- रेलवे मेंस यूनियन के पीएनएम में चक्रधरपुर मंडल रेल प्रशासन ने कई मुद्दों पर दी स्वीकृति
CHAKRADHARPUR. दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस यूनियन (SERMU) के चक्रधरपुर मंडल प्रशासन के साथ आयोजित पीएनएम में दूसरे दिन 13 जुलाई 2023 को भी रेलकर्मियों के स्वास्थ्य सुविधा का मुद्दा छाया रहा. इसमें टाटा और चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल से रेलकर्मियों के इमरजेंसी में स्थानीय टाईअप अस्पताल में रेफर करने में आने वाली अड़चनों पर यूनियन नेताओं ने मुखर होकर डीआरएम के सामने अपनी बात रखी. यूनियन की ओर से एडिशनल जेनरल सेक्रेटरी जवाहरलाल ने सवाल उठाया कि इमरजेंसी रेफर के मामलों में सवाल सिर्फ क्लास थ्री-फोर के कर्मचारियों पर ही क्यों उठाया जाता है? क्यों नियमों का हवाला देकर उन्हें गार्डेनरीच भेजने के लिए दबाव बनाया जाता है ? क्या कभी यह नियम किसी बड़े अधिकारी पर लागू हुआ ?
यूनियन ने तर्क दिया कि छोटे-छोटे केस में गार्डेनरीच भेजने से रेलकर्मी का पूरा परिवार परेशान होता है. इसके अलावा रेलवे को भी इसका खर्च वहन करना पड़ता है जबकि वह इलाज टाईअप वाले अस्पताल में कम खर्च में संभव है. इस तर्क पर डीआरएम अरुण जातोह राठौड़ ने भी सहमति जतायी और डॉक्टरों से इस पर पहल करने को कहा. यूनियन की पहल पर डीआरएम ने रेलवे कार्ड पर टाईअप हास्पीटल के ओपीडी में भी इलाज की सुविधा बहाल करने पर सहमति जतायी. यूनियन ने अस्पताल में 24 घंटे एंबुलेंस की सुविधा देने, महिला कर्मचारियों के लिए चेंजिंग रूम बनाने की मांग रखी.
टाटानगर रेलवे अस्पताल में बंद अल्ट्रासाउंड मशीन की मरम्मत कराने और बरामदे को घेरकर बंद करने को लेकर सुरक्षा चिंताओं से डीआरएम को अवगत कराया गया. यूनियन का तर्क था कि ऐसा कर आपातकालीन रास्ता बंद कर दिया गया है जो कभी बड़े घटना का कारण बन सकता है. मेंस यूनियन के मंडल को-आर्डिनेटर मनोज कुमार सिंह ने डीआरएम के सामने ब्रांच लाइन की रेलकर्मियों की समस्याओं को सिलसिलेवार तरीके से रखा और उनका यथाशीघ्र निदान करने का अनुरोध किया. इसमें कई मांगों पर डीआरएम ने सीधे- सहमति जतायी और अधिकारियों को सर्वे करने का निर्देश भी दिया.
यूनियन की ओर से एडिशनल जेनरल सेक्रेटरी जवाहरलाल ने सवाल उठाया कि इमरजेंसी रेफर के मामलों में सवाल सिर्फ क्लास थ्री-फोर के कर्मचारियों पर ही क्यों उठाया जाता है? क्यों नियमों का हवाला देकर उन्हें गार्डेनरीच भेजने के लिए दबाव बनाया जाता है ? क्या कभी यह नियम किसी बड़े अधिकारी पर लागू हुआ ?
मेंस यूनियन की पीएनएम बैठक इससे पहले वर्ष 2006 में हुई थी. एक दशक से अधिक समय बाद हो रही बैठक को लेकर यूनियन के नेता उत्साहित थे. दो दिनों तक चली बैठक में रनिंग रूम में सुविधाओं का विस्तार, छोटे स्टेशनों पर पीने की व्यवस्था, ओटी और टीए का समय से भुगतान, छोटे यूनियन में भी महिला टायलेट और रेस्ट रूम की व्यवस्था, रेलवे कालोनियों में खराब सड़क व क्वाटरों की मरम्मत, सेफ्टी टैकौं की सफाई, इंजीनियरिंग स्टाफ को रक्षक उपकरण देने, पेंडिंग MACP को पूरा करने, एसी. कैडर में हेल्पर के लंबित प्रमोशन देने, बंडामुडा K केबिन के पास अंडरपास (subway) बनाने, डांगवापोसी में और रेलवे क्वार्टर बनाने, टिकट परीक्षक से वरिष्ठ टिकट परीक्षक का प्रमोशन देने की मांगों पर गंभीरता से चर्चा के बाद आदेश जारी किये गये.
टाटानगर में रेलवे कालोनियों के चहारदीवारी के निर्माण के लिए डीआरएम ने स्वीकृति देते हुए कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया. चर्चा के बाद सुपरवाइजर के 4600 एवं 4800 ग्रेड पे रेलवे बोर्ड के गाइड लाइन 155/2022 के आदेश को मंडल रेल प्रबंधक ने अविलंब जारी करने का निर्देश विभाग को दिया. मेंस यूनियन की ओर से वार्ता में मंडल संयोजक एमके सिंह, सेंट्रल वाइस प्रेसिडेंट सह (मेंबर/AIRF) शिवजी शर्मा, एडिशनल जेनरल सेक्रेटरी जवाहरलाल के साथ मंडल के सभी सचिव व अध्यक्ष एसएन शिव, संजय सिंह, एके सिंह, एसके फरीद, एआररॉय, आरके श्रीवास्तव, रामशंकर साहू, संजय कुमार पाठक, एमपी गुप्ता, केएस राव, हलधर, आरएन साहा, हैदर ईमान, बिस्वजीत बड़ाईक, बाबू राव, आईडी प्रसाद आदि चर्चा में शामिल हुए एवं एजेंडे पर अपनी बात रखी.
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