NEW DELHI. बालासोर रेल हादसा मानवीय भूल व तकनीकी चूक का कारण था. दो जून की शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) बालासोर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन के लूप लाइन में मालगाड़ी से टकरा गयी थी. उसी समय बेंगलुरू से कोलकाता जा रही के अंतिम दो डिब्बों बेपटरी हुए कोरोमंडल के डिब्बों से टकरा गये. इस कारण बड़ी संख्या में मौतें हुई. ट्रेन दुर्घटना की वजह सिगनल की खामी का माना गया है. हाई लेवल कमेटी ने माना है कि कई चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया गया, अगर यह किया गया होता तो जानें बच सकतीं थी.
रेल सुरक्षा आयुक्त (CRS) ने अपनी रिपोर्ट में रेलवे के सिग्नलिंग और टेलीकॉम विभाग में कई स्तरों पर की खामियों को दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है. इसमें बताया गया है कि नॉर्थ सिग्नल गुमटी पर किए गए सिग्नलिंग-सर्किट-अल्टरेशन में हुई खामियां और स्टेशन के गेट नंबर 94 पर लेवल क्रॉसिंग के लिए इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के प्रतिस्थापन से संबंधित सिग्नलिंग कार्य दुर्घटना का कारण बने.
बहानगा बाजार स्टेशन का सिस्टम
बाहानगा बाजार स्टेशन पर लेवल क्रॉसिंग गेट 94 पर ‘इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर’ को बदलने के कार्यों के लिए “स्टेशन-विशिष्ट अनुमोदित सर्किट आरेख (डायग्राम) की आपूर्ति न करना एक ‘गलत कदम था, जिसके कारण गलत वायरिंग हुई जो इसका कारण बनी.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भी हादसे की जांच कर रही है. सूत्रों के अनुसार दक्षिण पूर्वी सर्कल के सीआरएस एएम चौधरी ने रिपोर्ट में सिग्नल की खामियां काे चिह्नित किया है. बताया है कि एलसी94 पर मरम्मत कार्य किया गया था. शाम 4.20 बजे कनेक्शन काटने का आदेश दिया गया और 2 जून को उसी दिन शाम 4.50 बजे जोड़ दिया गया था. जबकि सिग्नल एंड टेलीकम्युनिकेशन विभाग के कर्मचारी कनेक्शन होने के बावजूद सर्किट पर काम कर रहे थे.
मालूम होकि 2 जून की शाम इस ट्रेन हादसे में कम से कम 293 लोग मारे गए थे जबकि 1,000 से अधिक घायल हुए हैं.
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