- दक्षिण पूर्व रेलवे के इस प्रसिद्ध खेल मैदान में ऑल इंडिया फुटबॉल टूर्नामेंट हो चुके है आयोजित
- कहीं दलदल में तब्दील हो गया मैदान तो कहीं बन गया प्रेमियों का मिलन स्थल
BANDAMUNDA. रेलनगरी बंडामुंडा के सी-सेक्टर स्थित बंडामुंडा स्पोर्ट्स एसोसिशन का खेल मैदान और बी-सेक्टर स्थित सेरसा खेल मैदान की क्षेत्र में एक स्वतंत्र पहचान है. इन दोनों मैदानों में कभी खिलाड़ी उछल कूद करते दिख जाया करते थे. सुबह-शाम ये मैदान खेल और खिलाड़ियों से भरे नजर आते थे. लेकिन आज हालात बदल गए हैं.
बंडामुंडा स्पोर्ट्स एसोसिशन का खेल मैदान इनदिनों पूरी तरह से दलदल में बदल चुका है. मैदान के दलदल में इंसान तो दूर जानवर भी नजर नहीं आते है. बंडामुंडा इंजीनियरिंग विभाग (आईओडब्लू दो) की लापरवाही का ही नतीजा है जो आज इस खेल मैदान को दलदल मैदान से जाना जाने लगा है. कुल मिलाकर यह मैदान खत्म हो चुका है. यहां खेल की गतिविधियों लगभग पूरी तरह ठप हो चुकी हैं.
अब अगर सेरसा मैदान की बात करें तो यह ना तो सिर्फ शहर का बल्कि दक्षिण पूर्व रेलवे का एक प्रसिद्ध मैदानों में से है. यहां प्रति वर्ष होने वाले ऑल इंडिया फुटबॉल टूर्नामेंट ने सुंदरगढ़ जिले के साथ-साथ भारतीय रेल में अपनी खास पहचान बनाई थी. लेकिन रेलवे प्रशासन की लापरवाही के कारण इस मैदान में करीब आठ वर्षों से फुटबॉल टूर्नामेंट बंद पड़ा हुआ है. नतीजा यह है कि अब इस मैदान में खिलाड़ियों के बजाए प्रेमी जोड़े ही नजर आते है. शाम होते ही इस मैदान में प्रेमी जोड़े और शराबियों का अड्डा बना रहता है.
धीरे धीरे सेरसा मैदान ने तो अपनी खूबसूरती भी खो चुका है. लेकिन बंडामुंडा के इन दोनों मैदान का अस्तित्व खत्म हो जाने से स्थानीय खेल प्रेमी काफी चिंतित नजर आ रहे है. उन्हें डर संताने लगी है कि आनेवाला युवा पीढ़ियों के लिए खेल और खेल का मैदान कहीं इतिहास बनकर ना रह जाए. कॉलोनी में रहने वाले रेल कर्मचारी भी चाहते है कि खेल मैदान को रेलवे प्रशासन के द्वारा दुबारा दुरस्त किया जाए ताकि युवा पीढ़ी खेल से न भटक जाए. अब ऐसे हालात में रेलवे प्रशासन अपने कॉलोनी के मैदानों को दुरस्त करने में कितना तत्पर हो पाएंगे यह देखना बाकी रहा.