- आदित्यपुर रेलवे स्टेशन पर विजिलेंस विभाग की कार्रवाई में बड़ी खामियां उजागर
- वर्षों से चल रही है रोस्टर की अनियमिततता, सिस्टम की चूक का खामियाज कौन भुगतेगा
- शनिवार को रोस्टर में सुमिता मुखर्जी का नाम, शुभ्रा श्रीवास्तव ने की पीआरएस की डयूटी
रेलहंट ब्यूरो, चक्रधरपुर
दक्षिण पूर्व रेलवे के विजिलेंस विभाग ने चक्रधरपुर रेलमंडल में वर्षों से जारी रोस्टर के खेल का खुलासा किया है. विजिलेंस की जांच में महिला कर्मचारी वाले आदित्यपुर स्टेशन पर ऑनडयूटी क्लर्क सुमिता मुखर्जी को निजी टिकट बनाते टीम ने पकड़ा है. उनके पास से 4500 का अतिरिक्त कैश के अलावा जारी किये गये टिकट भी बरामद किये गये हैं. विजिलेंस ने बनाये गये टिकट के एवज में राशि सरकारी खाते में जमा नहीं करने के लिए लगभग 3500 रुपये कैश शॉट होने की रिपोर्ट भी दर्ज की है. जबकि निजी स्तर पर टिकट बनाने के लिए रखे गये 5000 रुपयों को अघोषित पर्सनल कैश के रूप में दर्ज कर विजिलेंस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. घटना 22 नवंबर के सुबह 11 बजे की है. आरक्षण केंद्र में यह तत्काल टिकट बनाने का समय होता है. निजी फायदे के लिए काउंटर बदलने का खेल रेलवे में पुराना है जिस पर कई बार सवाल उठाये जाते रहे है. टाटानगर समेत रेलमंडल के दूसरे स्टेशन पर ड्यूटी रोस्टर में गड़बड़ी का मामला कई बार पकड़ा जा चुका है लेकिन हर बार कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूरी की गयी है.
आदित्यपुर केंद्र में शुक्रवार को विजिलेंस की छापेमारी के साथ ही डयूटी रोस्टर में बड़ा तालमेल घालमेल सामने आया है. बताया जाता है कि रेलवे विजिलेंस को सूचना थी कि सुबह पाली में केंद्र से बड़ी मात्रा में तत्काल टिकट जारी किये जाते है. तत्काल में दलाली की सूचना को लेकर ही विजिलेंस ने जाल बिछाया और शुक्रवार की सुबह जोनल विजिलेंस इंस्पेक्टर एस घोष और एस डे ने केंद्र में धावा बोला. जिसमें दो काउंटरों पर गड़बड़ी पकड़ी गयी. सुमिता मुखर्जी के पास से अपने परिजनों के लिए बनाया गया एक टिकट विजिलेंस ने बरामद किया जबकि पिंकी महतो को रोस्टर के विपरीत दूसरे काउंटर पर टिकट बनाते तीन टिकट पाये गये जिनका कैश यात्री से नहीं लिया गया था.
विलिजेंस टीम के टाटानगर में आने की सूचना पहले से रेलकर्मियों को मिल गयी थी
यह माना जा रहा है कि टाटानगर में एक दिन पहले से विजिलेंस टीम की मौजूदगी की सूचना रेलकर्मियों को थी. इसके बावजूद आदित्यपुर आरक्षण में हर दिन की तरह रोस्टर का घालमेल बेखौफ जारी था. रोस्टर के विपरीत महिला कर्मचारी काउंटर बदलकर तत्काल निकालने में लगी थी. यह कार्य केंद्र प्रभारी की सहमति व आपसी समन्वय से हर दिन की तरह जारी था. आम तौर पर हर शुक्रवार को शुभ्रा श्रीवास्तव सुबह पाली में पीआरएस डयूटी करती थी, लेकिन पारिवारिक कारणों से उस दिन उन्होंने अपनी डयूटी मूल शिफ्ट में ही रखी थी. हालांकि अलगे दिन शनिवार को सुबह पाली में डयूटी रोस्टर में सुमिता मुखर्जी का नाम होने के बावजूद आरक्षण क्लर्क शुभ्रा श्रीवास्तव ने ही पीआरएस की डयूटी की. यह मामला अब तक विजिलेंस की नजर में नहीं आया है. बताया जाता है कि आदित्यपुर बुकिंग काउंटर में डयूटी रोस्टर तो निर्धारित मानक के अनुसार बनाया जाता है लेकिन रेलकर्मी अपनी सुविधा के अनुसार ही डयूटी करते है. यानी जिस काउंटर पर जिस क्लर्क की डयूटी रोस्टर में दर्ज होती है अमूमन कई बार उसकी जगह कोई और क्लर्क काउंटर पर ड्यूटी कर रहा होता है.
जोनल विजिलेंस इंस्पेक्टर एस घोष और एस डे ने औचक जांच में पीआरएस सह यूटीएस काउंटर पर बुकिंग कर्मी पिंकी महतो को तत्काल टिकट देते पाया. जांच में यह पता चला कि पिंकी महतो की ड्यूटी यूटीएस काउंटर पर थी जो आपसी समन्वय के तहत प्रीति कुमारी की काउंटर में ड्यूटी करती पायी गयी. जबकि उनके काउंटर पर प्रीति कुमारी टिकट जारी कर रही थी. हालांकि पिंकी महतो ने विजिलेंस टीम को बताया कि यह रुटीन घटनाक्रम है जो इंचार्ज सुनीता तिग्गा के दिशा-निर्देश पर किया जा रहा था. यह उनकी ड्यूटी का सामान्य हिस्सा है जो यहां तैनात दूसरे क्लर्क भी इंचार्ज के निर्देश से तत्काल के समय काउंटर पर सहयोग के रूप में करते है. विजिलेंस टीम को बताया गया कि प्रीति कुमारी की न्यू ज्वाइनिंग है इस कारण उन्हें सहयोग करने के लिए तत्काल के समय ऐसा किया जाता है ताकि यात्रियों को परेशानी न हो और काउंटर पर तत्काल के समय हंगामे की स्थिति न बने.
यह भी पढ़ें : विजिलेंस के निशाने पर टाटानगर बुकिंग, हर बार मिलती है गड़बड़ी
जांच के क्रम में विजिलेंस अधिकारियों ने पिंकी महतो के काउंटर से तत्काल के तीन बनाये गये टिकट को जब्त किया. इन टिकटों का मूल्य लगभग 2500 रुपये के करीब था. यह टिकट यात्रियों को नहीं सौंपे जाने के कारण उतनी राशि पिंकी महतो के काउंटर में शॉट थी. कार्रवाई के दौरान यात्रियों ने तत्काल टिकट नहीं मिलने पर हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद पिंकी महतो ने रेलवे विजिलेंस इंस्पेक्टरों की सहमति ने तीन और तत्काल के आरक्षित टिकट जारी किये. इस तरह उनके काउंटर पर आरक्षण के छह टिकटों के साथ लगभग 4800 रुपये का कैश शॉट हो गया. यह राशि बनाने गये टिकट के एवज में थी जो अब तक यात्रियों से टिकट के एवज में नहीं वसूली गयी थी.
विजिलेंस टीम ने पिंकी महतो के काउंटर पर कैश की जांच जिसमें तत्काल आरक्षण के अलावा दूसरे कैश सही पाया गया. इसके बाद विजिलेंस टीम ने तत्काल आरक्षित टिकट की क्रमवार आरपीएफ द्वारा रजिस्टर में दर्ज नामों से मिलान किया. सभी टिकट और नाम सही पाये गये. इसके बाद विजिलेंस टीम ने आरपीएफ की मौजदूगी में क्रम से पहचान पत्र का मिलान कर सभी यात्रियों को तत्काल टिकट जारी कराया और टिकट के मद में राशि लेकर पिंकी महतो के काउंटर की जांच की. जांच में टिकट का मूल्य और काउंटर में पायी गयी राशि सही पायी गयी. इसके बाद विजिलेंस टीम ने रोस्टर में गड़बड़ी का मामला दर्ज कर पिंकी महतो के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है. हालांकि विजिलेंस टीम ने काउंटर बदलने वाली दूसरी कर्मचारी प्रीति कुमारी को राहत देते हुए उसके खिलाफ कोई वाद नहीं दर्ज किया है.
यह भी पढ़ें : टाटानगर : चोरों की तलाश में विजिलेंस ने मारा छापा, पकड़ा गया ‘ईमानदार’
विजिलेंस जांच में काउंटर बदलने के लिए पिंकी महतो ने सीधे तौर पर इंचार्ज सुनीता तिग्गा को जिम्मेवार बताया है. हालांकि जानकारों का कहना है कि नियमानुसार ऐसा करना गलत है और इसके लिए शायद ही सुनीता तिग्गा लिखित रूप से अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करेंगी. ऐसी स्थिति में दूसरे काउंटर पर तत्काल टिकट जारी करने वाले कर्मचारी पर क्या कार्रवाई की जाती है यह आने वाले समय में ही तय हो सकेगा. दिलचस्प है कि हर शुक्रवार को पीआरएस की डयूटी करने वाली शुभ्रा श्रीवास्तर ने शनिवार को पीआरएस में सुबह पाली में डयूटी की जबकि राेस्टर में उनका नाम दूसरी पाली में दर्ज था. यहां की कर्मचारियों ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि इंचार्ज सुनीता तिग्गा के मौखिक दिशानिर्देश पर वह डयूटी करती है.
समाचार को लेकर सुझाव व जानकारी का स्वागत है, अपनी जानकारी रेलहंट से वाट्सअप 6202266708 पर भेज सकते है, आपकी पहचान को गुप्त रखा जायेगा. काॅमेंट बॉक्स में अपनी बात कही जा सकती है.