- रेलवे के सामने रखी मांग- लोको पायलटों की बर्खास्तगी से कम स्वीकार्य नहीं
- सीनियर डीसीएम का मिला साथ, डीआरएम ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
चक्रधरपुर. रायगढ़ रेलवे स्टेशन पर चक्रधरपुर के डिप्टी सीटीआइ प्रभात कुमार झा पर जानलेवा हमला करने के मामले में अब तक आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं किये जाने के विरोध में टिकट चेकिंग स्टॉफने शनिवार को मंडल मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टॉफ आर्गनाइजेशन के बैनर तले अनुशासित तरीके से किये गये प्रदर्शन में रेलवे अफसरों के सामने स्पष्ट किया गया कि रेलवे संपत्ति से तोड़फोड़ और टीटीइ पर हमला किये जाने के मामले में लोको पायलटों की बर्खास्तगी से कम की कार्रवाई उन्हें स्वीकार्य नहीं होगी. आइआरटीसीएसओ के चक्रधरपुर मंडल अध्यक्ष बीपी सेक्सेना की अगुवाई में प्रदर्शन में टाटा, झारसुगुड़ा, चक्रधरपुर, राउरकेला समेत मंडल के लगभग 150 टीटीइ शामिल थे.
आइआरटीसीएसओ के चक्रधरपुर मंडल अध्यक्ष बीपी सेक्सेना ने क्या कहा देखें
इससे पूर्व टिकट निरीक्षकों ने चक्रधरपुर में बैठक कर आगे की रणनीति बनायी. इसके बाद अध्यक्ष बीपी सक्सेना, जोनल वर्किंग प्रेसिडेंट नीरज कुमार सिंह, जोनल सचिव विद्युत बोस, मंडल वर्किंग प्रेसिडेंट अमरेश बनर्जी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एस मुसी आदि ने सीनियर डीसीएम भास्कर से मिलकर उन्हें पूरी स्थिति से अवगत कराया. भास्कर ने टिकट निरीक्षकों को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया और स्वयं उन्हें लेकर डीआरएम छत्रसाल सिंह के पास गये. सीनियर डीसीएम के सहयोग से अभिभूत टिकट चेकिंग स्टॉफने डीआरएम के सामने खुलकर अपनी परेशानी रखी. टिकट चेकिंग स्टॉफ ने डीआरएम को बताया कि यह तो मात्र उदाहरण है जबकि हकीकत है कि लगभग हर मुख्य ट्रेनों में ड्यूटी से लौटने वाले लोको पायलट बिना किसी अनुमति के वातानुकूलित बोगी में प्रवेश कर जाते है और यात्रियों की अनदेखी कर सीट को अपने कब्जे में ले लेते है, ऐसी कई अप्रिय स्थिति का सामना टिकट चेकिंग स्टॉफको करना पड़ता है. टिकट चेकिंग स्टॉफने डीआरएम से अनुरोध किया कि वह अपने स्तर पर इस मामले में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के आला अधिकारियों के समक्ष रखे और कार्रवाई के लिए दवाब बनाये.
लोको पायलटों के शिकार बने पीके झा ने बतायी आपबीती
डीआरएम छत्रसाल सिंह ने भी रेल संपत्ति के तोड़फोड़ और ऑन डयूटी टीटीइ पर हमला करने की घटना को गंभीर करार देते हुए हर संभाव कार्रवाई का आश्वासन आइआरटीसीएसओ को दिया. डीआरएम छात्रसाल ने बताया कि जोनल रेलवे घटना की जांच करा रहा है वह उस पर नजर रखे हुए है और जांच में अगर दोषियों के खिलाफ नियम संगत कार्रवाई नहीं हुई तो वह मामले में हस्तक्षेप भी करेंगे. डीआरएम से मिलने के बाद टिकट चेकिंग स्टॉफने संतोष जताया और फिलहाल आंदोलन को वेट एंड वाच की स्थिति में रखने को कहा है.
लोको पायलट बृजमोहन और सहायक लोको पायलट मुकेश कुमार के नाम की चर्चा
टीटीइ पीके झा से शुक्रवार को उत्कल एक्सप्रेस में मारपीट के मामले में अहम भूमिक अदा करने के लिए लोको पायलट बृजमोहन और सहायक लोको पायलट मुकेश कुमार का नाम चर्चा में आया है. हालांकि उत्कल एक्सप्रेस में हुई मारपीट के मामले में अब तक कोई नामजद रिपोर्ट नहीं दर्ज की गयी है. रेलवे डिपार्टमेंट और आरपीएफ दोनों ही आरोपियों का नाम लेने से बच रहे हैं. हालांकि जो सूचना आ रही है उसके अनुसार जांच कमेटी के पदाधिकारी स्वयं इस मामले में अपने स्तर पर पायलट को बुक-अप कर बिलासपुर बुला रहे हैं. बावजूद न तो रेलवे के अधिकारी इस मामले में कुछ बोल रहे है और ना ही आरपीएफ किसी कार्रवाई की बात कह रहा है. घटना के दिन गाड़ी में तोड़फोड़ भी हुई थी, इसमें अभी तक आरपीएफ के तरफ से कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. आरपीएफ अफसरों के अनुसार गाड़ी में तोड़फोड़ हुई ही नहीं है, लोको पायलट केवल टीटीई को बाथरूम से निकालने के उद्देश्य से आए थे.
जीआरपी की केस डायरी में कोई नामजद नहीं
घटना की जांच कर रही रायगढ़ जीआरपी का कहना है कि बिलासपुर से जो केस डायरी उनके पास आयी है उसमें किसी भी आरोपी का नाम सामने नहीं आया है. मामले में जीआरपी 294, 506, 323, 332, 34 के धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया और कार्रवाई आगे बढ़ा रही है. हालांकि सीसीटीवी फुटेज, वीडियोग्राफी और फोटोग्राफ्स सभी रेलवे अधिकारियों के पास उपलब्ध है. मामला विभागीय होने के कारण इसे आपस में निपटाने की कोशिश की जा रही है. यही कारण है कि कोई भी आरोपियों का नाम सामने लाने से बच रहा है.
विभागीय पूछताछ भी जारी, नौ बुकअप
इधर बताया जाता है कि जीएम के निर्देश पर डीआरएम की ओर से गठित टीम ने जांच शुरू कर दी है. टीम में शामिल एसीएम ने अब तक नौ लोको पायलट को बुक-अप किया है. बुक-अप में ड्राइवरों को लाइन में ड्यूटी न देकर सीधे सवाल-जवाब के लिए बिलासपुर में एसीएम बुला रहे है. घटना के दिन मौजूद सभी लोको पायलट को बुलाकर उनसे पूछताछ की जा रही है. इससे स्पष्ट है कि आरोपियों की पहचान भी हो चुकी है, बावजूद रेलवे दोषियों पर कार्रवाई होने से बचा रही है.
टीटीई ने भी रायगढ़ आकर बयान देने से मना किया
रायगढ़ जीआरपी टीआई ने बताया कि मामले में टीटीई ने न तो किसी के विरुद्ध नामजद शिकायत दर्ज कराई है और ना ही आरपीएफ या फिर किसी अन्य स्टॉफ के मौके पर रहने की बात कही है. मामले में जब टीटीई से बयान के लिए कहा गया तो उनके द्वारा मना कर दिया गया. टीटीई की ओर से कहा गया कि पहले उनके डीआरएम को जीआरपी पत्र व्यवहार करे, इसके बाद बुक-अप कर उसे बयान देने के लिए बुलाया जाये.
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