- सीटू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे बासुदेव, कई श्रमिक संगठनों से था जुड़ाव
KOLKATTA. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो सदस्य, अनुभवी कम्युनिस्ट, सांसद और ट्रेड यूनियन नेता कॉ बासुदेब आचार्य (81) का सोमवार को निधन हो गया है. वह एक माह से बीमार चल रहेथे. हैदराबाद में इलाज के दौरान 12. 30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. बासुदेव आचार्य नौ बार लोकसभा सांसद रहे थे.
रेलवे कर्मचारियों के बीच बासुदा की लोकप्रियता थी. सरल और मिलनसार व्यक्तित्व के श्रमिका नेता की छवि रखने वाले बासुदेव अखिल भारतीय कोल वर्कर्स फेडरेशन के अध्यक्ष के रूप में कोयला कामगारों के हितों की रक्षा के लिए सदा तत्पर रहे. वह रेलवे स्टीयरिंग कमेटी के चेयरमैन रह चुके थे.
बासुदेव आचार्य के निधन पर रेलवे यूनियन के नेता तापस चट्टराज ने शोक जताया हैं. रेलहंट के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि उनके निधन से मजदूर आंदोलन को भारी क्षति हुई है. 11 जुलाई 1942 को पुरुलिया में जन्मे आचार्य छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़ गये थे. उन्होंने स्कूल शिक्षक की नौकरी छोड़ दी और पार्टी के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गये.
वह 1981 में पार्टी की पुरुलिया जिला समिति के लिए, 1985 में पश्चिम बंगाल राज्य समिति के लिए और 2005 में पार्टी की केंद्रीय समिति के लिए चुने गए. 2018 में उन्हें केंद्रीय नियंत्रण आयोग के अध्यक्ष के रूप में चुना गया. ट्रेड यूनियन आंदोलन में सक्रिय बासुदेब आचार्य मुख्य रूप से रेलवे और कोयला श्रमिकों के नेता माने जाने थे. वह सीटू के उपाध्यक्षों में से एक भी थे.
उत्कृष्ट सांसद के रूप में 1980 से 2009 तक नौ बार लोकसभा के लिए चुने गए बासुदेव आचार्य ने हमेशा जनहित के मुद्दों को उठाया और लगातार मजदूरों के लिए संघर्ष करते रहे. रेलहंट की बासुदेब आचार्य को भावभीनी श्रद्धांजलि.