- चक्रधरपुर मंडल रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति DRUCC की बैठक में यात्री सुविधाओं पर हुआ मंथन
- रेल प्रशासन ने कहा – हॉकी वर्ल्ड कप से पहले बड़े स्टेशनों की व्यवस्था में दिखेगा काफी बदलाव
चक्रधरपुर मंडल रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति (DRUCC) की 27 अप्रैल बुधवार को डीआरएम सभागार में आयोजित बैठक में यात्री सुविधाओं को लेकर सदस्यों ने रेलवे पदाधिकारियों के साथ घंटों विचार मंथन किया. इसमें स्टेशनों पर सुविधा की बढ़ोतरी, ट्रेनों के विस्तार और नयी ट्रेन चलाने की मांगें रखी गयी.
टाटा स्टील के प्रतिनिधि व हेड लॉजिस्टिग बिजन कुमार विश्वास ने रेलवे से डेमेज बैगन मिलने को लेकर चिंता जतायी और कहा कि उसे दुरुस्त कराने में कंपनियों को काफी घन खर्च करना पड़ रहा है. इसमें पैसा व समय लगता है. इसलिए रेलवे फिट वैगन रेलवे ही दे, ताकि प्रतिमाह 20 से 21 लाख रुपये का होने वाला खर्च व समय की बर्बादी से बचा जा सके. इस पर रेलवे की ओर से तर्क दिया गया कि लोडिंग पार्टियों द्वारा माइंस में लोडिंग व अनलोडिंग का काम ठेका में दिया जा रहा है. जिससे पॉकलेन व जेसीबी से वैगनों में लोडिंग व अनलोडिंग की जा रही, इससे वैगन अधिक डेमेज हो रहे हैं. रेलवे के पास वैगनों की घोर कमी है. 3 लाख वैगनों का ऑडर दिया गया है. जल्द ही यह समस्या दूर हो जायेगी.
इससे पहले मंडल रेल प्रबंधक विजय कुमार साहू और सीनियर डीसीएम ने अब तक रेलवे द्वारा रेलमंडल के स्टेशनों पर किये गये ढांचागत विकास और यात्री सुविधाओं की जानकारी दी. इसमें स्टेशनों पर फुट ओवरब्रिज, प्लेटफॉर्म की ऊंचाई बढ़ाना समेत स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए उठाये गये कदमों के बारे में बताया. रेलवे की ओर से बताया गया कि हॉकी विश्व कप 2023 को लेकर राउरकेला समेत बड़े स्टेशनों पर व्यवस्था में बड़े बदलाव किये जायेंगे तो दिखायी देंगे. अलग-अलग स्टेशनों से शामिल हुए सदस्यों ने राउरकेला में दुरंतो का ठहराव, टाटा-एलेप्पी के विकल्प के तौर पर टाटा- झारसुगुड़ा तक इंटरसीटी चलाने, टाटा-अर्नाकुलम का फेरा बढ़ाने, रांची- मोर्य एक्सप्रेस को राउरकेला तक विस्तार देने, रांची-दिल्ली गरीब रथ ट्रेन चलाने की मांग की. डीआरएम ने अपने स्तर से पूर्ण होने वाली मांगों पर तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया जबकि अन्य मांगों को रेलवे जोन व बोर्ड को भेजने का आश्वासन दिया.
समिति के सदस्यों ने रेलवे को दिया सुझाव
मनोज कुमार चौधरी (सरायकेला चेंबर) ने कहा कि छऊ नृत्य के विश्व सरायकेला का नाम रेलवे के मानचित्र में नहीं है. सीनी स्टेशन के नाम के साथ सरायकेला का नाम जोड़ा जाये, छऊ नृत्य की कला कृतियों को स्टेशन परिसर प्रदर्शित किया जाये.
ललित मगर (एमपी सुरेश पुजारी के नाेमिनी) ने स्टेशन पर पेयजल, शौचालय एवं रोशनी की सुविधा देने, डीएमयू ट्रेनों में पानी की व्यवस्था करने, राउरकेला में रैन बसेरा के जमीन देने, दुरंतो एक्सप्रेस का ठहराव देने, हॉकी वर्ल्ड कप से पहले स्टेशनों में समूचित सुविधा देने की मांग रखी.
शलेंद्र कुमार हरनोटिया ने राउरकेला स्टेशन में महिला प्रतीक्षालय, रैंप व मोर्य एक्सप्रेस का राउरकेला तक विस्तार, रांची-दिल्ली गरीब रथ चलाने, टाटा-एलेप्पी एक्सप्रेस चलाने या विकल्प के तौर पर टाटा-झारसुगुड़ा तक नयी इंटरसीटी ट्रेन चलाने, पानपोस टेनल की चौड़ीकरण करने की मांग रखी.
सरोज कुमार (एमपी चंद्रमणी मुर्मू नाेमिनी) ने बड़बिल, जिरुली, बांसपानी, जोड़ा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर माइनिंग डस्ट आने की समस्या रखी. कहा कि ट्रकों के प्लेटफार्म तक आने से अयस्क के चूर्ण पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे. इसके लिए साइडिंग में पानी का छिड़काव करने का अनुरोध किया.
चेतनादिप्त नायक (एमपी जुएल उरांव के नाेमिनी) ने छोटे-छोटे स्टेशनों बरसुवां, रॉक्सी, बिमलागढ़, तालाबुरु, पटासाई से मिलने वाली कमाई की ओर ध्यान दिलाया. कहा कि साइडिंगों व आसपास के लोगों व कार्यरत मजदूरों की हालत दयनीय है. मजदूरों को शोषण हो रहा है. रेलवे व राज्य सरकार मिलकर इसका निदान करे.
नरेंद्र कुमार सिंह (झारखंड विकलांग मंच) ने कहा कि सभी स्टेशन पर ट्रेनों के आगमन के समय दिव्यांग बोली की जानकारी देने को कहा. सभी स्टेशनों पर दिव्यांगों के लिए बैटरी संचालत गाड़ी का 24 घंटे परिचालन करने, जोनल कमेटी में दिव्यांग का प्रतिनिधि देने, स्टेशन पर नि:शुल्क पार्किंग की व्यवस्था देने की मांग की.
संजीत कुमार मिश्रा (छोटानागपुर पैसेंजर एसोसिएशन) ने बैठक में एजेंडा सीनियर डीसीएम को भेजे जाने के बाद भी शामिल नहीं करने पर आपत्ति दर्ज करायी. उन्होंने रेलवे की आरक्षण व्यवस्था पर भी सवाल उठाया कि एक ही परिवार के आठ सदस्य होने पर उन्हें एक साथ टिकट क्यों नहीं मिलेगा. हालांकि रेलवे ने उनके सवाल को गंभीरता से नहीं लिया और उसे कानूनी पेचीदगी बताकर टाल दिया.
कंज्यूमर गाइडेंस सोसाइटी के संस्थापक बिजोन कुमार मिश्रा ऑनलाइन ही मीटिंग में शामिल हुए. उनके प्रतिनिधि संजीव कुमार सिंह को सीनियर डीसीएम की विशेष अनुमति पर मीटिंग में शामिल होने दिया गया. यहां यह बताना होगा कि पूर्व की एक DRUCC मीटिंग में सीनियर डीसीएम भास्कर ने टाटा स्टील की ओर से नोमिनेट मेंबर के स्थान पर आये प्रतिनिधि को यह कहकर मीटिंग में शामिल नहीं होने दिया था कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है और यह मान्य व्यवस्था के खिलाफ है.