- 20 को बोनस दिवस के बाद 22 को विजय दिवस मनाने की घोषणा
- रेलकर्मियों ने कहा- ओपीएस के लिए रेल चक्का जाम करें नेता जी
नई दिल्ली. रेल कर्मचारियों को इस साल भी 78 दिनों का बोनस मिलेगा. सात हजार के बेसिक पर सीलिंग के साथ बोनस की ऊपरी सीमा 17,951 रुपये ही होगी. रेलवे में पिछले साल भी कर्मचारियों को 78 दिन का ही बोनस दिया गया था. इसका लाभ 11.58 लाख रेल कर्मचारियों को मिलेगा. इस साल बोनस को लेकर पहले से ही रेलवे के दोनों फेडरेशनों की ओर से माहौल बनाने का शुरू कर दिया गया था. एनएफआईआर और एआईआरएफ ने इसके लिए बकायदा रेल चक्का जाम करने की तक की चेतावनी दे दी थी. इसके तहत एआईआरएफ के आह्वान पर 20 अक्टूबर को बोनस दिवस के रूप में देशव्यापी प्रदर्शन कर रेलकर्मियों ने शक्ति प्रदर्शन भी किया था.
बोनस के लिए रेलकर्मियों ने किया देशव्यापी प्रदर्शन, हरकत में आयी सरकार, जगी उम्मीद
कोरोना के समय सरकारी कर्मचारियों के डीए में कटौती और फिर अचानक फेस्टिबल एडवांस के रूप में 10 हजार रुपये का लोन देने की घोषणा के बाद से यह आशंका बन गयी थी कि शायद इस साल बोनस का भुगतान नहीं हो. हालांकि इससे पहले ही रेल कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू कर दिया था. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने बोनस नहीं मिलने की स्थिति में 22 अक्टूबर को देश भर में रेल का चक्का जाम करने की चेतावनी दी थी. इसके पहले ही बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में इसका फैसला आ गया. इसके बाद चक्का जाम आंदोलन को वापस लेने की घोषणा की गयी है.
बोनस बड़ी जीत है, आप सब ने जिस तरह 20 को बोनस डे मनाया, उसी का नतीजा है बोनस का सरकार को ऐलान करना पड़ा. इसलिए कल 22 अक्टूबर को देश भर में विजय दिवस मनाया जायेगा. शिवगोपाल मिश्रा, महामंत्री, एआईआरएफ
रेलवे में बोनस की घोषणा के बाद एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि यह रेलकर्मियों की सामूहिक एकता का नतीजा है. रेलकर्मियों ने बोनस दिवस पर जो विरोध दर्ज कराया उसका असर सरकार पर पड़ा और बोनस के लिए माहौल बना. इसके बाद ही सरकार को बोनस का ऐलान करना पड़ा है. इसके लिए 22 अक्टूबर को देश भर में विजय दिवस मनाया जायेगा. एनएफआईआर के नेताओं ने भी इसे रेलकर्मियों की जीत बताया और कहा कि कोरोना काल में रेलकर्मियों ने जिस निष्ठा से काम किया उसका सम्मान उन्हें मिलना ही चाहिए था.
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार रेल कर्मचारियों को इस साल 78 दिन का बोनस मिलेगा. लेकिन पूर्व की ही तरह बोनस की ऊपरी सीमा 17,951 रुपये ही होगी. पिछले साल भी कर्मचारियों को 78 दिन का ही बोनस मिला था और उसकी सीलिंग 17,951 रुपये ही तय की गई थी. मंत्रालय का कहना है कि रेलवे के सभी अराजपत्रित कर्मचारी (Non Gazetted Employees) इसके दायरे में आएंगे. इसका लाभ 11.58 लाख रेल कर्मचारियों को फायदा होगा. रेलवे में दशहरे के पहले ही हर बार बोनस का भुगतान हो जाता था. कोरोना संकट के बीच सरकार द्वारा खर्च पर लगाम लगाये जाने से इस बार बोनस को लेकर संशय बना हुआ था. लेकिन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केबिनेट की बैठक में बोनस देने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गयी.
रेलवे में बोनस की घोषणा को लेकर रेलकर्मी सोशल मीडिया पर नेताओं पर सोशल मीडिया पर तंज भी कस रहे हैं. नेताओं का कहना है कि बोनस को लेकर रेल चक्का जाम करने की घोषणा करने वाले नेता ओपीएस के लिए क्यों रेल चक्का जाम करने की घोषणा नहीं कर रहे? क्या अब फेडरेशन के नेता ओपीएस के लिए रेल चक्का जाम की घोषणा करेंगे?
बोनस को लेकर जारी रेलवे का पत्र