चेन्नई से श्रीनिवास
चेन्नई के पेरम्बूर स्थित ‘रेल मंडपम’ में चल रहा भारतीय रेलवे मजदूर संघ (BRMS) के 20वें त्रिवार्षिक अधिवेशन के अंतिम दिन 10 अप्रैल 2022 को पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया. अधिवेशन में मजदूर संघ के नेताओं ने स्पष्ट किया कि एक जनवरी 2004 से लागू नयी पेंशन योजना को सामाजिक सुरक्षा की अवधारना पर खरी नहीं उतरी है लिहाजा उसे रद्द कर ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली ही एकमात्र रास्ता है जो लाखों रेलकर्मी परिवारों को सम्मान जनक जीवन देने को आश्वस्त कर सकेती है.
उत्तर प्रदेश रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री हेमंत कुमार विश्वकर्मा ने अपने संबोधन में सेवानिवृत्ति व सामाजिक सुरक्षा को लेकर बेहतर व तार्किक विश्लेषण पेश किया. उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने नयी पेंशन स्कीम के प्रावधानों में बार-बार संशोधन किया लेकिन यह योजना किसी भी स्थिति में सामाजिक सुरक्षा को परिभाषित करने में विफल रही है. पुरानी पेंशन स्कीम में अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन मिलता था. इसके अलावा महंगाई भत्ता आदि का भी प्रावधान है. यह राहत नयी स्कीम में नहीं है.
हेमंत कुमार ने बताया कि नयी पेंशन स्कीम में वर्तमान सरकार ने दिसंबर 2018 में बहुत सारे सुधार के प्रस्ताव दिये. इसमें 14 फीसदी की काटने, निवेश में पसंद की स्वतंत्रता फंड मैनेजर बदलने की सुविधा दी गयी लेकिन हमें यह मंजूर नहीं है. हम बिना किसी बदलाव को पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली चाहते हैं. कुछ राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन येाजना को बहाल करने का प्रयास किया है, इससे देश में सकारात्मक बदलाव दिख रहा है. इसके बाद राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना सीसीएस पेंशन नियम 1972 लागू करने का प्रस्ताव BRMS के अधिवेशन में पारित किया गया.
दक्षिण पूर्व रेलवे मध्य रेलवे शहडोल शाखा सचिव अभिषेक पांडे ने कहा कि एनपीएस को खत्म कर ओपीएस को लागू करना चाहिए है यह पेंशन नहीं इनवेस्टमेंट स्कीम है. सरकार सट्टा खेल रही है. इसमें भी अब तक जो सुधार हुए वह मजदूर संघ के प्रयास से ही हुए है, अगर हम यह प्रस्ताव रखते है तो हमें पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ जरूर मिल सकेगा.
भोपाल से आये आचार्या ने बताया कि वह भी युवा रेलवे कर्मचारियों की तरह एनपीएस के शिकार है. इसमें हमारा बढ़ापा सुरक्षित नहीं हो सकता है. हम कोई अलग से काम नहीं कर सकते. मेरा यौवन से लेकर बुढ़ापा तक रेलवे के लिए समर्पित है तो हमारे बुझापे का ध्यान कौन रखेगा? उन्होंने भी पुरानी पेंशन योजना का प्रस्ताव का समर्थन किया. इसके बाद अधिवेशन में जोरदार नारा लगा ” देश हित में करेंगे काम, काम का लेंगे पूरे दाम”.
इससे पहले अधिवेशन के पहले दिन रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव, भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिरण्यमय पांड्या, बीआरएमएस के अध्यक्ष अरविंद कुमार, ऑल इंडिया वाइस प्रेसिडेंट एमपी सिंह, डॉ विजय कुमार, अखिल भारती संगठन मंत्री सुरेंद्र, रेल उद्योग प्रभारी शुक्ला जी, राधाकृष्णन जी, दोराईराज, तमिलनाडु भाजपा के मंत्री केशव जी, संघ प्रचारक राजेश्वर आदि ने विचार रखा था.
भारतीय रेलवे मजदूर संघ की नयी कमेटी गठित, पवन कुमार को मिला राष्ट्रीय नेतृत्व
10 अप्रैल 2022 को भारतीय रेलवे मजदूर संघ की न्यू कमेटी का गठन किया गया. इसमें चुनाव अधिकारी के रूप में भारतीय रेलवे मजदूर संघ BRMS
के पुर्व महामंत्री रामानन्द त्रिपाठी और कार्यालय मंत्री डी के चक्रवर्ती दादा नियुक्त किये गये थे.
BRMS की नयी टीम
प्रेसिडेंट पवन कुमार SER
वर्किंग प्रेसिडेंट उन्नीकृष्णन SCR
वाइस प्रेसिडेंट अजय त्रिपाठी NWR
वाइस प्रेसिडेंट अशोक सिंह CR
वाइस प्रेसिडेंट केएम पांडेय CLW
वाइस प्रेसिडेट जीतू हजारिका NFR
सेक्रेट्री जेनरल एमएम देशपांडे CR
असिस्टेंड सेक्रेट्री जेनरल संतोष कुमार पटेल SECR
डिप्टी सेक्रेट्री संजीव कुमार सिंह DELHI
डिप्टी सेक्रेट्री हरिवंदर कुमार NR
डिप्टी सेक्रेट्री शिव प्रसाद साव WR
डिप्टी सेक्रेट्री जगदीश प्रसाद गुप्ता NER
फाइनेंस सेक्रेट्री भानू प्रताप पाठक ER
ऑर्गनाइजिंग सेक्रेट्री सर्वज राज एस SR
ऑर्गनाइजिंग सेक्रेट्री राधा वल्लव त्रिपाठी DLW Varanasi
इक्जीक्यूटिव बोर्ड मेंबर में अरविंद कुमार सिंह (MMW Patiyala), काली कुमार (NR), एनके मिश्रा (DLW), बीआर सिंह(WCR), सुब्रता डे, निलेश डोक(SECR), तनमय नंदी(ER), विष्णु वंदना(SCR), आईपीएस चनाव (NCR), गोपीनाथ भट्ठ (SWR), बाबू राव(SWR), एमआर वर्मा (CLW), थिरमलेश नायडू (SER) का चयन किया गया है.
BRMS का चेन्नई सम्मेलन कैमरे की नजर में