- पूर्व मध्य रेलवे ने संबंधित विभागों को जारी किया परामर्श, बिहार के वाल्मीकिनगर की घटना का जिक्र करत हुए लोको पायलट को ‘सामान्य नियम 4.61 का सख्ती से पालन करने की दी हिदायत
NEW DELHI. पूर्व मध्य रेलवे ने संबंधित विभागों को एक परामर्श जारी कर ट्रेन चालकों को सलाह दी है कि वे किसी भी परिस्थिति में इंजन को बिना चालक के न छोड़ें. इस परामर्श में एक मामले का हवाला भी दिया गया, जहां चालक दल ने एक पुल पर ट्रेन में आयी खराबी को ठीक किया और इसके लिये उसे नकद पुरस्कार दिया गया था.
घटना 20 जून को उस समय हुई, जब ट्रेन संख्या 05497 (नरकटियागंज-गोरखपुर एक्सप्रेस) में बिहार के वाल्मीकिनगर और पनियहवा के बीच एक रेल पुल पर कुछ खराबी आ गई थी. चालक और सहायक चालक दोनों ही रेल के इंजन से बाहर निकले और पुल के किनारे-किनारे होते हुए उस स्थान पर पहुंचे जहां खराबी आई थी. खराबी हवा का दबाव (वैक्यूम) नहीं बन पाने के कारण आयी थी. दोनों ने ट्रेन में आई खराबी को ठीक किया, जिसके बाद ट्रेन आगे बढ़ी.
दोनों चालकों को 10-10 हजार रुपये का मिला था पुरस्कार
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित होने के बाद उसी दिन मंडल रेल प्रबंधक ने लिखित स्वीकृति जारी करते हुए कहा कि चालक दल ने इंजन में आई खराबी की समस्या को ठीक करने के लिए अदम्य साहस दिखाया और दोनों को 10-10 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया.
पांच दिन बाद चालकों के लिए परामर्श किया जारी
हालांकि, पांच दिन बाद यानी 25 जून को पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य विद्युत लोको इंजीनियर ने संबंधित विभागों को एक परामर्श जारी कर लोको पायलट (इंजन चालकों) को ‘सामान्य नियम 4.61 का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी’. इस नियम के तहत लोको पायलट ड्यूटी अवधि में इंजन को बिना चालक के नहीं छोड़ सकते.
जानें चालकों के लिए जारी परामर्श में क्या है?
परामर्श के मुताबिक, कभी-कभार अगर ट्रेन में कोई खराबी आ जाती है और ट्रेन ऐसी जगह रुक जाती है, जहां चालक के लिए उसे ठीक करने के लिए गड़बड़ी वाली जगह पर पहुंचना संभव नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में चालक संबंधित अधिकारियों से इस मुद्दे पर चर्चा कर सकता है और समस्या को हल करने के लिए सहायता व दूसरा इंजन मंगवा सकता है. परामर्श में बताया गया कि चालक दल के सभी सदस्यों को इस नियम का पालन करने के लिए कहा जाना चाहिए.