- सहायक विधुत अभियंता, सहायक वित्त प्रबंधक, सहायक वाणिज्य प्रबंधक, सहायक परिचालन प्रबंधक, सहायक मंडल अभियंता के लिए आयोजित की गयी परीक्षा
- एसीएम के प्रश्नपत्र को लेकर उठाये गये सवाल, अभ्यर्थियों ने नेशनल एकेडमी ऑफ इंडियन रेलवे के साथ रेलवे बोर्ड, रेल मंत्री को साक्ष्य के साथ भेजी शिकायत
PATNA. रेलवे के एलडीसीई 30% परीक्षा में सुनियोजित धांधली का मामला सामने आया है. चयन परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यार्थियों का दावा है कि परीक्षा में वैकल्पिक उत्तर प्रणाली में सेट किए गए सभी प्रश्नों के जवाब एक निश्चित पैटर्न पर सेट किए गए थे. इसमें प्रथम विकल्प को सही उत्तर बनाया गया था. जिन अभ्यर्थियों को उत्तर पैटर्न की जानकारी थी उन्होंने 150 में 149 से लेकर 150 तक अंक हासिल कर लिया है. अगर ऐसा हुआ है तो जाहिर सी बात है कि इस खेल में बड़े स्तर पर लेन-देन की संभावना बनी होगी. सवाल यह उठता है कि रेलवे के इतने बड़े पारदर्शी सिस्टम में किसने सेंध लगायी ? यह साफ्टवेयर की चूक है अथवा गोलमाल? अगर गोलमाल है तो इस खेल में कौन-कौन शामिल हैं? इस खेल का मास्टर माइंड कौन है?
रेलवे ने 4 अगस्त को सभी जोन में एलडीसीई 30% कोटा के तहत ग्रुप सी से ग्रुप बी में पदोन्नति हेतु परीक्षा का आयोजन किया था. यह परीक्षा सहायक विधुत अभियंता, सहायक वित्त प्रबंधक, सहायक वाणिज्य प्रबंधक, सहायक परिचालन प्रबंधक, सहायक मंडल अभियंता इत्यादि पदों के लिए थी. हमेशा से मिलने वाली धांधली की शिकायतों के बाद इस बार परीक्षा संचालन की जिम्मेदारी नेशनल एकेडमी ऑफ इंडियन रेलवे (NAIR) बड़ौदा को सौंपी गयी थी. हालांकि जो खबरें सामने आ रही है उसके अनुसार चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए धंधेबाजों ने प्रश्नपत्र में ऐसी तकनीक खोज निकाली जो प्रश्न पत्र लीक के खेल से भी बड़ी थी. हालांकि रेलवे अधिकारी इसे साफ्टवेयर की चूक बताकर मामले पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं.
सीबीटी के माध्यम से आयोजित परीक्षा में ECR से शामिल होने वाले सहायक वाणिज्य प्रबंधक के अभ्यर्थियों ने प्रमाण के साथ खेल को उजागर करते हुए रेलवे बोर्ड से लेकर तमाम स्तर पर पत्राचार किया है. उन्होंने तत्काल परीक्षा को रदद् कर नये सिरे से इसके आयोजन का अनुरोध किया है. इस शिकायत के बाद रेलवे बोर्ड स्तर की इस परीक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गये हैं. शिकायतों की जांच व निष्पादन के बाद जो सच सामने आये लेकिन यह तो तय हो गया कि रेलवे में किसी भी स्तर पर भेदभाव रहित चयन प्रक्रिया को अपनाकर मेधावी लोगों को आगे लाना कितना कठिन है ?
सामने आये तथ्यों के अनुसार 175 सवाल चार विकल्प के साथ थे. पहले प्रश्न के लिए चार विकल्प थे. उत्तर के लिए चार आईडी 01,02,03,04 थे. अब सही उत्तर के लिए आईडी 01 था, दूसरे प्रश्न के लिए चार विकल्प आईडी 05,06,07,08 थे और सही विकल्प 05 था. इसी तरह तीसरे चौथे प्रश्न में विकल्प आईडी 09,10,11,12 था और सही विकल्प 09 था. 175 सवालों में किसी भी अभ्यार्थी को 150 सवालों का जवाब देना था. पहले प्रश्न से लेकर 175वें प्रश्न तक सभी सवालों का जवाब का पहला विकल्प आईडी ही था जो 01,05,09,13,17,21… के क्रम में था… हैं न गोलमाल !.
अब अगर यह सब हुआ तो इसकी सीबीआई जांच की जरूरत महसूस होने लगी है. क्योंकि यह खेल जिस स्तर पर खेला गया है तो उसका अंदाजा लगाना कठित है. ना प्रश्न पत्र आउट करने का झमेला और ना ही प्रश्न पत्र हल करने के लिए स्काॅलर का इंतजाम. सिर्फ दाम लेकर उत्तर पुस्तिका में विकल्प की दे दी जानकारी, और हो गया बड़ा खेल ! साल भर परीक्षा के लिए तैयारी करने वालों को इस तरह बड़ा झटका लगा है. अभ्यर्थियों ने भी नेशनल एकेडमी ऑफ इंडियन रेलवे के साथ रेलवे बोर्ड चेयरमैन, रेल मंत्री महोदय को शिकायत भेजकर प्रश्नपत्र व उत्तर विकल्प पर सवाल खड़े किये हैं. इसके साथ ही फिर से परीक्षा आयोजित करने का अनुरोध किया है. अब इन अभ्यार्थियों की नजर रेलवे बोर्ड की चेयरमैन और रेलमंत्री के अगले कदम पर टिकी हुईं हैं.