Connect with us

Hi, what are you looking for?

Rail Hunt

न्यूज हंट

Andal : रेलवे अस्पताल के शौचालय में लटकता मिला रेलकर्मी, पत्नी ने कहा – अफसरों की प्रताड़ना से उजड़ गया सुहाग

Andal : रेलवे अस्पताल के शौचालय में लटकता मिला रेलकर्मी, पत्नी ने कहा - अफसरों की प्रताड़ना से उजड़ गया सुहाग

Andal : अंडाल रेलवे अस्पताल में रेलकर्मी का संदिग्ध परिस्थितियों में शव बरामद किया गया है. मंगलवार की सुबह अस्पताल के बाथरूम से मृत्युंजय माझी (46) का शव खिड़की के रॉड से लटकता मिला. बताया जाता है कि रेलकर्मी ने बाथरूम में गले में रस्सी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है. वहीं मृतक की पत्नी ने यह कहकर रेलवे अधिकारियों को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है कि मानसिक प्रताड़ना के कारण पति को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा. उसका सुहाग उजड़ने के लिए जिम्मेदार रेलवे अधिकारी हैं.

सुने मृतक रेलकर्मी के सहयोगी ने क्या बताया …  

मृत्युंजय माझी रेलवे इंजीनियर विभाग के पोस्ट ट्रैक मेंटेनेंस विभाग का कर्मचारी था. वह मानसिक रूप से लगातार बीमार चल रहा था और इलाज के लिए यहां भर्ती था. अस्पताल में उसके आत्महत्या की खबर फैलते ही कर्मचारी के परिवार के लोग और सहकर्मी अस्पताल पहुंचे गये. लोगों ने यहां जमकर विरोध किया और रेलवे इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाया. भारी आक्रोश के कारण अस्पताल परिसर में तनाव बन गया था जिसे पुलिस ने किसी तरह काबू किया.

अधिकारियों के दबाव में ले लिया था डिमोशन  

मृत्युंजय मांझी ने एसएससी इंचार्ज से लेकर सेक्शन इंचार्ज तक के हाथ-पैर पकड़े और अपनी परेशानी बतायी लेकिन उसकी एक न सुनी गयी. उसने एसएससी से लेकर सेक्शन इंचार्ज तक के सामने अपनी बात रखी. उसे यहां तक कह दिया गया कि वह डिमोशन ले ले. इसके बाद बाद उसने 2800 से 2400 ग्रेड पे में डिमोशन ले लिया उसके बाद भी उसे हीरापुल में रखा गया. शारीरिक रूप से परेशान मृत्युंजय ने लगातार अधिकारियों के पास गुहार लगायी लेकिन उसे राहत नहीं दी गयी.

सेक्शनल इंचार्ज और एसएससी जिम्मेदार ! 

इंजीनियरिंग के विभाग के कर्मचारियों ने मीडिया को बताया कि मृत्युंजय मांझी को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था. वह शारीरिक रूप से परेशान था तो उसे मानसिक प्रताड़ना भी छुट्टी को लेकर दी जा रही थी. मानसिक रूप से उसे प्रताड़ित करने के लिए इसके लिए सीधे तौर पर सेक्शन इचार्ज रुपेश कुमार और SSC रामाशीष पासवान ही जिम्मेदार है जिन्होंने उसे यहां तक कह दिया कि छुट्टी लेनी है तो अस्पताल में भर्ती हो जाओ. उसे लगातार परेशान किया गया.

काम के लिए स्टॉफ नहीं है तो घर में क्यों रखते है 

रेलकर्मियों ने आरोप लगाया कि छुट्टी मांगने पर रेलकर्मियों को स्टॉफ कम होने का तर्क दिया जाता है. उन्हें अवकाश नहीं दिया जाता और लगातार कर्मचारी मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान होकर ड्यूटी करने को विवश होते हैं. रेलकर्मियों ने यहां तक सवाल उठाया कि अगर स्टॉफ कम है तो रेलकर्मियों को अधिकारियों के घर में क्यों लगाया जाता है? जांच करने से इस मामले में बड़ा खुलासा हो सकता है. हालांकि इस मामले में अब तक रेल प्रशासन के किसी अधिकारी ने मुंह नहीं खोला है.

Spread the love
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

ताजा खबरें

You May Also Like

रेलवे जोन / बोर्ड

रेलवे यूनियन चुनाव में OPS नहीं बन सका मुद्दा, UPS पर सहमति जताने वाले संगठन फिर से सत्ता पर काबिज  KOLKATTA/NEW DELHI. रेलवे ट्रेड...

रेलवे जोन / बोर्ड

हाईटेक रेल-कम-रोड निरीक्षण वाहन और अत्याधुनिक रेलवे ट्रैक हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम को अश्विनी वैष्णव ने देखा  कहा – अगले पांच वर्षों में सभी रेल...

न्यूज हंट

ROURKELA. हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग के राउरकेला स्थित कलुंगा रेल फाटक के पास मंगलवार 17 दिसंबर की रात करीब साढ़े नौ बजे एक भीषण रेल...

रेलवे जोन / बोर्ड

NEW DELHI. रेलवे यूनियनों की मान्यता के चुनाव में दोनों फेडरेशन (AIRF/NFIR) फिर से केंद्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करने में सफल रहे हैं. ...