- सुधीर कुमार को नहीं मिला दाग धोने का मौका, राकेश मोहन की फाइल भी डीजी ने लौटायी
- मनोहरपुर में योगेंद्र को मिला मौका, डीजी अरुण कुमार के रिटायरमेंट की उल्टी गिनती शुरू
चक्रधरपुर. आरपीएफ के टाटानगर पोस्ट को लंबे समय बाद स्थायी प्रभारी मिल गया है. यहां बतौर पोस्ट प्रभारी संजय कुमार तिवारी की पोस्टिंग की गयी है. संजय तिवारी समेत तीन अन्य इंस्पेक्टरों की पोस्टिंग का आदेश कोलकाता जोनल आईजी कार्यालय से जारी किया गया है. पूर्व पोस्ट प्रभारी एमके साहू को हटाये जाने के बाद टाटानगर पोस्ट का स्थायी प्रभार किसी को नहीं दिया गया था. टाटा जैसा अहम व संवेदनशील पोस्ट चार माह से अधिक समय तक प्रभार में संचालित होता रहा.
चार माह पूर्व 41 आरपीएफ इंस्पेक्टरों के तबादला सूची से तब हलचल मच गयी थी जब टाटानगर आरपीएफ पोस्ट से एमके साहू को हटाये जाने के बाद किसी की स्थायी पोस्टिंग नहीं की गयी. उस समय सीनी आरपीएफ प्रभारी संतोष कुमार को टाटानगर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. हालांकि टाटा जैसे पोस्ट में किसी इंस्पेक्टर की पदस्थापना नहीं किये जाने के बाद से ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था.
ऐसा नहीं था कि टाटानगर पोस्ट की कुर्सी की चाहत पालने वालों की जोन में कमी थी लेकिन राजनीतिक दांवपेंच और तमाम झंझावतों से घिरे टाटा पोस्ट आकर अपने दैनिक जीवन की शांति खत्म करने का जोखिम लेने को कोई तैयार नहीं था.
ऐसा नहीं था कि टाटानगर पोस्ट की कुर्सी की चाहत पालने वालों की जोन में कमी थी लेकिन राजनीतिक दांवपेंच और तमाम झंझावतों से घिरे इस पोस्ट आने के साथ ही दैनिक जीवन की शांति खत्म करने का जोखिम लेने को कोई तैयार नहीं था. यही कारण था जोन के छोटे – छोटे पोस्ट में प्रभारी बनने के इच्छुक दर्जनों इंस्पेक्टर थे जबकि टाटा पोस्ट के लिए मात्र चार नाम ही तब सामने आये थे. तब ऐसा समझा जा रहा था किसी तेज-तर्रार इंस्पेक्टर की पोस्टिंग यहां की जायेगी.
टाटा पोस्ट की चाहत रखने वालों में पूर्व में ट्रेन स्कॉटिंग में रह चुके इंस्पेक्टर एके सिंह का नाम सबसे आगे था लेकिन डीजी से पूर्व में उनके सीधे लगातार टकराव के बाद की उत्पन्न परिस्थितियों में उनके नाम पर विचार की उम्मीद भी धूमिल हो गयी थी. ऐसे में राउरकेला के पूर्व इंस्पेक्टर सुधीर कुमार सीनियर डीएसइ ओंकार सिंह व आइजी डीबी कसार की पसंद बने और उन्हें टाटा का प्रभार देकर फाइल डीजी को नई दिल्ली भेजी गयी. तब ऐसा लगने लगा था कि राउरकेला में करोड़ों रुपये बरामदगी के मामले में गोलमाल को लेकर चर्चा में आये सुधीर कुमार को टाटानगर पोस्ट प्रभारी के रूप में दाग धोने का मौका मिल जायेगा.
लेकिन हुआ इस उल्टा और उक्त केस की आंच उन तक पहुंच गयी. डीजी ऑफिस से उनके पोस्टिंग की फाइल वापस लौट गयी और आनन-फानन में उन्हें वापस बुलाकर फिर से टाटानगर पोस्ट को प्रभारी के हवाले कर दिया गया. इसके बाद से यह चर्चा होने लगी थी कि क्या डीजी ”टाटा पोस्ट के लिए हरिश्चंद्र की तलाश कर रहे हैं”, यह तलाश कब पूरी होगी. हालांकि इस बीच झारसुगुड़ा में चावल चोरी के भूकंप में उड़ चुके इंस्पेक्टर एलके दास की जगह प्रभार संभाल रहे राकेश मोहन का नाम तेजी से चर्चा में आया.
ऐसा बताया जाता है कि राकेश मोहन का नाम भी टाटा के पोस्ट प्रभारी के लिए स्वीकृति को भेजा गया था, लेकिन उनके नाम को भी डीजी कार्यालय से स्वीकृति नहीं मिल सकी. इसके बाद से ही टाटानगर पोस्ट को लेकर उहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी. लूक आफ्टर में आदित्यपुर इंस्पेक्टर पांडे पोस्ट देख रहे थे. इस बीच मनोहरपुर इंस्पेक्टर संजय कुमार तिवारी को टाटा पोस्ट का प्रभार देकर भेजा गया. एक सप्ताह में ही उन्हें टाटा पोस्ट का स्थायी प्रभारी सौंप दिया गया. इस तरह टाटानगर पोस्ट के लिए डीजी के ”हरिश्चंद्र” की तलाश पूरी हो गयी.
वहीं मनोहरपुर में योगेंद्र कुमार व मुरी में रूपेश कुमार की स्थायी प्रतिनियुक्ति का डीओ भी दक्षिण पूर्व रेलवे आइजी कार्यालय से निकाल दिया गया. टाटानगर पोस्ट के प्रभारी बने संजय कुमार तिवारी मूल रूप से जमशेदपुर के सोनारी के ही रहने वाले है. उनकी व्यवहार कुशलता और शांत व्यक्तित्व के सहयोगी कायल है लेकिन इसी के कारण यह चर्चा भी होने लगी है कि टाटा जैसे दांव-पेंच वाले पोस्ट को तिवारी किस तरह चलायेंगे? उनका कार्यकाल कैसा होगा?
सूचनाओं पर आधारित समाचार में किसी सूचना अथवा टिप्पणी का स्वागत है, आप हमें मेल railnewshunt@gmail.com या वाट्सएप 6202266708 पर अपनी प्रतिक्रिया भेज सकते हैं.