तारकेश कुमार ओझा , खड़गपुर
दक्षिण पूर्व रेलवे खड़गपुर मंडल अंतर्गत बारीपदा में हेरिटेज म्यूजियम का लोकार्पण बुधवार यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी और विकास के संकल्प के साथ हुआ. 1.40 करोड़ की लागत से छह हजार स्क्वायर मीटर में फैले हेरिटेज रेलवे म्यूजियम का कायाकल्प कार्य हाल में पूरा किया गया. म्यूजियम का आकर्षक शेड के भीतर रेलवे ट्रैक पर इंजन और कोच होंगे, इसके अलावा यहां बागीचा, शौचालय, बुकिंग काउंटर, आगंतुकों के लिए शेड व कुर्सियां, विद्युत सज्जा की भी व्यवस्था की गयी है.
समारोह में केंद्रीय जन शक्ति व ट्राइबल अफेयर मंत्री विशेश्वर टुडू और एमएलएल बारीपदा प्रकाश सोरेन , दक्षिण पू्र्व रेलवे के मुख्य वित्त सलाहकार प्रशांत मिश्रा और खड़गपुर के डीआरएम मनोरंजन प्रधान समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे.
मयूरभंज साम्राज्य के गौरवशाली इतिहास को संरक्षित करने के लिए रेल मंत्रालय ने बारीपदा रेलवे स्टेशन पर इस संग्रहालय को बनाने का निर्णय लिया. दक्षिण पूर्व रेलवे, खड़गपुर रेलमंडल ने लगभग 1.55 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से परियोजना का निर्माण शुरू किया. भारतीय रेलवे के गौरवशाली इतिहास को याद रखने और संरक्षित करने के लिए यह पहल अनोखी थी. संग्रहालय में दो इंजनों और उनके डिब्बों को रखा गया है। लोगों के लिए एक पार्क भी बनाया गया है.
समारोह में बोलते हुए वक्ताओं ने यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी तथा खास तौर से बूढ़ामारा रेल खंड को चाकुलिया से जोड़ने पर बल देते हुए कहा कि इससे रेल यातायात सुगम होगा और क्षेत्रवासियों के लिए टाटानगर-मुंबई आदि जाना आसान होगा.
बता दें कि मयूरभंज में रेलवे का इतिहास 1904 से पहले का है जब रूपसा-बांगिरीपोसी नैरो गेज लाइन का काम महाराजा श्रीराम चंद्र भंज देव द्वारा शुरू कराया गया था. तत्कालीन राजा श्रीराम चंद्र भंज देव इंग्लैंड से तीन भाप और डीजल इंजन लाए थे. प्रारंभ में रूपसा से बारीपदा तक एक ब्रॉड गेज लाइन बिछाई गई थी और फिर इसे बंगिरीपोसी से तलबंद तक बढ़ा दिया गया था. बारीपदा रेलवे स्टेशन के पास बनाये गये इस म्यूजियम में रेलवे का इतिहास देखा जा सकता है.