- 9 नवंबर को ट्रेन चालकों ने यूनियन नेताओं के नेतृत्व में सीएमएस का किया था घेराव
BANDAMUNDA. बंडामुंडा के रेलवे अस्पताल में लंबे समय से विवाद से जुड़े रहने वाली डॉ सांगा का तबादले आदेश जारी होने के बाद भी अब तक उन्हें रिलीव नहीं किया गया है. डॉ सांगा ने खुदको बीमार बताते हुए बंडामुंडा रेलवे अस्पताल में 27 नवंबर के दिन सिक कर दिया था. इसके बाद वह बंडामुंडा रेल अस्पताल में भर्ती रहे, लेकिन एक दिन बाद ही अस्पताल से छुट्टी ले ली. उसके बाद से उनके तबादले और पदस्थापन को लेकर सस्पेंश बना हुआ है.
बंडामुंडा रेलवे अस्पताल के सीएमएस डॉ संजीव कुमार ने भी इस मामले में साफ तौर पर कुछ भी कहने से परहेज किया है. हालांकि स्थानीय रेल कर्मचारी इस तबादले को हाई प्रोफ़ाइल ड्रामा बता रहे. यहां ताे चर्चा यह हो रही है कि रेलवे प्रशासन डॉ सांगा को तबादला कराने के बाद भी बंडामुंडा अस्पताल से रिलीफ नहीं कर पा रहा है. अब इसका कारण रेलकर्मियों के समझ से बाहर है.
उल्लेखनीय है कि पिछले 9 नवंबर के दिन राउरकेला क्रू लॉबी के सैकड़ों ट्रेन चालकों ने दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस यूनियन और मेंस कांग्रेस के नेतृत्व में बंडामुंडा रेलवे अस्पताल पहुंचकर सीएमएस डॉ संजीव कुमार का घेराव किया था. दोनों यूनियनों के नेता डॉ सांगा के तबादले की मांग पर अड़ गए थे. ट्रेन चालकों का आरोप था कि डॉ सांगा की लापरवाही के कारण ही एक ट्रेन चालक को जिंदगी गंवानी पड़ी.
उस समय भी रेल प्रशासन दोनों ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों की बातों को अनसुना कर दिया. अब जोन में जीत कर आये रेलवे मेंस यूनियन के नेता भी इस मामले में मौन साध चुके हैं. यहां इस बात की चर्चा तेज है कि मेंस यूनियन के नेताओं ने चुनाव को लेकर इस मुद्दे पर विरोध दर्ज कराया था अब जीत के बाद वह भी प्रशासन की हां में हां मिलाने में जुट गये हैं.
डॉ के तबादले और उन्हें रिलीव करने के मुद्दे पर किये गये आंदोलन पर फिलहाल रेलवे मेंस यूनियन के नेताओं ने भी चुप्पी साध रखी है. दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्यालय गार्डनरिच के सी.एच.डी डॉ डी.डी चौधरी ने इस मामले पूछने पर बताया कि सीएमडी डॉ अंजना मलहोत्रा छुट्टी पर है. सोमवार उनके ज्वॉइन करने के बाद ही इस मामले में कुछ पता चल सकेगा.