KHARAGPUR : दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ ने नई पेंशन प्रणाली के विरोध में आवाज बुलंद की है. दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ के संरक्षक प्रहलाद सिंह, महामंत्री बलवंत सिंह, जोनल उपाध्यक्ष मनीष चंद्र झा, कारखाना सचिव पीके कुंडु तथा अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त बयान जारी कर सरकारी से नई पेंशन प्रणाली को तत्काल प्रभाव से खत्म करने की मांग की है.
महामंत्री बलवंत सिंह ने सरकार से आग्रह किया है कि पुरानी पेंशन प्रणाली को बहाल करने पर विचार किया जाए. साथ ही साथ यह भी चेतावनी दी गयी कि यदि इस पर विचार नहीं किया गया तो आगे आन्दोलन जारी रहेगा और आवश्यकता पड़ी तो रेलवे का चक्का भी जाम किया जाएगा.
जोनल उपाध्यक्ष मनीष चंद्र झा ने नई पेंशन प्रणाली की विसंगतियों को रेखांकित किया. उन्होंने नई पेंशन प्रणाली में न्यूनतम पेंशन का प्रावधान न होने का कारण सेवानिवृत कर्मचारियों को 800 रू से 2400 रु प्राप्त होते हैं जबकि वर्तमान में पुरानी पेंशन प्रणाली में न्यूनतम पेंशन का प्रावधान 9000 रुपये है. इस विसंगति से सेवानिवृत कर्मचारी की सामाजिक सुरक्षा पर हानिकारक प्रभाव पड़ता हैं.
कारखाना सचिव पी. के. कुंडु ने नई पेंशन प्रणाली को लागू करवाने में दोनों फेडरेशन एनएफआईआर व एआईआरएफ को जिम्मेदार बताया. ये दोनों फेडरेशन वर्ष 2004 से अब तक सिर्फ हवा-हवाई बातें करके मजदूरों को बेवकूफ बनाते रहती हैं.
ज्ञात हो कि दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ ने वर्ष 2020 में नई पेंशन प्रणाली के विरोध में एक हस्ताक्षर अभियान चलाया था. इसमें लगभग तीस हजार कर्मचारियों का हस्ताक्षर करके इसे तत्कालीन महाप्रबंधक के द्वारा रेलवे मंत्रालय तक भेजा गया था. नई पेंशन प्रणाली के विरोध में, भारतीय मजदूर संघ ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर, 17 नवंबर, 2022 को अखिल भारतीय महासभा को आयोजन किया था और इसमें पूरे भारतवर्ष के मजदूर यूनियन शामिल हुए थे.