- साउथ ईस्टर्न रेलवे मेंस कांग्रेस का आंदरुनी विवाद सतह पर आया, खड़गपुर में मीडिया के सामने रखी बात
- संगठन में भाई-भतीजावाद को लेकर विरोध है, लड़ाई संगठन को प्रभावी बनाने तक जारी रहेगी : रंजीत भादुड़ी
KHARAGPUR. रेलवे चुनाव की आहट के साथ ही दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस (SERMC) में नेतृत्व को लेकर घमासान मच गया है. संगठन में आंदरुनी स्तर पर चल रही लड़ाई अब सार्वजनिक मंच पर आ गयी है. कोर्ट केस का हवाला देकर मेंस कांग्रेस के सीनियर नेताओं में एनएफआईआर के पदाधिकारी व SERMC के पूर्व जेनरल सेक्रेट्री शिवरंजन मिश्रा (S R MISHRA) पर हमला बोला है.
खड़गपुर में 19 अप्रैल 2024 को बकायदा पत्रकार वार्ता बुलाकर मेंस कांग्रेस के सीनियर नेताओं में संगठन की दुर्दशा के लिए एसआर मिश्रा को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि भाई-भतीजावाद के कारण की मेंस कांग्रेस बर्बादी के कगार पर पहुंच गयी है. मेंस कांग्रेस के ज्वाइंट जेनरल सेक्रेट्री रंजीत भादुड़ी, सुब्रत डे, बाबू भट्टाचार्य डिवीजन रनिंग ब्रांच सचिव, अवध किशोर यादव प्रेसिडेंट वर्कशॉप, जयंत कुमार पूर्व पदाधिकारी ने दो दर्जन से अधिक लोगों की मौजूदगी में पूर्व जेनरल सेक्रेट्री एसआर मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाये.
रंजीत भादुड़ी ने रेलहंट से बातचीत में कहा कि 2007 व 2013 के सीक्रेट बैलेट इलेक्शन में देश भर में एक नंबर पर रहने वाले SERMC की पूरी व्यवस्था शिवरंजन मिश्रा (S R MISHRA) के कमान संभालने के बाद ध्वस्त हो गयी है. संगठन पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. उन्होंने बताया कि 2016 जुलाई में शिवरंजन मिश्रा ने कोर्ट के दखल जेनरल सेक्रेट्री का पद संभाला था. इसके बाद से उनकी मनमानी चली और बाइलॉज का उल्लंघन कर कई पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया तो अपने लोगों को अहम पदों पर विराजमान करा दिया गया.
2020 में मामला कोर्ट में गया. 2021 व 2022 तक चले केस में अपना अधिकार छीने जाने पर S R MISHRA ने भाई शशि रंजन मिश्रा को जेनरल सेक्रेट्री बना दिया. उस समय खड़गपुर में चार साल से कोई डिवीजन को-ऑर्डिनेटर नहीं था. इसके बाद चक्रधरपुर, खड़गपुर, रांची में अपने भाई को पदस्थापित कर संगठन को घरेलू बनाकर चलाया गया. दूसरे ब्रांच पदाधिकारियों को ब्लैकमेल किया गया. उनकी बात किसी भी स्तर पर नहीं सुनी गयी बल्कि कर्मचारियों को निशाने पर रखकर परेशान किया गया. अफसरों को दलाली करने में ”मिश्रा गुट” ने सभी सीमाएं तोड़ दी.
सीनियर नेता रंजीत भादुड़ी ने कहा कि मेंस कांग्रेस का विवाद फिर कोर्ट में है. 10 अप्रैल 2023 से संगठन की पूरी बॉडी की कोर्ट की रोक है. मेंस यूनियन की कमेटी से जुड़े दो मामले में हावड़ा व अलीपुर कोर्ट में विचाराधीन है और वर्तमान कमेटी इंजेक्टेड हैं. इसके बाद भी शिवरंजन मिश्रा (S R MISHRA) ने मेंस कांग्रेस के 50 ब्रांच आफिस में अधिकांश पर अवैध रूप से कब्जा जमा रखा है. कार्यालयों को बाहरी लोगों को किराया पर देकर वसूली की जा रही है. ब्रांच पदाधिकारियों की गतविधियों के लिए दिये गये कोलकाता आफिस के तीन तल्ला भवन को भी किराये पर चलाया जा रहा है. इन अवैध गतिविधियों की सूचना SER/जीएम अनिल कुमार मिश्रा व पर्सनल अधिकारियों को दी गयी है.
SERMC के वर्तमान अस्तित्व व उनके पद से जुड़े सवाल के जबाव में रंजीत भादुड़ी ने कहा कि 12 अप्रैल 2024 को उनके बीजीएम के दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. ऐसे में वर्तमान में उन्हें 5 मई 2024 को होने वाले कोर्ट के निर्णय का इंतजार है. उन्होंने कहा कि कोर्ट का आदेश आने के बाद आगे का निर्णय लिया जायेगा. पत्रकार वार्ता में नेताओं ने स्पष्ट कहा कि दोनों भाई के आने के बाद पूरा संगठन तहस-नहस हो गया है. हमारा विरोध संगठन में भाई-भतीजावाद को लेकर है. यह लड़ाई संगठन को प्रभावी बनाने तक आगे भी जारी रहेगी.
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