NEW DELHI. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने गुरुवार को रेल मंत्रालय की 6,798 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली दो परियोजनाओं को मंजूरी दे दी. इन परियोजनाओं से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार के 8 जिले कवर होंगे. इन परियोजनाओं को अगले पांच सालों में पूरा किया जाएगा.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली के राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उत्तर बिहार के लिए रेलवे बुनियादी ढांचा और पूर्वोत्तर राज्यों को रणनीतिक संपर्क प्रदान करने के लिए नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलवे लाइन के दोहरीकरण की एक बड़ी परियोजना को आज मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा कि 4553 करोड़ रुपये की लागत से 256 किलोमीटर रेलवे लाइन के दोहरीकरण से उत्तर प्रदेश और उत्तर बिहार को फायदा होगा. इसके अलावा कैबिनेट ने अमरावती के रास्ते एर्रुपलेम और नंबुरु के बीच 57 किलोमीटर लंबी नई रेललाइन के निर्माण को मंजूरी दी है. नई रेल लाइन परियोजना एर्रुपलेम-अमरावती-नंबुरु आंध्र प्रदेश के एनटीआर विजयवाड़ा और गुंटूर जिलों और तेलंगाना के खम्मम जिले से होकर गुजरेगी. नई लाइन आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित राजधानी अमरावती को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी.
वैष्णव ने कहा कि नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड के दोहरीकरण से नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों तक संपर्क मजबूत होगा और मालगाड़ियों के साथ-साथ यात्री ट्रेनों की आवाजाही में सुविधा होगी, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार के 8 जिलों को कवर करने वाली दो परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 313 किलोमीटर की वृद्धि होगी. नई लाइन परियोजना 9 नए स्टेशनों के साथ लगभग 168 गांवों और लगभग 12 लाख आबादी को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना दो आकांक्षी जिलों (सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर) में कनेक्टिविटी बढ़ाएगी, जिससे लगभग 388 गांवों और लगभग 9 लाख आबादी को सेवा मिलेगी.