रेलहंट ब्यूरो, चक्रधरपुर
चक्रधरपुर रेलमंडल के कोरोना का संक्रमण अब रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों को डराने लगा है. रेलमंडल मुख्यालय में इसे लेकर पहले से ही सतर्कता बरती जा रही थी लेकिन विलंब से मिली जांच रिपोर्ट में यह पता चला है कि आम दिनों की तरह सबके बीच काम करने वाला एक पीडब्ल्यूआई पॉजिटिव है. इस सूचना के बाद आम रेलकर्मियों व उक्त पीडब्ल्यूआई के सहकर्मी दहशत में है. इस पीडब्ल्यूआई का सैंपल 10 दिन पूर्व लिया गया था. ऐसा माना जा रहा है कि रिपोर्ट आने तक कई अन्य रेलकर्मी भी उक्त पीडब्ल्यूआई के संपर्क में आकर संक्रमित हो चुके होंगे लेकिन उसका खुलासा तो सभी की जांच से ही संभव है.
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए रेलमंडल प्रबंधन ने टाटा से चक्रधरपुर, राउरकेला और झारसुगुड़ा के बीच चलने वाले शटल ट्रेन को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है. इस ट्रेन को बंद करने का असर उन रेलकर्मियों पर पड़ेगा जो विभिन्न स्टेशनों तक ड्यूटी के लिए आते-जाते थे. ट्रेन के बंद करने के बाद उन्हें निजी माध्यम से आना-जाना पड़ सकता है हालांकि रेलवे के विभिन्न विभागों में पहले से ही कर्मचारियों की क्षमता को अघोषित रूप से कम रखा गया है ताकि संक्रमण की संभावना को मिनिमाइज किया जा सके.
बीते एक सप्ताह में विभिन्न विभागों से जुड़े रेलमंडल के एक दर्जन से अधिक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाये गये है. इनमें एईएन, सीनियर सेक्शन इंजीनियर, लोको पायलट, गार्ड, पीब्ल्यूआई समेत अन्य कर्मचारी शामिल है. इन कर्मचारियों के एक-दूसरे से संपर्क में रहने के कारण यह संक्रमण विभाग में दूसरे लोगों में जाने की संभावना को लेकर पूरे एहतियात बरते जा रहे है. हालांकि इनके बीच रेलकर्मियों की नाराजगी प्रबंधन से सुरक्षा उपायों की नाकाफी को लेकर बढ़ती जा रही है. गार्ड और चालकों का पहले से ही कहना रहा है कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में सेनिटाइजर, मास्ट आदि नहीं उपलब्ध कराया गया है न ही विभिन्न स्टेशनों पर रेस्ट रूम पर जरूरी सुविधाएं ही उपलब्ध जा रही है.
दूसरी ओर रेलप्रबंधन का कहना है कि संक्रमण को रोकने के लिए तमाम जरूरी उपाय किये जा रहे हैं. रेलवे के कार्यालयों के साथ ही ट्रेन के इंजन और बोगियेां को भी सेनिटाइज किया जा रहा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार संक्रमण के दायरे में आने वाले रेलकर्मियों को कोरेंटाइन के अलावा दूसरे जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं.