- 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति सीमा का उल्लंघन करने और यात्रियों की जान जोखिम डालने का आरोप
NEW DELHI. आगरा रेल मंडल ने मथुरा सेक्शन में 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति सीमा का उल्लंघन करने और यात्रियों की जान जोखिम में डालने के लिए कर्नाटक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के चालक दल को निलंबित कर दिया है. रेलवे विभिन्न कारणों जैसे पटरी की स्थिति, पटरी के जारी मरम्मत कार्य, पुराने रेलवे पुल, स्टेशन यार्ड पुनर्निर्माण आदि के चलते रेल गाड़ियों के सुरक्षित संचालन के लिए गति सीमा लगाता है. निलंबन की यह कार्रवाई 21 जुलाई को की गयी. उत्तर मध्य रेलवे जोन के अंतर्गत आने वाले आगरा मंडल की जनसम्पर्क अधिकारी (पीआरओ) प्रशस्ति श्रीवास्तव ने शुक्रवार को बताया, चालक दल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है और उन्हें मौके पर ही निलंबित कर दिया गया है. मथुरा के एक रेलवे अधिकारी ने कहा, “लोको पायलट और सहायक लोको पायलट दोनों मथुरा को पार करते समय 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति सीमा का पालन करना भूल गए और रेलगाड़ी को अधिक गति से चलाया, जो रेलवे मानदंडों का गंभीर उल्लंघन है और इससे दुर्घटना हो सकती है.
दो महीनों में आगरा मंडल में यह तीसरी घटना
पिछले दो महीनों में आगरा मंडल में यह तीसरी घटना है जिसमें एक्सप्रेस ट्रेन के चालक दल ने गति सीमा का उल्लंघन किया. रेलवे के एक अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि ऐसा लगता है कि आगरा मंडल के लोको पायलटों के साथ कुछ गड़बड़ है, जिसके अंतर्गत मथुरा सेक्शन आता है. ऐसा लगता है कि वे किसी कारण से तनाव में हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड को इस मामले को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और पड़ताल के लिए एक जांच दल भेजना चाहिए, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए और कोई अप्रिय घटना घट जाए. इससे पहले मई 2024 में, आगरा मंडल के एक खंड में 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए गतिमान एक्सप्रेस और मालवा एक्सप्रेस के चालकों को उनके सहायकों के साथ निलंबित कर दिया गया था, जहां सतर्कता गति सीमा 20 किलोमीटर प्रतिघंटे तक सीमित थी.
रेलवे बोला : आश्चर्यजनक है कि दोनों से कैसे चूक हो गयी
रेलवे के अनुसार, इंजन में चढ़ने से पहले, लोको पायलट और उनके सहायक संबंधित परिचालन विभाग से सलाह और सतर्कता गति सीमाओं के साथ एक पूर्ण ‘रूट चार्ट’ प्राप्त करते हैं और उन्हें उसी के अनुसार गति बनाए रखनी होती है. रेलवे अधिकारियों ने कहा कि सहायक चालक इन सलाहों को जोर से बोलते हैं, जबकि चालक पुष्टि करने के लिए उन्हें दोहराता है. यह बहुत आश्चर्यजनक है कि दोनों से कैसे चूक हो गयी.
जांच के लिए गठित की गयी थी समिति
‘गतिमान’ और ‘मालवा’ की घटनाओं के बाद, रेलवे बोर्ड ने मूल और गंतव्य स्टेशनों के बीच विभिन्न बिंदुओं पर ट्रेन चालकों द्वारा गति सीमा के उल्लंघन के कारणों का पता लगाने के लिए एक समिति भी गठित की थी. समिति ने अपनी पहली डिजिटल बैठक में क्षेत्र स्तर पर एहतियाती आदेशों से संबंधित मुद्दों को समझने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 180 से अधिक लोको पायलट और लोको निरीक्षकों के साथ बातचीत की थी. बैठक में शामिल व्यक्तियों ने कई सुझाव दिए थे. कुछ चालक चाहते थे कि सतर्कता आदेश ए4 आकार के सफेद कागज पर बड़े अक्षरों में दिया जाए, जबकि अन्य ने कहा कि चालकों की सुविधा के लिए पाबंदियों को चिह्नित करने के लिए उन्हें अलग-अलग रंग के ‘हाइलाइटर’ जारी किए जाने चाहिए.
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