- लखनऊ समेत देश भर के सभी जोन में काला बिल्ला लगाकर रेलकर्मियों ने जताया विरोध
- एआईआरएफ हर मोर्चे पर करेगा विरेाध, जरूरी पड़ी तो रेलचक्का जाम भी : शिवगोपाल मिश्रा
रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण की साजिश और नई सरकार की 100 दिन की कार्य योजना को साजिश करार देते हुए आंल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के आह्वान पर देश के सभी जोन में विभिन्न इकाईयों ने काला दिवस मनाकर विरोध दर्ज कराया गया. लखनऊ रेलमंडल में स्वयं गेट मीटिंग कर महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा मौजूद ने वर्तमान समय को भारतीय रेल पर अब तक का सबसे बड़ा खतरा करार दिया. मिश्रा ने कहा कि रेलवे वजूद के वर्तमान स्वरूप को खत्म करने की साजिश हो रही है. इसे एआईआरएफ सफल नहीं होने देगा. रेलवे को बेचने का विरोध किया जायेगा भले ही रेल का चक्का जाम क्यों न करना पड़े. इस मौके पर महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहाकि भारतीय रेल में अब तक की तीन बड़ी रेल हड़ताल रेल कर्मचारियों की मांगो को पूरा करने करने के लिए हुई है. लेकिन आज हालात इसके उलट है. आज हमारी लड़ाई सरकार से रेल को बचाने की है, क्योंकि नई सरकार के गठन के बाद 100 दिन की कार्ययोजना में रेलवे बोर्ड ने जो योजना तैयार की है, उससे साफ है कि मंत्रालय निजीकरण और निगमीकरण को बढ़ावा देने जा रहा. इसके लिए सभी तरह के भेदभाव को भुलाकर एक झंडे के नीचे आकर संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा.
महामंत्री ने भारतीय रेल के युवा कर्मचारियों से कहाकि इस आंदोलन में उनको महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी, क्योंकि रेल को बचाने के लिए पहली जिम्मेदारी उन्ही की है. आज रेल में छह लाख से भी ज्यादा युवा रेल कर्मचारी हैं, जिन्हें 25 से 30 साल रेल में नौकरी करनी है.ऐसे में रेल को बचाए रखने के लिए उन्हें आगे आना होगा. महामंत्री ने याद दिलाया कि दुनिया भर की रेल से भारतीय रेल का प्रदर्शन सबसे बेहतर है, फिर भी निजीकरण की बात हो रही है. उन्होंने रायबरेली की माडर्न रेल कोच फैक्टरी की चर्चा करते हुए कहाकि इसके पहले एक कोच हम 5 करोड रुपये में इम्पोर्ट करते थे, लेकिन इस फैक्टरी से लागत महज दो करोड रुपये है। इतना ही नहीं निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले हम यहां ज्यादा उत्पादन कर रहे हैं , फिर भी इस कोच फैक्टरी के निगमीकरण की साजिश हो रही है.
महामंत्री ने साफ किया आज देश भर में काला दिवस और विरोध की आवाज दिल्ली पहुंच गई है, बुलावा आ गया है, बातचीत के लिए. महामंत्री ने साफ किया कि आप को पता है कि कौन ऐसा संगठन है जो सरकार से लड़ने की ताकत रखता है. उन्होंने साफ किया कि लड़ाई कितनी भी कठिन और लंबी क्यों न हो, जब तक एआईआरएफ है, हम रेल को बिकने नहीं देगें. युवा रेलकर्मचारियों को महामंत्री ने याद दिलाया कि एनपीएस को समाप्त करने की लड़ाई जारी है, इस लड़ाई से हमने काफी कुछ हासिल किया है, लेकिन जब तक हम पुरानी पेंशन बहाल नहीं करा लेते है, ये लडाई भी थमने वाली नहीं है. गेट मीटिंग में मंडल मंत्री आर के पांडेय ने महामंत्री को आश्वस्त किया कि एआईआरएफ से जो भी आदेश मिलेगें, उसके तहत मंडल में पूरी ताकत के साथ संघर्ष किया जाएगा, यहां एक एक कर्मचारी लाल झंडे के नीचे आकर आंदोलन में पूरा सहयोग करेगा. मीटिंग को केंद्रीय उपाध्यक्ष एस यू शाह ने भी संबोधित किया. इस गेट मीटिंग के दौरान यहां केंद्रीय कोषाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव, युवा नेता प्रीति सिंह , संजय श्रीवास्तव, आर आर सिंह, साधना गौड़, डीके शुक्ला समेत तमाम लोग मौजूद थे.
टाटा/आदित्यपुर : मेंस यूनियन कार्यकर्ताओं ने काला बिल्ला लगाकर की ड्यूटी
एआइआरएफ के अह्वान पर सोमवार 1 जुलाई को टाटानगर और आदित्यपुर समेत जोन भर में निजीकरण के खिलाफ काला दिवस मनाया गया. टाटा समेत चक्रधरपुर मंडल के सभी शाखा सभी स्टेशनों मेंस यूनियन से जुड़े नेता व कार्यकर्त्ताओं ने काला बिल्लाकर लगाकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया और ड्यूटी की. टाटानगर में मेंस यूनियन के केंद्रीय उपाध्यक्ष शिवजी शर्मा की अगुवाई में विरोध दर्ज कराया गया. इस मौके पर मंडल संयोजक जवाहर लाल, एमके सिंह, फरिद, बालक दास, आनंत प्रसाद, संजय सिंह, बाबू राव, एमपी गुप्ता आदि ने सभी इकाईयों में घूमघूम कर रेलकर्मियों को काला बिल्ला लगाया. उधर आदित्यपुर में भी मेंस यूनियन नेताओं ने विभिन्न इकाईयों में प्रदर्शन कर अपना एकता का इजहार किया. आदित्यपुर मेंस यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष मुकेश सिंह की अगुवाई में रेलकर्मियों ने रेलवे के निजीकरण के किसी भी पहल का कड़ा विरोध करने का संकल्प लिया. इस दौरान लॉबी, कैरेज एंड वैगन, गार्ड रोस्टर, इंजीनियरिंग विभाग समेत अन्य विभागों में 500 से अधिक रेलकर्मियों तक संपर्क कर उन्हें आंदोलन से जोड़ने की पहल की गयी. इस मौके पर सचिव डी अरुण, राजेश कुमार, रवि नायर, आर सिंह, शांता राव ने सक्रिय भूमिका निभायी.
वेस्टर्न एम्प्लाइज यूनियन व नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन ने भी जताया विरोध, कलमबंद हड़ताल की
रत्लाम. वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन मंडल रतलाम की अगुवाई में रेलवे स्टेशन पर काला दिवस मनाया. इसी तरह नगर निगम के अधिकािरयों-कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर कलम बंद हड़ताल की. वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन के मंडी अध्यक्ष एसएस शर्मा ने बताया सरकार के इस निर्णय के विरोध में सोमवार को पूरे देश में काला दिवस मनाया गया. उन्होंने कहा-सरकार ने रेलवे के मान्यता प्राप्त संगठनों से चर्चा किए बगैर मनमाने तरीके से रेलवे के कारखानों का निगमीकरण कराने के साथ प्रीमियम ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने का 100 दिन का रोड मैप तैयार किया है. एआईआरएफ/डब्ल्यूआरईयू शुरू से ही इसका विरोध करते आए हैं. रवींद्रकुमार उपाध्याय, अरुण सक्सेना, संदीप जैन, दिलीपसिंह सुहावल, रेणुका पोद्दार ने बताया इसी क्रम में सोमवार को रेलवे कर्मचारियों ने काले बेज लगाकर कार्यालयों में काम किया और काला दिवस मनाया.
वहीं रायबरेली में नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन ने भी भोजनावकाश के दौरान रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर अधीक्षक कार्यालय के सामने काला फीता बांधकर जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी रेलकर्मियों का नेतृत्व कर रहे यूनियन के सहायक मंडल मंत्री सुधीर तिवारी ने कहा कि ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर 100 दिनों के एक्शन प्लान के खिलाफ रेलवे कर्मचारी देशभर में अपनी बाहों में काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराते हुए अपने कार्य स्थल पर काम कर रहे हैं. अगर समय रहते रेलवे बोर्ड ने निगमीकरण का तुगलकी फरमान वापस नहीं लिया तो व्यापक आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा. जरूरत पड़ी तो रेल का चक्का जाम भी किया जा सकता है. शाखा अध्यक्ष जावेद मसूद ने कहा कि सभी उत्पादन इकाइयां अपना काम बेहतर तरीके से कर रही हैं। निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक उत्पादन दे रही हैं. ऐसे में इन्हें निगम में परिवर्तित करने का कोई औचित्य नहीं है. इस मौके पर शाखा मंत्री देव कुमार अरुण मिश्रा, राजू श्रीवास्तव, डीडी शुक्ला, शील कुमार सिंह, गणेश श्रीवास्तव व जगदेई आदि उपस्थित रहे. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर डलमऊ स्टेशन पर जोरदार नारेबाजी की कर हाथ में काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज कराया गया. इस मौके पर स्टेशन अधीक्षक शिवराम रावत, सौरभ द्विवेदी, सोनू कश्यप, जितेंद्र चौधरी आदि मौजूद थे.