रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
भारतीय रेलवे में आठ श्रेणियों के विभिन्न 5285 पदों के लिए एक समाचार पत्र में एक निजी एजेंसी के नाम से विज्ञापन जारी कर करोड़ों की हेराफेरी का प्रयास किया गया है. हालांकि इसका पता चलते ही रेलवे को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा है. रेलवे ने स्पष्ट किया है कि किसी भी भर्ती के लिए विज्ञापन हमेशा भारतीय रेलवे द्वारा ही निकाला जाता है, किसी भी निजी एजेंसी को इसके लिए अधिकृत नहीं किया गया है. रेलवे ने #Avestran Infotech” के नाम से एक संगठन द्वारा वेबसाइट www.avestran.in पर 8 अगस्त 2020 को एक प्रमुख समाचार पत्र में दिये गये विज्ञापन को फर्जी करार दिया है. इस विज्ञापन में आठ पदों के लिए 11 साल के अनुबंध पर आउटसोर्सिंग में 5285 पदों पर बहाली करने की बात कही गयी है.
जारी किये गये फर्जी विज्ञापन में आवेदकों को ऑनलाइन शुल्क के रूप में 750 रुपये जमा कराने को कहा गया है और आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 10 सितंबर 2020 दी गयी है. रेलवे में बड़ी संख्या में आवेदन करने वालों को गुमराह कर धोखाधड़ी करने से जारी किये गये इस विज्ञापन के माध्यम से करोड़ों रुपये की हेराफेरी करने का बड़ा प्रयास किया गया है. एक अनुमान के अनुसार अगर इस विज्ञापन के झांसे में आकर 50 लाख बेरोजगार भी आवेदन देते है तो साइबर अपराधियों के खाते में लगभग 375 करोड़ रुपये सहज ही आ जाते हैं. हालांकि मामला सामने आने के बाद शुल्क व आवेदन के लिए दिये गये वेबसाइट को बंद कर दिया गया है.
यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सकता है कि इस विज्ञापन को देखकर कितने लोगों ने आवेदन के साथ राशि जमा करा दी है. यह राशि लाखों या करोड़ों में हो सकती है. इसकी जांच अब रेलवे कर रही है. रेलवे ने उपरोक्त एजेंसी / उपरोक्त मामले में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकेत दिया है.
रेलवे की ओर से बताया गया है कि ऐसा विज्ञापन जारी करना गैरकानूनी है. स्पष्ट किया गया है कि भारतीय रेलवे पर समूह ‘ग’ और पूर्ववर्ती समूह ‘घ’ की विभिन्न श्रेणियों की भर्ती वर्तमान में 21 रेलवे भर्ती बोर्डों (आरआरबी) और 16 रेलवे भर्ती सेल (आरआरसी) द्वारा की जाती है, इसके लिए किसी अन्य एजेंसी को जिम्मा नहीं दिया गया. रेलवे की रिक्तियां केंद्रीय रोजगार सूचना (CENs) के माध्यम से व्यापक प्रचार देकर मंगायी जाती है. रेलवे ऑनलाइन आवेदन लेता है. इसकी जानकारी रोजगार समाचार के माध्यम से प्रकाशित की जाती है. भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो के माध्यम से रेलवे मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण जारी किया है.
रेलवे को भागलपुर के एक अखबार में 8 अगस्त 2020 के अंक में विज्ञापन की जानकारी मिली थी. इसके बाद पता चला कि कई शहरों के स्थानिय अखबारों में भी यह विज्ञापन दिया गया है. इसमें जमशेदपुर. रांची , धनबाद सहित बिहार के शहर शामिल थे. यह बताया जाता है कि अंवेस्ट्रान इन्फोटेक भागलपुर की ही एजेंसी है. इसके बाद रेलवे ने आनन-फानन में इसका खंडन किया. दक्षिण पूर्व रेलवे की ओर से बकायदा इसके लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर बताया गया कि यह बहाली फेक है लोग इस पर ध्यान न दें.