09 फरवरी, 2022 को इन्डियन रेलवे सिग्नल एवं दूरसंचार मैंटेनर्स यूनियन के बैनर में सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों ने सुबह 08 बजे से शाम 5 बजे तक मौन व्रत के साथ उपवास रखते हुए काला दिवस मनाया. यूनियन के महासचिव आलोक चन्द्र प्रकाश का कहना है कि सातवें वेतन आयोग ने सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों के लिए रिस्क तथा हार्डशिप अलाउंस की सिफारीस की गई थी परन्तु यह कहते हुए नहीं दिया गया कि कैडर रिस्टक्चरींग में सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों को फायदा दिया जा चुका है परन्तु कैडर रिस्टक्चरींग में हजारों पोस्ट सरेंडर हो जाने से कर्मचारियों की कमी के कारण हम सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों की हालत और बदतर हो गई है.
इतने महत्वपूर्ण विभाग के कर्मचारियों की इतनी बुरी हालत है कि हर साल दो दर्जन साथियों को हम मैनंटेनेंस या फेलियर के दौरान रन ओवर होने के कारण खो देते हैं. गौरतलब है कि दिनांक 09 फरवरी, 2018 को स्व. संजय शर्मा जी, ई एस एम, कुरवाई थैला, भोपाल मंडल, पश्चिम मध्य रेलवे रन ओवर हो गये थे संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारी के इस प्रकार रन ओवर हो जाने के बाद अमानवीय कृत्य किया गया जिससे हम संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों का मनोबल बहुत ही कम हो चुका है.
इसके अलावा दिनांक 29 सितंबर, 2021 को स्व. शिबू दास, व. तकनिशियन, सिगनल, गुवाहाटी के रन ओवर होने के बाद भी अब तक किसी भी प्रकार का मुआवजा भी शोकाकुल परिवार को नहीं दिया गया है. दिनांक 22 नवम्बर, 2021 को झांसी मंडल के स्व. हेमन्त कुमार, जे.ई. टेलीकाम की इंजीनीयरिंग विभाग की BCM मशीन कार्य के दौरान रन ओवर के बाद भी ब्लौक का काम चलता रहा और उनकी डेड बॉडी लावारीस की तरह पड़ी रही. इस घटना के ठीक दूसरे ही दिन दिनांक 23 नवम्बर, 2021 को हमारे दिल्ली मंडल के दो साथी स्व. कुलदीप कुमार, तकनीशिन, सिग्नल तथा भगत सिंह मीना, सहायक, सिग्नल एक साथ कार्य के दौरान ट्रेन की चपेट में आ कर रन ओवर हो गए. हर साल दो दर्जन (24) से अधिक संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारी रन ओवर या ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में मारे जाते हैं या LC गेट की मरम्मत के दौरान लोकल पब्लिक द्वारा मार दिये जाते हैं.
इतना ही नहीं हमें बिना किसी ड्यूटी रोस्टर के या अपने कार्य अवधि के बाद कभी भी जब भी सिगनल फेलियर हो जाता है HOER, 2005 के नियमों का उल्लंघन करते हुए बुलाया जाता है परन्तु उसके एवज में हमें कोई भी भत्ता नहीं दिया जाता है और यदि नींद में हमसे कोई गलती हो जाती है तो हमें चार्जशीट, सस्पेंशन जैसी चीजों का सामना करना पड़ता है और तो और कई बार तो नौकरी से निकाल दिया गया है. हमारे द्वारा इकट्ठा किए गए आंकड़ों के अनुसार संकेत एवं दूरसंचार विभाग में सबसे ज्यादा चार्जशीट करीब 70% ई एस एम को दी जा रही है इतना ही नहीं संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों की बिना ड्यूटी रोस्टर के काम करने की वज़ह से अनियमित जीवन प्रणाली के कारण संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारी हृदय रोग, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों के ग्रास हो रहे हैं.
संकेत एवं दूरसंचार कर्मचारियों पर प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिये जाने की वजह से तथा हम कर्मचारियों की उपेक्षा की वज़ह से असंतोष की भावना बढ़ रही है. संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों की इतनी कड़ी मेहनत के बावजूद भी हम संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों को रिस्क अलाउंस तथा नाईट ड्यूटी फेलियर गैंग की स्थापना नहीं की जा रही है. अतः अपनी विभिन्न मांगों की ओर रेल प्रसाशन का ध्यान लने के लिए तथा संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों को रिस्क अलाउंस दिये जाने तथा नाईट ड्यूटी फेलियर गैंग की स्थापना की माँग के समर्थन में संपूर्ण भारतीय रेलवे के संकेत एवं दूरसंचार विभाग में आज दिनांक 09 फरवरी, 2022 को “काला दिवस” के रूप में मनाया तथा पूरे दिन सुबह 08:00 बजे से शाम 17:00 बजे तक ड्यूटी के दौरान उपवास रखते हुए मौन-व्रत किया.