- रेलवे मेंस कांग्रेस के मंडल संयोजक ने चाईबासा व झींकपानी में कालोनियों की देखी जमीनी हकीकत
जमशेदपुर. चक्रधरपुर रेलमंडल में हर साल आने वाले करोड़ों के जोनल फंड का कितना बेहतर उपयोग किया जाता है कि इसका खुलासा रेलवे कालोनियों की दशा देखकर हो जाता है. लाखों रुपये खर्च दिखाये जाने के बावजूद रेलवे की कालोनियों में घरों की छत से टपकता पानी व जर्जरहाल दीवारौं के बीच कर्मचारी रहने को मजबूर हैं. रेलवे कालोनियों की दुदर्शा व जोनल फंड के दुरुपयोग को लेकर हमेशा से सवाल उठाये जाते रहें है लेकिन यूनियनों कॆ नेताओं के प्रभावी भूमिका नहीं निभा पाने के कारण इंजीनियर और ठेकेदारों के बीच जोनल फंड का प्रभावी उपयोग नहीं सुनिश्चित कराया जा सका है.
फिल्टर हाउस की जांच करने पहुंचे मंडल संयोजक शशि रंजन मिश्रा
रेलवे कालोनियों की खास्ताहाल स्थिति के लिए रेलवे के यूनियन नेता हमेशा इंजीनियरिंग विभाग को निशाने पर लेते रहे है. इस क्रम में रेलवे काॅलोनियों की जमीनी हकीकत जानने रेलवे मेंस कांग्रेस के चक्रधरपुर मंडल संयोजक व युवा नेता शशि रंजन मिश्रा अपने सहयोगियों के साथ बुधवार चाईबासा और झींकपानी गये. यहां उन्होंने रेलवे कॉलोनियों का निरीक्षण किया तथा लोगों की समस्याओं की जानकारी ली.
मेंस कांग्रेस नेताओं ने एक-एक मकान में देखा कि रेल कर्मचारी अपने परिवार के साथ कैसे रह रहे है. इस क्रम में मंडल संयोजक ने देखा कि क्वार्टर की छत से पानी टपकने का सिपेज है, तो सैप्टिक टैंक, सड़क व नालियों की स्थिति काफी खराब है. मेंस कांग्रेस के मंडल संयोजक इसके बाद झींकपानी स्थित फिल्टर हाउस भी गये. उन्होंने चारों ओर से पंप हाउस के खुला रहने पर चिंता जतायी. कहा कि यहां चहारदीवारी का निर्माण अति आवश्यक है. झींकपानी फिल्टर हाउस में शौचालय का निर्माण भी प्राथमिकता के आधार पर बनाने की बात कही गयी. रेलवे मेंस कांग्रेस के नेताओं के बीच यह बात चर्चा में रही कि हर साल रेल बजट के तहत चाईबासा रेलवे कॉलोनी के आवासों की मरम्मत के लिए 60 से 70 लाख रुपये जोनल वर्क का फंड आता है, बावजूद यह हाल कैसे है? मेंस कांग्रेस नेताओं ने समस्याअों को सूचीबद्ध किया ताकि उस पर मंडल के पदाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराकर समस्याओं का समाधान कराया जा सके. निरीक्षण में शाखा सचिव सुभाष मजूमदार, के अलावा चाईबासा के ओएन दुबे, दिनु करवा, सरत कुमार गौड़, अनिल कुमार, शंकर करवा, संतोष नाग, एबोन हेस्सा, टाटा के शाखा सचिव घनश्याम चौधरी, एमएस शिजय, अनिल चौधरी आदि शामिल थे.