एक ही दिन में साफ्टवेयर में हेराफेरी कर रेलवे टिकट बनाने वाले 600 धराये, 12 करोड़ का टिकट जब्त
नई दिल्ली. रेलवे लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम से निबटने के लिए केंद्रीकृत साइबर सेल गठित करने रहा है. आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने यहां आयोजित एक आयोजन में बताया कि रेलवे विस्तृत तौर पर अपनी सुरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए साइबर सेल का गठन किया जायेगा. उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड, विभिन्न रेलवे जोन और देशभर के सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों पर साइबर सुरक्षा इन दिनों समय की जरूरत बन गई है. इसे ध्यान में रखकर एक कमेटी का गठन किया गया है जो इस दिशा में काम कर रही है.
रेलवे का साइबर सेल साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाने के अलावा रेल कर्मियों को साइबर सिस्टम और उनके बुनियादी ढांचे से अवगत कराएगा तो उन्हें साइबर अपराध के जोखिम की पहचान भी करायेगा. साइबर सेल आरपीएफ के अलावा रेलवे के दूसरे विभागों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा. आरपीएफ महानिदेशक अरुण कुमार की मानें तो एकीकृत सुरक्षा प्रणाली के तहत डीएफएमडी, एचएचएमडी, सीसीटीवी जैसे अत्याधुनिक और तकनीकी उपकरण रेलवे में स्थापित किये गये है. इन्हें बेहतर संचालन के लिए तकनीकी तौर पर ठोस बनाना है जिसमें साइबर सेल की अहम भूमिका होगी.
आरपीएफ डीजी ने बताया कि 2 नवंबर को देश के 110 शहरों में मारे गये छापे में साइबर क्राइम का बड़ा खुलासा हुआ है. आरपीएफ के छापे में डुप्लीकेट सॉफ्टवेयर के माध्यम से आरक्षित टिकट निकालने वाले 600 से ज्यादा साइबर अपराधियों को पकड़ा गया है जिनसे 12 करोड़ मूल्य का आरक्षित टिकट जब्त किया गया है. साइबर अपराधियों ने आईआरसीटीसी की साइट को हैक टिकट बुक कराया और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को बेचा.
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