KHARAGPUR. 11 वर्षो बाद रेलवे में यूनियनो के मान्यता हेतु चुनाव 4, 5 एवं 6 दिसम्बर को संपन्न हुआ और मतगणना 12 दिसम्बर को हुआ. इस चुनाव में दक्षिण पूर्व रेलवे जोन में कुल मतदाता 76393 थे लेकिन सिर्फ 56291 मतदाताओं ने मत दिए जोकि कुल मतों का 74% मत है. इसमें महिला मतदाता 5527 और पोस्टल वोटर 525 थे. इसमें डीपीआरएमएस को 16.09%, मेंस यूनियन को 37.5%, मेंस कांग्रेस को 33.9%, मजदूर यूनियन को 5.8%, एसआरबीकेयू को 5.7%, टीएमसी को 0.89%, मतदान मिला. 1121 मतों को अवैध घोषित किया गया. कुल वैध मत 56170 थे. मान्यता प्राप्त करने हेतु कुल वैध मतों का 35% प्राप्त करना होता है. इस आधार पर मेंस यूनियन को मान्यता मिली.
लेकिन विगत 2013 चुनाव में मेंस यूनियन को 44%, मेंस कांग्रेस को 45% तथा डीपीआरएमएस को 6% मत प्राप्त हुए थे. इन तथ्यों के तुलनात्मक विश्लेषण करने पर यह चुनाव दोनों मान्यता प्राप्त यूनियनों के लिए टेढ़ी खीर साबित हुआ क्योंकि मेंस यूनियन ने बड़ी मुश्किल से मान्यता पा सकी जबकि मेंस कांग्रेस को मान्यता ही नहीं मिली. वर्ष 2013 की चुनाव तुलना में मेंस यूनियन को 6.5%, मेंस कांग्रेस को 11% को वोट मिले और डीपीआरएमएस को 10% अधिक वोट मिले. डीपीआरएमएस को इस चुनाव में आशातीत सफलता नहीं मिली परन्तु 10% मतों में वृद्धि यह साबित करती है कर्मचारियों का भरोसा डीपीआरएमएस की तरफ बढ़ा है. इस चुनाव में अन्य यूनियनों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की.
जीएम अनिल मिश्रा ने सौंपा मान्यता प्रमाण पत्र, वार्ता के लिए अधिकृत यूनियन बनी
दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक अनिल कुमार मिश्रा ने एआइआरएफ (AIRF) के उपाध्यक्ष गौतम मुखर्जी को मान्यता का प्रमाण पत्र सौंपा. इस मौके पर जोनल सचिव मलय बनर्जी, महासचिव आशीष मुखर्जी, उपमहासचिव देवाशीष चक्रवर्ती व मंडल संयोजक एमके सिंह मौजूद थे. रेलवे की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि ट्रेड यूनियन चुनाव में रेलवे मेंस यूनियन ने वैध वोटों की संख्या का 21070 (37.511) प्रतिशत वोट हासिल किया है. यह मान्यता अगले पांच साल के लिए होगी. मान्यता प्राप्त मेंस यूनियन को रेलवे जोन व मंडलों में वार्ता की स्वीकृति दी गयी.