- सप्ताह में दूसरी बार तीन ट्रेनों की पेंट्री से जब्त की गयी लोकल पानी की बोतलें
- रेलनीर की कमी बताकर हर साल लोकल ब्रांड के पानी की करायी जाती है इंट्री
CHAKRADHARPUR. चक्रधरपुर रेलमंडल में काॅमर्शियल विभाग की टीम ने एक सप्ताह में दूसरी बार तीन ट्रेनों से बड़ी मात्रा में लोकल पानी की खेप जब्त की है. रेल प्रशासन की सख्ती इस बात को लेकर है कि ट्रेन व स्टेशनों पर स्वीकृत ‘रेलनीर’ ही बेचा जाये. इस कारण लगातार औचक जांच कर ट्रेनों की पेंट्री से दूसरे ब्रांड के पानी को जब्त किया जा रहा है. इस क्रम में रेलवे अधिकारी खानपान की वस्तुओं की भी जांच कर रहे. हालांकि यह अमानक पानी कहां से चढ़ाया गया और इसके लिए कौन लोग जिम्मेदार है यह पता लगाने की जहमत कोई नहीं उठाता, विभागीय अधिकारी लोकल पानी की खेप की जब्ती दिखाकर जांच की खानापूर्ति कर लेते हैं. लिहाजा दूसरे दिन से ही लोकल पानी की बिक्री शुरू हो जाती है.
बड़ी बात यह है कि चक्रधरपुर मंडल मुख्यालय के स्टेशन के स्टॉलों पर ही एक ब्रांड का पानी रात के अंधेरे में बेचा जा रहा है. यह वहीं स्टेशन है जहां विगत दिनों में रेलवे कॉमर्शियल की टीम ने एसीएम विनीत कुमार और बबन कुमार की अगुवाई में छापेमारी कर तीन ट्रेनों ने अलग-अलग ब्रांड का बोतल बंद पानी जब्त किया था. इसकी सूचना रेलवे के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर जारी की गयी थी. दिलचस्प है कि जब रेलवे की टीम ट्रेनों से लोकल ब्रांच का पानी पकड़ रही है तो मुख्यालय के स्टेशन पर इसे बेचने की अनुमति किसने दी ? यही हाल दूसरे स्टेशनों पर भी है.
चक्रधरपुर रेलमंडल के बड़े स्टेशनों पर हर गर्मियों की इस बार भी रेलनीर की आपूर्ति कम दिखाकर लोकल पानी की इंट्री करा दी गयी है. टाटानगर, राउरकेला, झारसुगुड़ा से लेकर चक्रधरपुर मंडल मुख्यालय के स्टेशन पर भी धड़ल्ले से रेलनीर की आड़ में लोकल ब्रांड का पानी बेचा जा रहा. गर्मियों में पानी की डिमांड और मोटी कमाई को लेकर लोकल ब्रांड का पानी बेचने की बैचेनी वेंडरों में रहती है. चूंकि रेलनीर में मुनाफा कम होता है लिहाजा येन-केन प्रकरेण गर्मी में रेलनीर की किल्लत का एक पत्र जारी करा दिया जाता है और इसके बाद लोकल ब्रांड के पानी की इंट्री स्टेशन में करा दी जाती है. इसके बाद 7 से 8 रुपये में आने वाला लोकल ब्रांड का पानी 15 से 20 रुपये तक बेचा जा रहा है.
यहां दिलचस्प यह है कि लोकल पानी की आपूर्ति रेलनीर का अधिकृत सप्लायर ही कर रहे हैं. टाटा से स्प्रिंग, चक्रधरपुर राउरकेला से कैप्सर तो झारसुगुड़ा से नीरो ब्रांड का पानी चढ़ाया जा रहा है. हालांकि इन सप्लायरों को स्टेशन पर ही आपूर्ति का लाइसेंस है लेकिन ये लोग गोपनीय रूप ट्रेन की पेंट्री में भी पानी चढ़ा रहे हैं जिसे कई बार अधिकारियों ने जब्त भी किया है. बताया जाता है कि यह पानी किस स्टेशन से चढ़ाया जा रहा है इसकी जानकारी के बावजूद जिम्मेदार मौन हैं. यात्रियों को पानी पिलाने के इस खेल में स्टेशन पर लगे दर्जनों की संख्या में नलों से पानी निकल रहा है कि नहीं इसका चिंता अधिकारियों को नहीं रह गयी है. चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने और लाभ लेने के खेल में हजारों यात्रियों के हितों को नजरअंदाज कर दिया जा रहा है.
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