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चक्रधरपुर : डीआरएम ने रेलवे क्वार्टर कमेटियों को किया भंग, विरोध में उतरा ओबीसी संघ

झारखंड सरकार अनुमति दे तो हम रेगुलर ट्रेन चलाने को तैयार : डीआरएम
  • चक्रधरपुर रेल मंडल में पूर्व से संचालित क्वार्टर कमेटियों को बहाल करने की मांग 
  • टाटा में रेलवे क्वार्टरों पर बाहरी लोगों का कब्जा खाली कराने रेलवे विफल : प्रसाद 

CHAKRADHARPUR. ओबीसी रेलवे कर्मचारी संघ के जोनल महासचिव कृष्ण मोहन प्रसाद ने दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य कार्मिक अधिकारी से पूर्व से संचालित रद्द की गयी क्वार्टर कमेटियों को फिर से बहाल करने की मांग की है. 12 फरवरी 2024 को वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी, चक्रधरपुर ने डीआरएम के आदेश पर पत्रांक संख्या SER/P-CKP/Qr./Allot/ CKP Divn/2024 जारी कर कर्मचारी संगठनों वाली रेलवे क्वार्टर कमेटियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था. (dissolves railway quarter committees)

इस बीच  मंडल कार्मिक विभाग ने पुराने रेलवे क्वार्टरों को तोड़ने एवं पूरे डिवीजन में रेलवे क्वार्टरों का आवंटन केंद्रीकृत करने के संबंधित पत्र जारी किया है. ओबीसी रेलवे कर्मचारी संघ के जोनल महासचिव कृष्ण मोहन प्रसाद का कहना है कि मंडल रेल प्रबंधक ने कर्मचारी संगठनों को बिना विश्वास में लिए सभी कमेटियों को भंग करने का निर्णय लिया है इसका विरोध किया जायेगा.

चक्रधरपुर : डीआरएम ने रेलवे क्वार्टर कमेटियों को किया भंग, विरोध में उतरा ओबीसी संघ

कृष्ण मोहन प्रसाद, जोनल महासचिव, ओबीसी रेलवे कर्मचारी संघ

श्री प्रसाद ने कहा कि संघ क्वार्टर आवंटन में पारदर्शिता का समर्थक रहा है. ऐसे में मंडल रेलवे प्रशासन जो भी कदम उठाएगा उसका हम स्वागत करेंगे, लेकिन कर्मचारी संगठनों की सहयोगात्मक भूमिका को इसमें नजरंदाज करना उचित नहीं होगा. संघ ने मुख्य कार्मिक अधिारीअधिकारी को दिये पत्र की प्रतिलिपि मंडल रेल प्रबंधक व वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी, चक्रधरपुर को भी दी है. इसमें जोनल महासचिव ने कर्मचारी हित में पुरानी क्वार्टर कमेटियों को पुनः बहाल करने की मांग की है.

मीडिया को जारी बयान में जोनल महासचिव ने बताया है कि माल लदान से अत्यधिक आय प्रदान करने चक्रधरपुर मंडल के रेलकर्मियों को आवंटित होने वाले रेलवे क्वार्टर रहने योग्य नहीं होते. समय पर न तो उसकी मरम्मत होती है, न ही समय पर उनका रंग रोगन किया जाता है. यही नहीं टाटा जैसे शहर में अधिकांश रेलवे क्वार्टरों पर बाहरी लोगों का कब्जा है. उसे रेलवे प्रशासन खाली कराने भी विफल रहा है.

रेलवे कालोनियों में सुरक्षा का कोई प्रबंधन नही है. इन सभी समस्याओं के निराकरण के लिए जो कॉलोनी केयर निरीक्षण कमेटी बनी थी, जिसमे रेलवे के सभी मुख्य विभागों की भागीदारी सुनिश्चित की गई थी, उसका निरीक्षण भी हमे से लंबित ही रहता है. यह जानकारी ओबीसी रेलवे कर्मचारी संघ, टाटानगर के सचिव  मुंद्रिका प्रसाद ने बयान जारी कर दी है.

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