- वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर दानापुर मंडल रेल प्रशासन ने मीडिया से की बात, उपलब्धियों को रखा
- मंडल सोलर प्लांट से 1.75 मेगावाट बिजली का उत्पादन वर्तमान में कर रहा है, इसे बढ़ाने की योजना
- स्टेशनों पर दिख रही एतिहासिक बिरासत की झलक, मिलेगी महापुरुषों के जीवन की जानकारियां
- पटना से पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की तैयारी में रेलवे, ज्य सरकार की अनुमति का इंतजार
पटना से गोपाल पांडेय. ट्रेनों की लेट-लतीफी के लिए चर्चित रहे दानापुर रेलमंडल का कायाकल्प करने में कोई कसर वर्तमान प्रबंधन ने नहीं रख छोड़ी है. लॉकडाउन के अवसर का पूरा उपयोग रेलवे ने इस दौरान किया और अपनी यात्री सुविधाओं के साथ ही परिचालन से जुड़ी तकनीकी खामियों को भी दूर किया गया. इस असर रहा कि वर्तमान में रेलमंडल ने समय पालन का अनुपात 97 फीसदी तक पहुंच गया है. यह स्थिति तब है जब यात्री ट्रेनों की संख्या कम है, इसे अनुपात को 90 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है.
शुक्रवार 28 अगस्त को दानापुर मंडल रेल प्रबंधक सुनील कुमार ने वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर मीडिया से बात की और डिवीजन की गतिविधियों की जानकारी दी. पूरा डाटा व जानकारी स्लाइड के माध्यम से रखकर सीनियर डीसीएम आलोक राज ने पत्रकारों के लिए योजनाओं की समझ को काफी आसान बना दिया. डीआरएम ने बताया कि अगर बिहार सरकार की अनुमति मिली तो कोरोना काल में लॉकडाउन के बीच लोगों की परेशानियां कुछ कम हो सकती है. दानापुर रेलमंडल में तीन जोड़ी सवारी गाड़ियों का परिचालन के लिए रेलवे जोनल मुख्यालय ने राज्य सरकार अनुमति मांगी है. ऐसा माना जा रहा है कि अगले माह के पहले सप्ताह में सरकार से हरी झंडी मिल जायेगी और ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सकेगा.
दानापुर मंडल ने पटना से बक्सर, पटना से किउल व पटना से गया मार्ग पर पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की तैयारी कर रहा है. मंडल रेल प्रबंधक सुनील कुमार ने संकेत दिया कि लंबी दूरी की 10 जोड़ी ट्रेनें भी अगले माह से चल सकती है. इनमें मुंबई व दिल्ली के साथ हावड़ा की ट्रेनें शामिल है. इसके लिए भी संबंधित राज्यों से अनुमति मांगी गयी है. वर्चुअल लाइन पर डीआरएम ने महामारी के समय ट्रेनों के परिचालन व मीडिया को सहयोग के लिए आभार जताया. डीआरएम ने ट्रेनों के परिचालन अनुपात में अब तक के सुधारों पर संतोष जताया. कहा कि इसे हम 90 फीसदी पर ला चुके है यह बड़ी उपलब्धि हैं.
दानापुर मंडल के सीनियर डीसीएम आधार राज ने कोरोना की लॉकडाउन के बीच रेलवे गतिविधियों की जानकारी मीडिया को दी. उन्होंने बताया कि दानापुर व किउल में हुए आरआरआइ के कारण ट्रेनों के परिचालन में सुधार आया है और वर्तमान में समय पालन का यह अनुपात 97 पहुंच गया है. उन्होंने बताया कि दानापुर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई काम चल रहे है.
रेलवे मंडल सोलर प्लांट से 1.75 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है. दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन से झाझा के बीच लगभग 400 किमी तक रेलवे ट्रैक के दोनों ओर खाली पड़ी जमीन पर सोलर प्लेट लगाकर बिजली उत्पादन करने की योजना है. इसके अलावा मंडल के सभी स्टेशनों पर ऐतिहासिक धरोहरों से जुड़ी जानकारी को साझा किया जायेगा. स्लाइड के माध्यम से यात्री सुविधाओं की जानकारी दी.
आलोक राज ने बताया कि स्टेशन को सजाने और संवारने में कई काम किये गये है. इसमें बिजली सज्जा, यात्री सुविधा के साथ सफाई पर अधिक फोकस किया गया था. सीनियर डीसीएम ने बताया कि चार साल पहले और उसके बाद की स्थिति को देखकर आप बदलाव को समझ सकते हैं. स्टेशनों पर एतिहासिक धराहरों को दर्शाने का सार्थक प्रयास किया गया है जो हमारी बिरासत को दर्शायेगा. इस कड़ी में महापुरुषों की जीवनी को समझाने के लिए उनसे जुड़ी जानकारियां साझा की गयी है.
सीनियर डीसीएम ने 150 स्टॉल और खान-पान की सुविधा शुरू की है. 25 से अधिक फूड प्लाजा शुरू करने की तैयारी है. यह प्रयास किया गया है कि सामान का रेट हर हाल में प्रदर्शित किया जाये और यात्रियों को उसके एवज में 100 फीसदी बिल मिले. 50 से अधिक वाटर वेंडिंग मशीन मंडल की बड़ी उपलब्धि हैं. कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए हिन्दुस्तार लीवर फूड सेफ्टी की ट्रेनिंग पूरी मंडल में दे रहा है.
रैक लोडिंग में पार्ट व्यवस्था लागू की गयी है जिसका फायदा व्यापारियों को मिल रहा है. इसमें आधा रैक कही और और आधा रैक किसी अन्य स्थान से लोडिंग अथवा अनलोडिंग की सुविधा मिलेगी. इसके अलावा उन्होंने रेलवे की कई योजनाओं की जानकारी दी, जिसमें कारोबारी 45 दिन अपनी गुड शेड व्यवस्था कर सकते हैं. इसके तहत बिजिनेस डेवलेपमेंट यूनिट बनायी गयी है.
अपर मंडल रेल प्रबंधक अरविंद कुमार रजक ने बताया कि वारिसलीगंज व जमुई में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस गुड्स शेड बनाया जा रहा है. स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए 12 स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. स्टेशनों पर 150 स्टॉल लगाए गए हैं और 25 फूड प्लाजा खोले गए हैं. रेलमंडल में ट्रेनों की पंचुअलिटी को बेहतर किया गया है जो हमारी उपलब्धि हैं. फूड सेफ्टी को लेकर पूरे मंडल में सेमिनार कराया जा रहा है. प्लास्टिक निर्मित टॉयलेट को काम भी तेजी से पूरा किया जा रहा है.
इस दौरान डीआरएम ने एक सवाल के जवाब में यह बताया कि उन्हें क्यों पाइवेट इंवेस्टमेंट की जरूरत पड़ रही है. बताया कि महाराष्ट्रा में सब अरबन स्टेशन में मल्टी मोड ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर चल रहा है. बोरिबली अंधेरी आदि के लिए जगह की जरूरत होती है. ऐसे में स्टेशन क्षेत्र को विकसित किया जा सकता है. इसके लिए प्रोफेशनल एजेंसी को लगाया जाता है जिनके लिए अतिरिक्त फंड की व्यवस्था होती है. पटना इसका उदाहरण है, जहो होरिजेंटल स्पेश ही नहीं है. उन्होंने बताया कि यह प्रयास है कि स्टेशन पर लोगों वह सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जिनके लिए उन्हें बाहर जाना पड़ता है.
रेलमंडल में यात्री सुविधा और योजनाओं की जानकारी