- 450 से अधिक कर्मचारियों ने दी परीक्षा, कामर्शियल के कर्मचारी पूरी तरह रहे फिसड्डी
चक्रधरपुर. रेलमंडल में विभागीय स्तर पर निकाली गयी टीटीइ की बहाली में अजीबोगरीब नजारा सामने आया है. इसे संयोग कहें या सहयोग लेकिन हकीकत है कि 21 सीट के लिए निकाली गयी टीटीइ की विभागीय बहाली में 20 सीट पर प्वाइंट मैन ने बाजी मार ली है. एक सीट पर टाटानगर स्टेशन के पीयून का चयन हुआ है. बीते 15 जनवरी को सहायक कार्मिक अधिकारी ने जब रिजल्ट जारी किया तो एक ही चर्चा रेलवे कामिर्शयल में रही कि क्या कोई भी कामर्शियल का कर्मचारी इस परीक्षा को पास करने के योग्य नहीं था. 450 कर्मचारियों ने विभागीय स्तर पर यह परीक्षा दी थी जिसमें चयन सिर्फ प्वाइंट मैन का हुआ.
रेलहंट प्वाइंट मैन की योग्यता पर तो सवाल नहीं उठा रहा है लेकिन इस संयोग के कुछ बिंदुओं का खुलासा करना जरूरी है. विभागीय परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र ऑपरेटिंग के वरीय पदाधिकारी ने तैयार किया था और इसकी जांच का जिम्मा कामर्शियल के वरीय पदाधिकारी पर था. दिलचस्प है कि सभी 20 सीट पर ऑपरेटिंग से जुड़ें प्वाइंटमैन ही सफल हो सके है. एक सवाल यहां चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या शत प्रतिशत प्वाइंटमैन का चयन महज संयोग रहा अथवा अथवा किसी सहयोग ने उन्हें यहां तक पहुंचा दिया. यह परीक्षा ऑपरेटिंग और कामर्शियल के ही कर्मचारियों के लिए थी और इसके प्रश्नपत्र चयन का जिम्मा ऑपरेटिंग के अफसर के पास था. शायद यही वजह है कि दबी जुबान से कमर्शियल के कर्मचारी इस रिजल्ट पर सवाल उठा रहे है.
सीनियर डीसीएम के रूप में भास्कर की पदास्थापना के बाद से कर्मचारी दबाव में है. यही कारण है कि इस मुद्दे पर अधिक बहस और हंगामा रेलमंडल के कमर्शियल के कर्मचारियों की ओर से नहीं किया गया. हालांकि कर्मचारियों का एक तबका इस बात का हिमायती है कि इस रिजल्ट पर सवाल तो स्वयं कमर्शियल के आला अधिकारियों और यूनियन नेताओं का उठाना चाहिए था, लेकिन रेलमंडल में यूनियन नेता स्वयं की जमीन तलाश रहे है ऐसे में उनसे इस मुद्दे पर सवाल उठाये जाने की उम्मीद करना भी बेमानी है. अब विभागीय परीक्षा में इस गोलमाल का जबाव अतीत में दफन होने लगा है.