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रेलवे में निजीकरण के विरोध के बीच नीति आयोग के सीईओ ने कहा- पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप से हर किसी के लिए फायदेमंद

रेलवे में निजीकरण के विरोध के बीच नीति आयोग के सीईओ ने कहा- पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप से हर किसी के लिए फायदेमंद
  • व्यस्त स्टेशनों पर एयरपोर्ट की तर्ज पर यूजर चार्ज लगाया जायेगा, लेकिन राशि कम होगी : वीके यादव  
  • प्राइवेटाइजेशन से रेलवे में 30 हजार करोड़ रुपये का निजी निवेश आने की उम्मीद : अमिताभ कांत 

नई दिल्ली. नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीय रेलवे में निजीकरण की पहल से देश में आधुनिक तकनीक पर आधारित ट्रेन चला सकेंगे. यह देश में पहला अवसर होगा जब भारतीय रेल के इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग कर प्राइवेट कंपनियां मॉडर्न टेक्नॉलजी वाली ट्रेनें चलायेंगी. प्राइवेट ट्रेन चलाने से रेलवे बंद नहीं होगी बल्कि हर किसी को इससे फायदा ही होगा. मीडिया से बात करते हुए अमिताभ कांत ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप से होने वाले फायदों के बारे में भी बताया. बताते चले कि रेलवे में निजीकरण का जोरदार विरोध हो रहा है जिसके लिए क्रमवार आंदोलन एआईआरएफ चला रहा है. रेलवे में 151 प्राइवेट ट्रेनों को चलाने की तैयारी और स्टेशनों को विकसित करने के लिए निजी भागीदारी में देने के लाभ बताते हुए 17 सितंबर को पहली बार रेलवे बोर्ड के सीईओ और नीति आयोग के सीईओ ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया. इसमें बताया गया कि नई दिल्ली और मुंबई रेलवे स्टेशनों का किस तरह कायाकल्प किया जायेगा.

अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीय रेलवे का आधुनिकीकरण हर किसी के लिए एक जीत की स्थिति है. क्वॉलिटी ट्रेन सेवाएं, नई तकनीक और वैल्यू एडेड सेवाएं यूजर्स के अनुभव को बेहतर बनायेंगी. उन्होंने कहा कि हम 109 रेलमार्गों को देख रहे हैं, जिसके लिए 151 ट्रेनों की आवश्यकता है, जिन्हें 12 समूहों में विभाजित किया गया है. इसके लिए हम पारदर्शी तरीके से बोली प्रक्रिया का आयोजन करेंगे. उन्होंने कहा, ‘जिस निजी क्षेत्र का निवेश हम देख रहे हैं, वह लगभग 30,000 करोड़ रुपये का है. प्राइवेट ट्रेनों का किराया मार्केट के हिसाब से तय किया जायेगा. पैसेंजर्स को वैल्यू एडेड सर्विस भी उपलब्ध करायी जायेंगी.

रेलवे में निजीकरण के विरोध के बीच नीति आयोग के सीईओ ने कहा- पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप से हर किसी के लिए फायदेमंदप्राइवेटाइजेशन से रेलवे को करीब 30 हजार करोड़ रुपये के निजी निवेश आने की उम्मीद है. अमिताभ कांत ने कहा कि अगले साल के आखिर तक 50 रेलवे स्टेशनो का रिडेवलपमेंट किया जाएगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हम रेलवे का निजीकरण नहीं कर रहे हैं. निजी कंपनी रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करेगी. उन्होंने उदाहरण दिया कि प्राइवेट बैंक आने के बाद एसबीआई बंद नही हुई है. इंडिगो, विस्तारा आने के बाद एयर इंडिया बंद नही हुआ है. ऐसे ही प्राइवेट ट्रेन आने के बाद भारतीय रेल बंद नही होगी, बल्कि इसकी क्षमता और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी.

नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि ट्रेनों के लिए आवेदन पहले ही मंगवाए जा चुके हैं और इसकी आखिरी तारीख सात अक्टूबर, 2020 है. उन्होंने विश्वास जताया कि भारत में रेलवे की आधुनिक तकनीक के लिए दुनियाभर से निवेश आयेगा. उन्होंने कहा कि प्राइवेट इंवेस्टमेंट से नई तकनीक आती हैं. यह रेलवे सेक्टर में कॉम्पटीशन लेकर आयेगा और आने वाले समय में किराया कम होगा.

पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों के लिए लगाए जाने वाले एयरपोर्ट्स जैसे यूजर चार्ज पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा कि यह बहुत कम होगा. उन्होंने कहा, ‘यूजर चार्ज नाममात्र का होगा. साथ ही, यह चार्ज केवल पुनर्विकास स्टेशनों के लिए लागू होगा. वर्तमान में सभी स्टेशनों का पुनर्विकास नहीं किया जा रहा है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सह सीईओ वीके यादव ने प्राइवेट कंपनियों द्वारा किराया बढ़ाने के सवाल पर कहा कि बस और हवाई किराये से प्रतिस्पर्धा में स्वाभाविक रूप से किराये में बढ़ोतरी अधिक नहीं होगी. उन्होंने कहा, “यूजर चार्ज बहुत छोटी राशि का होगा.  7000 रेलवे स्टेशन अभी हैं इसका 10 से 15% करीब 1050 रेलवे स्टेशनों में यूजर चार्ज लगाया जा सकता है.”

इस मौके पर दिल्ली और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प करने को लेकर प्रेजेंटेशन दिया गया. बताया गया कि नई दिल्ली स्टेशन का पुनर्निर्माण ऐसे होगा कि कनाट प्लेस की खूबसूरती और बढ़ जाएगी. कनाट प्लेस से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बीच की और आस-पास की 88 एकड़ ज़मीन में अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन, शॉपिंग प्लेसेस, फ़ाईव स्टार होटल और 6 लेन का एलिवेटेड रोड नेटवर्क बनाया जायेगा.

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा-

  • पीपीपी मॉडल के तहत इन स्टेशनों को वैश्विक स्तर का बनाया जाएगा. देश-विदेश की निजी कंपनियां बिडिंग में लेंगी हिस्सा
  • स्टेशनों के पुनर्निर्माण और निजी कंपनियों की तरफ से ट्रेनों के संचालन से रेलवे और निजी कंपनियों दोनों के लिए अलग स्थिति होगी.
  • नई दिल्ली और मुंबई रेलवे स्टेशन का पूरी तरह से कायाकल्प हो जाएगा.
  • देश के जीडीपी में 1.5 से 2 फीसदी का योगदान रेलवे कर सकता है और ये संभव भी है.
  • रेलवे का निजीकरण नहीं कर रहे हैं. निजी कंपनियां कुछ सालों के लिए ट्रेनें चलाएंगी. तकनीक और निवेश होगा.
  • देश मे आधुनिकता की आवश्यकता है. आईसीआईसीआई, एचडीएफसी जैसे बैंक देश मे आये तो जैसे एसबीआई बंद नहीं हुआ
  • वैसे ही निजी रेल से कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि कम्पटीशन बढ़ेगा.
  • रेलवे और एविएशन के क्षेत्र में और अधिक विदेशी निवेश लाने की योजना है. विदेशी कम्पनियां आधुनिक टेक्नोलोजी लाएंगी
  • सब कुछ भारत में ही बनाएंगी यानी मेक इन इंडिया भी आगे बढ़ेगा.

रेलवे बोर्ड के सीईओ और चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा-

  • 13.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्लान अगले 5 सालों में है.
  • मार्च 2024 तक मांग के हिसाब से यात्री और माल ट्रेनें चला पाएं, उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
  • आम जनता के लिए जो सामान्य ट्रेने चलती रहेंगी बल्कि उन्हें और अधिक सुविधाओ के साथ यात्रा करने को मिलेगी.
  • स्टेशन पर यूजर चार्ज छोटी राशि का होगा. स्टेशनों के पुनर्निर्माण का काम होने तक यूजर चार्ज रेलवे के पास रहेगा.
  • बड़े रेलवे स्टेशनों और जहां यात्रियों की आवाजाही ज्यादा है या ज्यादा होने की उम्मीद है वहां के लिए यूजर चार्ज लिया जाएगा.
  • 7000 रेलवे स्टेशन अभी हैं, इसका 10 से 15% करीब 1050 रेलवे स्टेशनों में यूजर चार्ज लगाया जा सकता है.
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