचारियों की सेवा के स्थान पर सूद खोरी का केन्द्र बना दिया ‘जो आज तक जारी है. ECC सोसाइटी लोन पर 5%, प्रति सैकड़ा फ्लैटरेट पर ब्याज लेती है. इस तरह अगर किसी ने पांच वर्ष के लिए लोन लिया तो उसे 25% ब्याज के रूप में चुकाना पड़ता है. ECC सोसाइटी अरबों रुपये की राशि रेल कर्मचारियों के खून पसीने की कमाई से वसूल कर सोसाइटी के कर्मचारियों में मोटे वेतन-भत्तों के रूप में बांटी जा रही है, जो एआईआरएफ से सम्बद्ध NRMU/WGREU/ NCRMU के पदाधिकारियों के रिस्तेदार है.

यही मौका शेयर धारक रेल कर्मचारियों को 111 साल में कभी नहीं मिला. रेल कर्मचारियों से वसू‌ली गई रकम ECC सोसाइटी के पास सस्पेन्स एकाउंट में जमा है. यह राशि रेल कर्मचारियो या उनके वारियों को नहीं लौटाई गई हैं. रेल कर्मचारी पर अगर कोई लोन है तो उनके आकस्मिक निधन पर सैप्लिमेण्ट की राशि ब्याज सहित वसूल की जाती है जबकि यह राशि बीमाकृत होनी चाहिए. UMRKS ने रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त यूनियनों के नेताओं पर संसाधनों के दुरुपयोग करने का अभी आरोप लगाया है.

इस चुनाव में UMRKS भी दोनों फेडरेशनों के साथ मैदान में उतरा है. UMRKS नेता चन्द्रकान्त चतुर्वेदी का दावा है कि मंडल रेल प्रबन्धक कार्यालय झांसी, डीजल सेट, रेलवे स्टेशन, विद्युत लोको सेट, रेलवे बैगन मरम्मत कारखाना, मंडल रेल चिकित्सालय, आदि स्थानो पर दोनो संगठनों ने लाखों रुपये के पोस्टर, पर्चे, होर्डिंग, फ्लेक्स लगाए हैं. मान्यता प्राप्त संगठ‌नों के कार्यकर्ताओं द्वारा ड्यूटी से दूर रहकर वातानु‌कुलित गाड़ि‌यों से प्रचार करने में जुटे है. इस तरह 10 से 20 लाख रुपये तक चुनाव में खर्च किया जा रहा. इसके विपरीत UMRKS के कार्यकर्ता कार्य स्थल पर साथियों के बीच पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं.

चन्द्रकान्त चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि रेल प्रशासन भी दोनों फेडरेशन के पोस्टर, बैनर, पंपलेट रेलवे परिसारों एवं भवनों की दीवारों पर चिपकाने को लेकर मौन है. रेलवे प्रशासन इन पोस्टरों की सफाई बाद में करानी होगी और तब इनकी पुताई करायी जायेगी इसमें बड़ा खर्च होगा. ऐसे चुनाव प्रचार को केन्द्रीय चुनाव आयोग भी अनुमति नहीं देता तब रेल प्रशासन का मौन रहना समझ से परे हैं. इस मौके पर दयानिधि मिश्रा, आर के ठकुरानी, महामंत्री हेमंत विश्वकर्मा, राजेश कुमार सेन आदि उपस्थित थे.

प्रेस विज्ञप्ति

Spread the love
Click to comment

You May Also Like

न्यूज हंट

सिग्नल व टेलीकम्यूनिकेशन के दो कर्मचारियों की जिंदगी खतरे में डालने के लिए कौन है जिम्मेदार ! Ahmedabad. रेलवे में सेफ्टी के लाख दावे...

न्यूज हंट

ताबड़तोड़ जांच व छापेमारी से भ्रष्ट अधिकारियों की नजरों में खटकने लगे विनीत कुमार, तबादले का इंतजार टाटा में भी 28 मई को खत्म...

न्यूज हंट

आदित्य कुमार चौधरी चक्रधरपुर तो आलोक कृष्ण होंगे खड़गपुर के नये सीनियर डीसीएम  KOLKATTA. दक्षिण पूर्व रेलवे (South Eastern railway) में ऊपरी स्तर पर...

न्यूज हंट

Elephant on railway track : रेलवे के तमाम उपायों के बावजूद ट्रैक पर हाथियों की मौत रोकने में सफलता नहीं मिल सकी है. झारखंड...

Rail Hunt is a popular online news portal and on-going source for technical and digital content for its influential audience around the Country. Dr. Anil Kumar, Mannaging Editor, Contact with whatsapp 9905460502, mail at editor.railhunt@gmail.com, railnewshunt@gmail.com.

Exit mobile version