- अग़वा बच्ची को बचाने के लिए ललितपुर से भोपाल तक बिना रुके चलायी गयी ट्रेन
भोपाल. शायद यह पहला मौका होगा जब किसी बच्ची को बचाने के लिए रेलवे ने 200 किमी तक बिना रुके ट्रेन को चलाया. इस बीच रेलवे ने अपनी उपलब्धियों का खूब ढ़िंढ़ोरा पीटा. ट्वीटर पर जमकर सिस्टम की तारीफ की गयी लेकिन जब सच सामने आया तो बात कुछ और ही निकली. जिसे बच्ची का अपहरणकर्ता समझकर भोपाल में पकड़ा गया वह उसका पिता निकला. पत्नी की चुप्पी और गलत शिकायत पर आरपीएफ, रेल पुलिस और रेलवे का पूरा सिस्टम घंटों परेशान रहा.
उत्तर प्रदेश के ललितपुर स्टेशन पर आरपीएफ व रेल पुलिस को सूचना दी गयी थी कि एक व्यक्ति तीन साल की बच्ची का अपहरण कर भोपाल जाने वाली ट्रेन में सवार हुआ है. सीसीटीवी फुटेज में इसका पता चलने के बाद रेल पुलिस सक्रिय हो गयी. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार ललितपुर के एसपी मिर्ज़ा मंज़र बेग ने बताया कि रविवार 25 अक्टूबर की शाम एक महिला ने रेलवे स्टेशन पर आकर पुलिस को तीन साल की बेटी के अपहरण की सूचना दी थी. महिला ने यह भी बताया कि अपहरणकर्ता एक ट्रेन में चढ़ा है. सीसीटीवी फ़ुटेज में बच्ची को लेकर राप्तीसागर एक्सप्रेस में चढ़ते देखा गया. इसके बाद भोपाल तक ट्रेन को नॉन-स्टॉप चलाया गया.
भोपाल में पहले से अलर्ट पुलिस ने बच्ची को बरामद कर लिया. लेकिन अपहर्ता कोई और नहीं बल्कि बच्ची का पिता निकला. पता चला कि पति-पत्नी के बीच विवाद के बाद पति बच्ची को लेकर भाग आया था. उधर, पत्नी ने यह नहीं बताया था कि बच्ची को लेकर उसका पिता ही गया है. इसलिए यह गलतफहमी पैदा हुई. बाद में पुलिस वालों की मौजूदगी में वह बच्ची को लेकर फिर ललितपुर आया.
पुलिस के मुताबिक़, बच्ची के पिता लक्ष्मी नारायण ललितपुर के आज़ादपुरा में किराये पर रहते हैं. पति पत्नी में किसी बात को लेकर विवाद हो गया तो लक्ष्मी नारायण बाहर खेल रही अपनी ही बच्ची को लेकर चले गए. चूंकि उनका घर रेलवे स्टेशन के पास ही है इसलिए बच्ची की मां और दूसरे लोगों ने उसे ले जाते हुए देख लिया और स्टेशन तक पीछा किया. हालांकि बच्ची की मां का कहना है कि उसे ये नहीं पता था कि लक्ष्मी नारायण ही बच्ची को लेकर जा रहे हैं.