रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव यह संकेत दिया है कि भविष्य में अप्रेंटिस के लिए परीक्षा होगी और चयनित लोगों को रेलवे नौकरी की गारंटी भी देगा. चेयरमैन ने इसके लिए डीजीएचआर के स्तर पर विस्तृत कार्य योजना बनाने की बात कही है. चेयरमैन ने लार्सजेस स्कीम पर भी साकारात्मक संदेश ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन को दिया है. इसका खुलासा स्वयं ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा बयान जारी कर किया. 9 जुलाई गुरुवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन से हुई वार्ता में शिवगोपाल मिश्रा ने अप्रेंटिस का मुद्दा उठाया जिस पर चेयरमैन ने डीजीएचआर को फेडरेशन से बात कर कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया. शिवगोपाल मिश्रा ने चेयरमैन के सामने यह बात रखी कि 20 से 25 हजार लोग इस श्रेणी में जिन्हें नौकरी दी जानी चाहिए. लार्सजेस स्कीम पर भी चेयरमैन ने सकारात्मक रूख दिखाते हुए तत्काल पहल करने का आश्वासन दिया. इस मौके पर चेयरमैन ने पदों के सरेंडर करने को लेकर चल रही भ्रांतियों पर भी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि ऐसा नहीं हो रहा है बल्कि NTPC के पदों को कम करके सेफ्टी के पदों को बढ़ाया जा रहा है.
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चेयरमैन से हुई वार्ता को ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने सार्थक बताते हुए कहा है कि कई मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट हुई है. इसमें रेलवे में नियुक्तियों का मामला भी शामिल है. महामंत्री ने अपनी ओर से चेयरमैन को बताया है कि 25 हजार से अधिक अप्रेंटिस कर चुके ट्रेंड हैंड है जिन्हें रेलवे उपयोग में ला सकती है. वर्तमान में 20 प्रतिशत कोटा तय किये जाने से ऐसे लोगों के साथ अन्याय हो रहा. लार्सजेस पर कुछ जोन में नियुक्ति होने और कुछ स्थानों पर लगातार शिकायतों पर चेयरमैन ने तत्काल जोन के जीएम से बात कर स्थिति पूछी और उन्हें सुधार के निर्देश भी दिये. अपने संबोधन में महामंत्री ने कहाकि भारतीय रेल के सामने गंभीर चुनौती है, ऐसे में रेलकर्मचारी हों, अप्रेंटिस, लार्सजेस कंडीडेट सभी को एकता बनाकर रखना है जिसमें बात से बात नहीं बनी तो संघर्ष का रास्ता अपनाना होगा.