- रेल अधिकारियों की लापरवाही का शिकार बने तीन दर्जन से अधिक गार्ड
मुगलसराय. पूर्व मध्य रेलवे के दीनदयाल उपाध्याय से बड़ी संख्या में गार्ड को बिना जानकारी और सही स्थिति का पता लगाये प्रशिक्षण पर धनबाद के भूली जोनल ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट भेज दिया गया है. हालांकि वहां पहुंचने पर सभी को इस बात की जानकारी हुई कि बीते एक साल से कोविड के कारण ऑफलाइन ट्रेनिंग बंद है, लिहाजा उन्हें वैरंग वापस भेज दिया गया. रेल प्रशासन इस लापरवाही का शिकार बड़ी संख्या में परिचालन विभाग के कर्मचारी बने है इसमें महिला गार्ड भी शामिल हैं.
डीडीयू मंडल के यातायात विभाग ने रनिंग कर्मचारियों को डीडीयू से रिफ्रेशर के लिए आदेश देकर भूली स्थित ट्रेनिंग सेंटर रवाना कर दिया था. उन्हें बताया गया था कि उनकी ऑफ-लाइन ट्रेंनिग 07 अप्रैल 2021 से शुरू होगी. यहां पहुंचने पर इंस्टीच्यूट की ओर से सही स्थिति बतायी गयी. यहीं नहीं ट्रेनिंग के लिए दी गयी सूची पर बकायदा यह लिखकर दिया गया कि ट्रेनिंग पिछले एक साल से कोरोना को लेकर बंद है. जबकि ऑनलाइन ट्रेनिंग का नया शिड्यूल भी जारी कर दिया गया है. दिन भर इधर-उधर भटकने के बाद डीडीयू से गये रेलकर्मी वापस मुख्यालय लौट गये.
दिलचस्प बात यह है कि बिना सही स्थिति का पता लगाये कैसे डीडीयू से बड़ी संख्या में कर्मचारियों की सूची बनाकर उन्हें रिफ्रेशर कोर्ट के धनबाद रवाना कर दिया गया? इसके लिए जिम्मेदार पदाधिकारी कौन है जिन्होंने यह पता लगाने की जहमत तक नहीं उठायी कि रिफ्रेशर कोर्स का संचालन हो रहा है अथवा नहीं? सवाल उठता है कि तो क्या अधिकारियों ने बिना कुछ पता किये और धनबाद के भूली जोनल ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट के प्राचार्य से स्वीकृति लिये ही बड़ी संख्या में रेलकर्मियों की ट्रेनिंग का शिड्यूल किस तरह जारी कर दिया? बहरहाल डीडीयू के रेलवे अधिकारियों की चूक का खामियाजा उन गार्ड को भुगतना पड़ा है जो रिफ्रेशर कोर्स के लिए डीडीयू से धनबाद पहुंच गये थे. उन्हें वापस लौटना पड़ा है.